सागर में मातृशक्ति को समर्पित ‘सप्तशक्ति संगम’ का भव्य आयोजन

सागर में मातृशक्ति को समर्पित ‘सप्तशक्ति संगम’ का भव्य आयोजन

प्रेरक माताओं का सम्मान, ‘पंच परिवर्तन’ विषय पर हुआ विमर्श

*सागर।* भारतीय संस्कृति, नारी चेतना और राष्ट्र भावना को समर्पित ‘सप्तशक्ति संगम’ का भव्य आयोजन 26 अक्टूबर 2025 को सागर के पद्माकर सभागार में संपन्न हुआ। विद्याभारती के तत्वावधान में सरस्वती शिशु मंदिर, मोतीनगर द्वारा आयोजित यह संगम राष्ट्र सेवा में समर्पित ‘संघ’ के शताब्दी वर्ष को समर्पित रहा। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज की विशिष्ट माताओं को सम्मानित कर नई पीढ़ी में आदर्श जीवन मूल्यों एवं मातृशक्ति के प्रति श्रद्धा का संचार करना था।

विषय — “पंच परिवर्तन”
कार्यक्रम का मुख्य विषय “पंच परिवर्तन” रहा, जिसके अंतर्गत कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, स्व-बोध और नागरिक कर्तव्यों के प्रति महिलाओं में जागृति लाने पर विस्तार से चर्चा हुई। यह संगम नारीशक्ति, संस्कृति और समाजसेवा का स्नेहिल संगम बनकर एक सशक्त, संवेदनशील और जागरूक भारत के निर्माण का संदेश देता दिखा।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसके पश्चात कु. रितिका मिश्रा और त्रिशा राजपूत ने मधुर संस्कृत वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम की प्रस्तावना श्रीमती रश्मि अरेले (जिला संयोजक, सप्तशक्ति संगम) द्वारा रखी गई।

मुख्य अतिथि एवं वक्ता श्रीमती अरूणा सारस्वत (अखिल भारतीय संरक्षक, भारतीय शिक्षण मंडल, नई दिल्ली केंद्र–उज्जैन) ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि आज केवल पर्यावरणीय प्रदूषण ही नहीं, बल्कि वैचारिक प्रदूषण भी समाज को प्रभावित कर रहा है। इस स्थिति को सुधारने में महिलाओं की भूमिका निर्णायक है, क्योंकि नारी ही परिवार और समाज की प्रथम शिक्षिका है।कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. प्रतिभा तिवारी (प्रदेश उपाध्यक्ष, भारतीय स्त्री शक्ति, मध्यप्रदेश) ने की।

प्रदेश सहसंयोजक श्रीमती स्वर्णलता सोनी ने अपने संबोधन में कहा कि समाज का आधा हिस्सा महिलाओं का है, इसलिए हर सामाजिक परिवर्तन में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
महिलाएँ अपनी आदतों, संस्कारों और जीवनचर्या में सुधार लाकर परिवार और समाज दोनों में समरसता का वातावरण बना सकती हैं।

कार्यक्रम में पाँच विशिष्ट माताओं को उनके आदर्श जीवन और योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

– *श्रीमती गीता गुप्ता* को पति के निधन के उपरांत बालकों का उत्कृष्ट पालन-पोषण करते हुए उन्हें उच्च शिक्षा दिलाने और स्वावलंबन की ओर प्रेरित करने के लिए सम्मानित किया गया।
– *श्रीमती कोषाबाई यादव* (ग्राम चितौरा) को अपने तीनों पुत्रों को राष्ट्र सेवा हेतु भारतीय सेना में भेजने हेतु सम्मान प्राप्त हुआ।
– *श्रीमती भारती लोधी* (ग्राम पिपरिया करकट) को 33 सदस्यीय संयुक्त परिवार को एकता के सूत्र में बाँधकर एक ही रसोई में संचालन करने और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के कारण सम्मानित किया गया।
– *वृंदा प्रधान अजमेरा* को कम आयु में ही विभिन्न जनप्रतिनिधियों की सभाओं का संचालन करने की असाधारण प्रतिभा के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उन्होंने अपने अनुभव भी साझा किए।
– *श्रीमती अर्चना पांडेय* (बीआरसी) को उनके पुत्र के भारतीय नौसेना में सेवाएं प्रदान करने के उपलक्ष्य में सम्मान प्राप्त हुआ।कार्यक्रम के अंत में डॉ. ममता सिंह ने प्रश्नोत्तर सत्र का संचालन किया, जबकि डॉ. वंदना गुप्ता ने आभार ज्ञापन किया। समापन श्रीमती अंजली दुबे (संयोजक, मोतीनगर विद्यालय) द्वारा सामूहिक संकल्प के साथ हुआ। आयोजन की सफलता में ज़िला संयोजक श्रीमती रश्मि अरेले, सरस्वती शिशु मंदिर, मोतीनगर के संपूर्ण शिक्षक–कर्मी वर्ग एवं सभी सहसंयोजकों का सक्रिय योगदान उल्लेखनीय रहा।

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