खुरई की कृषि उपकरण इंडस्ट्री गुणवत्ता और विश्वसनीयता के लिए प्रसिद्ध -भूपेन्द्र सिंह

खुरई की कृषि उपकरण इंडस्ट्री गुणवत्ता और विश्वसनीयता के लिए प्रसिद्ध -भूपेन्द्र सिंह

खुरई। किसी भी व्यवसाय में ब्रांड की सफलता उसकी गुणवत्ता और विश्वसनीय से तय होती है। इसमें समय लगता है लेकिन बड़ा दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित हो जाता है। “एक जिला एक उत्पाद“ में चयनित खुरई की कृषि उपकरण इंडस्ट्री ने इन्हीं विशेषताओं के कारण देश और प्रदेश के कृषि जगत में अपना स्थान बनाया है। यह स्वदेशी उत्पादों की सफलता का बड़ा उदाहरण है। यह बात पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह ने यहां धनतेरस पर एक पेट्रोलियम प्रतिष्ठान के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही।

पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि खुरई के कृषि उपकरणों को मिलने वाली प्राथमिकता बताती है कि यहां की तकनीक बेहतर है। पिछले आठ सालों में खुरई में फाउंड्री की संख्या 75 हो गई। पेट्रोल पंप दो से बढ़ कर 12 हो गये। सुविधाएं और बढ़ेंगी तो और बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं। आयरन का डिपो हो, बड़ी कटर मशीनें हों तो छोटी छोटी इंडस्ट्रीज और लग सकती हैं और खुरई कृषि उपकरणों के क्षेत्र में देश का हब बन सकता है।उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास से सभी क्षेत्रों का विकास होता है। यहां इसकी संभावनाएं हैं। खुरई में भूमि की उपलब्धता, बीना नदी परियोजना से पानी की सुलभता, बीना रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल कांप्लेक्स, एग्रो उत्पादों की बहुलता, बीना में रेलवे गुड्स ट्रेक, सभी ओवरब्रिजों और सड़कों का निर्माण यहां है। खुरई में भी गुड्स ट्रेक बनेगा। निर्तला में दस एकड़ भूमि को औद्योगिक इकाइयों के लिए आरक्षित किया गया है जिसमें इकाइयों के लिए 35 प्लाट निकाले गए हैं। कर्मपुरा में भी इंडस्ट्रियल एरिया बन रहा है। बीना-सागर रोड को औद्योगिक कारीडोर के रूप में घोषित किया गया है। यहां उपलब्ध शासकीय भूमि को औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए चुना जा सकता है। उन्होंने खुरई के उद्योगपति परिवारों से कहा कि खुरई में फुड बैस्ड इंडस्ट्रीज अभी लगाई जा सकती हैं। फ्लोर मिल, दाल मिल के बड़े प्रोजेक्ट यहां शुरू किए जा सकते हैं। सागर में भी 1000 करोड़ की फुड प्रोसेसिंग यूनिट लग रही है। उन्होंने बताया कि खुरई में कृषि महाविद्यालय खोला गया है और मैंने अपनी 15 करोड़ विकास निधि कृषि महाविद्यालय का भवन बनाने के लिए दी है जिससे काम शुरू हो गया है। एसडीएम  मनोज चौरसिया ने बताया कि भूमि नाप कर फेसिंग कार्य शुरू हो गया है, शीघ्र ही टेंडर प्रक्रिया होगी। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी देशवासियों से कह रहे हैं कि आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत का निर्माण करना है। इसका आधार है स्वदेशी को अपनाना। हम स्थानीय और स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करेंगे तो देश का धन देश की अर्थव्यवस्था में ही रोटेट होगा। इससे नये व्यवसायों, उद्योगों का निर्माण होगा और रोजगार के लिए विदेश जाने का चलन कम होगा। उन्होंने कहा कि विदेशों में काम की अनिश्चितता बनी रहती है। कब वहां की सरकार की नीति बदल जाए और रोजगार पर संकट आ जाए। जैसा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने वीसा के लिए 88 लाख रुपए लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें समझना होगा विदेशों के भरोसे हम आगे नहीं बढ़ सकते। स्वदेशी का उपयोग हम करें तो देश सशक्त होगा। सरदार पटेल ने कहा था कि हमें आर्थिक आजादी मिलना अभी बाकी है जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देशवासियों के लिए एकजुट और संकल्पित कर दिया है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरें घटाई हैं जिसका लाभ सभी के साथ किसानों को भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी कम होने से ट्रेक्टर पर डेढ़ लाख रुपए, ट्राली पर दस हजार, सीड ड्रिल पर 3 हजार, थ्रेसर पर 10 हजार रुपए कम हुए हैं। सीमेंट की बोरी 40 रु सस्ती हुई है। सभी प्रकार के वाहनों की कीमतों में कमी आई है जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिल रहा है। उन्होंने सभी क्षेत्र वासियों को धनतेरस की शुभकामनाएं दीं।कार्यक्रम को प्रतिष्ठान के संचालक धर्मेंद्र सिंह निर्तला, सेठ धर्मेंद्र जैन, बीना के पूर्व विधायक महेश राय, नीलेश प्रताप सिंह मिलन ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में एसडीएम मनोज चौरसिया, एसडीओपी सचिन परते, वीर सिंह दाऊ, शेर सिंह सिमरघान, चंद्रप्रताप सिंह, हेमचंद्र बजाज, एम एस ठाकुर, विजय जैन वट्टी, मूरत सिंह पिपरिया, क्षत्रिय महासभा अध्यक्ष लखन सिंह, संतोष पटेल बारधा, विकास समैया , देशराज यादव मंचासीन थे। कार्यक्रम में जिले भर से आए जनप्रतिनिधि और गणमान्य जन उपस्थित थे।

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