सांसद वानखेड़े की पहल – सागर में नागरिक हवाई अड्डा निर्माण की उम्मीद बरकरार

सांसद वानखेड़े की पहल – सागर में नागरिक हवाई अड्डा निर्माण की उम्मीद बरकरार

सागर में नागरिक हवाई अड्डा निर्माण की उम्मीद बरकरारकेंद्र ने कहा – भविष्य की बोली प्रक्रिया में होगा विचार *

सांसद डॉ. लता गुड्डू वानखेड़े की पहल पर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री श्री राम मोहन नायडू जी ने दी जानकारी **

सागर सागर जिले के लिए नागरिक हवाई अड्डे की स्थापना को लेकर एक बार फिर उम्मीदें जागी हैं, केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि सागर के निकट स्थित ढाना हवाई पट्टी, जो कि राज्य सरकार के अधीन है, क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस-उड़ान) के दस्तावेज में “असेवित हवाई अड्डों” की सूची में पहले से शामिल है। हालांकि अब तक आयोजित उड़ान योजना की पांचों बोलियों में किसी भी एयरलाइन कंपनी ने यहां से उड़ान संचालन हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया है।

      केंद्रीय नागर विमानन मंत्री श्री राम मोहन नायडू ने यह जानकारी सागर सांसद डॉ. लता गुड्डू वानखेड़े के उस पत्र के जवाब में दी है, जो उन्होंने 28 जुलाई 2025 को भेजा था। अपने पत्र में सांसद वानखेड़े ने सागर जिले के ढाना में पूर्ण विकसित नागरिक हवाई अड्डा स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया था।

      केंद्रीय मंत्री श्री नायडू ने अपने पत्र में कहा कि उड़ान योजना एक बाजार संचालित योजना है, जिसमें इच्छुक एयरलाइंस किसी विशेष मार्ग पर मांग के आकलन के आधार पर बोली लगाती हैं। यदि भविष्य की किसी बोली प्रक्रिया में कोई एयरलाइन ढाना हवाई पट्टी से उड़ान संचालन हेतु वैध प्रस्ताव प्रस्तुत करती है, तो उस पर योजना के प्रावधानों के अनुसार विचार किया जाएगा, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे हवाई अड्डे जो उड़ान योजना के तहत चयनित मार्गों में शामिल हैं और जिन्हें उड़ान संचालन के लिए उन्नयन या विकास की आवश्यकता है, उन्हें “असेवित और अल्पसेवित हवाई अड्डों के पुनरुद्धार योजना” के तहत विकसित किया जाता है। इस प्रक्रिया में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय के साथ आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाता है।

सागर को हवाई सेवा से जोड़ना समय की मांग – सांसद डॉ. लता गुड्डू वानखेड़े ने अपने पत्र में कहा था कि सागर जिला बुंदेलखंड अंचल का एक प्रमुख और सघन जनसंख्या वाला क्षेत्र है, जो न केवल सागर संभाग का मुख्यालय है बल्कि मध्य प्रदेश के भौगोलिक केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने उल्लेख किया कि सागर शिक्षा, प्रशासन, उद्योग, सुरक्षा, पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है, फिर भी यहां के नागरिकों को अब तक नागरिक हवाई सेवा का लाभ नहीं मिल पाया है। डॉ. वानखेड़े ने कहा था कि हवाई सेवा की अनुपलब्धता के कारण स्थानीय जनता और व्यावसायिक वर्ग दोनों को आवागमन में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। साथ ही, क्षेत्र के समग्र आर्थिक और औद्योगिक विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने सागर के बढ़ते रणनीतिक और औद्योगिक महत्व को देखते हुए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि सागर में शीघ्र एक नागरिक हवाई अड्डा स्थापित किया जाए ताकि इस क्षेत्र की विकास गतिविधियों को नई दिशा मिल सके।

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