प्रशिक्षु जवानों के साथ श्रीलंका सेना के जवानों ने की आईसीसीसी की विजिट

प्रशिक्षु जवानों के साथ श्रीलंका सेना के जवानों ने की आईसीसीसी की विजिट

भारतीय सेना के 600 प्रशिक्षु जवानों के साथ श्रीलंका की सेना के जवानों ने की आईसीसीसी की विजिट

इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की कार्य पद्धति जानकर प्रशिक्षु जवानों ने की सराहना सागर।

सागर शहर में यातायात नियमों का उल्लंघन करने व चोरी, लूट, डकैती, किडनेपिंग, वाहन चोरी महिला अपराध आदि छोटे-बड़े अपराधों सहित मर्डर जैसे जघन्य अपराध घटित करने पर अब उक्त अपराधी बच नहीं सकते। चारों ओर घूमने वाले अत्याधुनिक पीटीजेड कैमरों सहित 300 से अधिक संख्या में शहर के विभिन्न स्थलों पर लगे अलग-अलग प्रकार के कैमरों को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर से जोड़कर शहर को बेहतर मॉनिटर किया जा रहा है। यह बात सेना के जवानों ने सागर स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर से किए जा रहे विभिन्न नागरिक सेवाओं के बेहतर प्रबंधन एवं 24 घंटे कड़ी निगरानी के साथ सतत मॉनिटरिंग आदि कार्यपद्धति की जानकारी पाकर कही। वे सोमवार को सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) का दौरा कर इसकी अत्याधुनिक तकनीकि व कार्यपद्धति जानने आए थे। भारतीय सेना के लगभग 600 प्रशिक्षु जवानों के साथ आए श्रीलंका की सेना के जवानों ने भी आईसीसीसी की विजिट कर यहां से की जा रही विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं की बेहतर मॉनिटरिंग आदि कार्यों को विस्तार से जाना।आईसीसीसी की स्थापना के बाद से अब तक इसकी मदद से हल किए गए प्रकरणों की जानकारी देते हुए उन्हें बताया गया की आईसीसीसी की मदद से पुलिस प्रशासन ने सैकड़ों अपराधों को कम समय में फाइंड कर हल करने में सफलता पाई और अपराधियों को पकड़कर वैधानिक कार्यवाही की जा सकी है। इससे शहर में अपराधियों को हतोत्साहित किया जा सका व आपराधिक घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने जाना कि सागर के विभिन्न चौराहों पर लगे आईटीएमएस सिस्टम के कैमरों की मदद से यातायात की लाइव मॉनिटरिंग कर यातायात को व्यवस्थित करते हुए सुगम बनाया जा रहा है। यदि कोई वाहन चालक रेड लाइट वॉयलेशन, ट्रिपल राइड, नो हैलमेट जैसे यातायात नियमों का उल्लंघ करता है तो तत्काल चौराहों पर लगे आरएलवीडी एवं एएनपीआर कैमरों की मदद से उक्त वाहन की नंबर प्लेट से आरटीओ में रजिस्टर जानकारी के अनुसार ई-चालान बनता है। जिसे वे यातायात थाना या एमपी ऑनलाइन पर ई-चालान में जमा करते हैं। अब सागर में नागरिक यातायात नियमों के प्रति जागरूक हुए हैं। आईटीएमएस की मदद से यातायात को सुगम बनाने में मदद मिली ही है साथ ही एंट्री-एग्जिट पर लगे कैमरों आदि की मदद से शहर की सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद करने में मदद मिली है। विभिन्न आपराधिक गतिविधि जैसे महिला अपराध आदि पर कंट्रोल करने में मदद मिली है। इसके साथ ही जवानों को बताया गया कि आईसीसीसी से कचरा गाड़ियों की मॉनिटरिंग, सीएम हेल्पलाइन, 104, ई-गवर्नेंस, महिला सुरक्षा के लिए इंटीग्रेट निर्भया सागर मोबाइल एप आदि को भी मॉनिटर किया जा रहा है। कोविड महामारी के दौरान किए गए कार्यों की जानकारी पाकर सेना के जवानों ने आईसीसीसी की सराहना की। उन्होंने आईसीसीसी में बहुत कुछ जानने व सीखने के बाद अपनी जिज्ञासाएं भी व्यक्त कीं और उनके द्वारा पूछे गए सवालों के संतुष्टिपूर्ण जवाब टीम से पाकर आईसीसीसी विजिट के अपने बेहतर अनुभव को फीडबैक के रूप में सांझा भी किया।

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