विश्वविद्यालय: ईएमआरसी द्वारा निर्मित डॉक्युमेंट्री को दादा साहेब फाल्के अवार्ड

विश्वविद्यालय: ईएमआरसी द्वारा निर्मित डॉक्युमेंट्री को दादा साहेब फाल्के अवार्ड

विश्वविद्यालय: ईएमआरसी द्वारा निर्मित ‘तम्बूरा तान ले बंदे’ डॉक्युमेंट्री को 13वें दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का अवार्ड

वृत्त चित्र के निर्माता-निर्देशक भरतेश जैन को मिला अवार्ड, कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने दी बधाई

डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के ई.एम.एम.आर.सी. विभाग द्वारा निर्मित वृतचित्र को 13वें दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल में आई 800 के लगभग फिल्मों के आवेदन की भिन्न श्रेणीयों में से स्क्रीनिंग के लिए चयनित 300 फिल्मों में से 35 अवार्ड भिन्न श्रेणियों में दिये गये। जिसमें से फिल्म निर्माता निर्देशक भरतेश जैन को 13वें अन्तराष्ट्रीय दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल नई दिल्ली में आयोजित समारोह में डॉक्यूमेन्ट्री कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला है जो कि पूरे बुन्देलखण्ड कि लोक संस्कृति एवं लोक संगीत के लिए गौरव की बात है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने इस उपलब्धि पर वृत्तचित्र निर्देशक भरतेश जैन एवं ई.एम.एम.आर.सी के सभी सदस्यों बधाई देते हुए कहा कि भविष्य में और भी बड़े लक्ष्य हासिल करें, मेरी शुभकामनाएं हैं. इस अवसर पर ई.एम.एम.आर.सी के निदेशक डॉ. पंकज तिवारी ने केंद्र के सभी सदस्यों के कार्य की सहृदय प्रशंसा की और बधाई दी। माधव चंद्रा एवं रिर्सच आफीसर राकेश ठाकुर ने बताया की केंद्र द्वारा निर्मित कई फिल्म और वृत्त चित्र विभिन्न फिल्म समारोहो में शामिल किये जा रहे हैं. निर्देशक भरतेश जैन ने बताया कि इस वृत्तचित्र में तम्बूरा के माध्यम से सम्पूर्ण लोक संगीत एवं लोक कलाकारों की बात कही गई है। बुन्देलखण्ड के लोक संगीत आधारित इस वृतचित्र में बुन्देलखण्ड की समस्त लोकसंगीत की विधाओं को आधार बनाते हुए तम्बूरा गायन को प्रस्तुत किया गया है। जिसके मूल में मनोरंजन के साथ आध्यात्म और संसार मुक्ति का भाव ही दिखाई देता है। किया गया। फिल्म की लगभग शूटिग ऑउट डोर की गई, जिसमें सागार के आसपास की सभी लोकेशनों को ही प्राथमिकता दी गई। स्थानीय लोक कलाकारों के साथ स्थापित लोक कलाकार शिव रतन यादव एवं रंगमंच और सिने कलाकार रवींद्र दुबे (कक्का) द्वारा भी कार्य किया गया । शूटिंग कार्य में विभागीय कैमरामैन शिवकान्त सिंह एवं राजेन्द्र विश्वकर्मा के साथ शिवकान्त साहू ने अपनी प्रतिभा से सहयोग किया और फिल्म को आकर्षक बनाने में ग्राफिक्स आर्टिस्ट विक्रम जीत ने सहयोग किया. पार्श्व स्वर-ऋचा तिवारी एवं साउन्ड मिक्सिगं पार्थो घोष का है। फिल्म में तकनीकी कार्य में विभागीय इंजीनीयर सुनील कुमार सहित महबूब खान, अनंतराम साहू, चन्द्रेश गौहर, सुरेश आश्के, मोहित सेनी, रघुराज सिहं भी शामिल रहे. उन्होंने बताया कि जूरी सदस्यों में अल्फ्रेडो काल्डेरा, फिल्म डायरेक्टर वेनेजूएला, रूबेन मारिया सोरीक्वेज, डायरेक्टर एवं एक्टर इटली, राष्ट्रीय अवॉर्ड विनर जी.एल. भारद्वाज, लिया नज्जर (फिल्म डायरेक्टर जर्मनी), मिस मैली ओरोजको (फिल्म प्रोडयूसर कोलंबिया) और डॉ डी.सी.सिहं (फेस्टिवल एडवाइजर एवं जुरी कन्वेनर भारत) थे।

 

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