चुनाव से पहले भाजपा का नया मुखौटा

चुनाव से पहले भाजपा का नया मुखौटा

मै भाजपा के जन्म का चश्मदीद हूं। मैंने आपकी ही तरह भाजपा को किशोर और प्रौढ़ होते देखा है। हम भाजपा के चाल, चरित्र और चेहरे से वाकिफ हैं।हम सब जानते हैं कि भाजपा यानि भाजपा नेताओं को चौबीस घंटे सिर्फ और सिर्फ सत्ता की फ़िक्र रहती है, वरना देश में ऐसी कौन सी राजनीतिक पार्टी है जो भाजपा की तरह हो। आम चुनाव के लिए अभी चार सौ दिन बाकी हैं किन्तु भाजपा ने आम चुनाव की तैयारियां अभी से न सिर्फ शुरू कर दी हैं बल्कि अपनी चाल, चरित्र और चेहरे की भी प्लास्टिक सर्जरी करा ली है।अब भाजपा कांग्रेस की तरह सभी जातियों, धर्मों के लोगों की पार्टी बनना चाहती है। भाजपा पहले ही देश के अगड़ों – पिछड़ों आदिवासियों को अपने जाल में उलझा चुकी है।बचे अल्पसंख्यकों के लिए भाजपा ने अपना चेहरा धीरे से बदल लिया है। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा दिया है कि सभी मजहबों के कमज़ोर तबके तक पहुंच बनाने और अपनी सरकार की योजनाएं उनके बीच ले जाने की जरूरत है। पार्टी नेताओं को निर्देश देते हुए मोदी ने कहा कि हमारी मेहनत में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा उसका थोड़ा हिस्सा मीडिया के सामने आया है। मोदी जी ने कहा है कि ”बोहरा, पसमंदा और पढ़े लिखे मुस्लिमों तक भी हमें सरकार की नीतियां लेकर जानी हैं. हमें समाज के सभी अंगों से जुड़ना है और उसे अपने साथ जोड़ना है.” उन्होंने पदाधिकारियों को कहा कि समाज के सभी वर्गों तक पहुंचा जाए, यह प्राथमिकता होनी चाहिए।

उत्तरायण सूर्य होते ही उत्तरों की प्रतीक्षा बढ़ी

प्रधानमंत्री के रूप में नहीं लेकिन पार्टी के सुप्रीमो के रूप में जोर देकर कहा कि ‘- भारत का सर्वोत्तम काल आने जा रहा है। हम भारत के इस सर्वोत्तम काल के साक्षी बन सकते हैं, इसके लिए हमारे प्रयासों में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. मोदी ने कहा कि हम सब अमृत काल को कर्तव्य काल में परिवर्तित करें.’। मोदी अपने राजनीतिक सफर के हर पल की चिंता करते हैं। उन्हें याद है कि चुनाव में 400 दिन बाकी हैं। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों और हर एक कार्यकर्ता को आगाह किया है कि उन्हें एक-एक वोटर से मिलने उनके दरवाजे तक जाना है । मोदी चुनाव से पहले भाजपा को. एक सामाजिक संगठन के तौर पर प्रचारित कर जनता की आंखों में एक बार और धूल झोंकना चाहते हैं,।सारी दुनिया जानती है कि भाजपा सामाजिक संगठन नहीं बल्कि एक बुर्जुआ राजनीतिक दल है मोदी जी आम जनता से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं और अंधभक्तों के जेहन में ये बात बैठा देना चाहते हैं कि, ”बीजेपी अब केवल एक राजनीतिक पार्टी नहीं है, बल्कि इसका रूपांतरण सामाजिक संगठन के तौर पर भी हुआ है ।”मोदी जी बंगाल का काला जादू नहीं जानते लेकिन वे राजनीति के लिए जरूरी साम,दाम,दंड,भेद में दक्ष हैं।वे इसी बिनाह पर दो आम चुनाव जीत कर दिखा चुके हैं और तीसरे चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। कांग्रेस ने भाजपा की तरह चार सौ दिन पहले से अपनी चुनावी रणनीति बनाई या नहीं हमें नहीं पता। हालांकि सब मानते हैं कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा चुनावी तैयारी का ही एक हिस्सा है। मुझे नहीं लगता है कि कांग्रेस अगले 400 दिनों तक इस टेंपो को बनाए रख पाएगी या नहीं। किंतु इतना जानता हूं कि कांग्रेस के लिए भाजपा के मुकाबले खड़ा रहना आसान नहीं है। देश का भविष्य जनता तय करती है, लेकिन राजनीतिक दल जनता को बरगला कर ये महत्वपूर्ण अधिकार हथियाते आए हैं।इस कला में दक्ष कांग्रेस अब ये कला भूल चुकी है। कांग्रेस का मौजूदा नेतृत्व मोदी के प्रभा मंडल को तोड़ सके तो चमत्कार ही होगा। अब ये जनता की अग्निपरीक्षा है कि वो भाजपा की चाल, चरित्र और चेहरे से गाफिल न रहे। जनता के पास अभी चार सौ दिन हैं परीक्षण के लिए।

व्यक्तिगत विचार-आलेख-

श्री राकेश अचल जी  जी ,वरिष्ठ पत्रकार  एवं राजनैतिक विश्लेषक मध्यप्रदेश  । 

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