तो गुरू यह भी अकेले हमारे ही देश में हो सकता था सो गया , अब पूंछो कि एंसा क्या हो गया जो सिर्फ हमारे ही देश में हो सकता था । जी मुददों का मुरब्बा बना देने की जो कला हमारे देश के नेताओं और मीडिया में है उसमें तो बैठे बिठाये विश्व गुरू समझ लो माने मुददे को छोड़कर बाकी सब बकलोली करवा लो हमसे अब राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा को ही देख लो बताओ बेचारे राहुल बाबा पिछले तीन महीनों से लगातार चल रिये है और लगभग 3000 किलोमीटर चल चुके है कि 138 साल पुरानी पार्टी को लोग थोड़ा तो सीरियसली ले और जैसे तैसे लोगो ने लेना शुरू किया तो कम्बख्त नेताओं ने फिर मुददे का मुरब्बा बनाना शुरू कर दिया और बेरोजगारी , नफरती माहौल , भाईचारा , प्रेम , भ्रष्टाचार और न जाने कितने मुददों को लेकर राहुल बाबा अपनी कथित गैर राजनैतिक यात्रा निकाल रहे है उन सबको मिलाकर मुरब्बा बना दिया और मुरब्बा में निकला कि आखिर राहुल गांधी को ठंड क्यो नहीं लगती ?
अब बताओं देश में हर साल शीतलहर से हजारों लोग सड़क किनारे ठिठुरकर मर जाते है उनसे तो किसी ने कभी नहीं पूंछा कि तुम गरीब लोगो को इतनी ठंड क्यों लगती है और राहुल गांधी को दिल्ली के 7 डिग्री के टेमपरेचर में ठंड नही लग रही तो नेताओं को रात की मखमली रजाई में भी नींद नहीं आ रही , भाजपा के लफफाज नेता बिल्कुल तिलमिलाये जा रहे है कोई कह रहा है कि राहुल गांधी को बताना चाहिये वो एंसा क्या लेते है कि उन्हे ठंड नहीं लगती तो काई कह रहा है कि किसी ने राहुल गांधी को बताया नहीें होगा कि ठंड आ गई है इसलिए उन्ही लग भी नहीं रही है । मतलब राजनीति में गुरू कुछ भी चल रहा है माने कुछ भी , हलाकि अभी अपने मोदी जी ने राहुल गांधी की ठंड पर कुछ नहीं बोला है लेकिन वो बोलेंगे जरूर जैसे ही किसी राज्य में विधानसभा के चुनाव होंगे तो मोदी जी जरूर राहुल गांधी को ठंड क्यो नहीं लगती इस बात का पूरा पूरा जबाब 70 सालों के लिफाफे में लपेटकर रख देंगे।
अरे मोदी जी से याद आया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को कुछ राजनैतिक फायदा हो या न हो लेकिन आध्यात्मिक रूप से वह अब पूरी तरह भाजपा से मुकाबला करने के लिये तैयार है और राहुल गांधी के इस कड़कड़ाती ठंड में भी एक टीशर्ट पर रहने का अदभुत चमत्कार दिखाने के बाद अब कांग्रेसी भी उसी कॉन्फिडेंस के साथ राहुल को भगवान का अवतार बता रहे है जैसे भाजापा वाले अपने मोदी जी को अवतार बताते हैं , कांग्रेस सरकार में कानून मंत्री रहे सलमान खुर्शीद तो उन्हें राम बनाने पर आमादा हैं और कांग्रेसियों को भरत , अब इससे खुर्शीद साहब का जरूर कांग्रेस में कुछ बन जाये लेकिन बेचारे कांग्रेसी टेंशन में हैं कि अब्बी कोई भाजपा का लफ्फाज नेता चार माइक अपने मुँह के आगे लगाकर बोल देगा कि भरत ने तो राम से दुगना त्याग किया था तो कांग्रेसी को बनियान में यात्रा में जाना चाहिए । मुद्दे कि बात यह है कि इस ठंड में पहली बार राहुल का कद मोदी जी के बिल्कुल बराबरी का हो रिया है इससे भाजपा के साम्राज्य में तो खलबली मची ही हुई है बाकी छोटे छोटे कबीलों के सरदार भी टेंशन में आ गये है कि इस ससुरी ठंड ने तो सारी इमेज ही पलटकर रख दी और एंसी ठंड में कोई टीशर्ट पर यात्रा करने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा है सो सभी ने राहुल गांधी की यात्रा से दूरी बना ली है कि अभी मीडिया में जो फोटू आयेगा तो हम मोटी मोटी जरकिन मे होंगे और इ ससुरा इस सफेद टी शर्ट में अलग दिखेगा और विपक्षी एकता में कोई भी अलग नहीं दिखना चाहिए बस चुनाव का जो होना हो सो हो , तो सारे एक बात से भाजपा से सहमत नजर आते है कि राहुल गांधी को बताना चाहिये कि आखिर वो क्या लेते है कि उन्हे ठंड नहीं लगती ? और क्या यही तो राजनीति है कि काम की बात बस मूं से न निकले बांकी सारे मुददों का मुरब्बा बनाओं और करो जुगाली खैर बड़े लोगो के बड़े राजरोग होते है भइया अपन तो भैया आम आदमी है तो अपन को तो ठंड भी मफलर लपेटने वाली लगती है और दुनिया को ये बताने की जरूरत भी नहीं है कि हम ठंड में लेते क्या है ?
अभिषेक तिवारी
संपादक भारतभवः
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