आत्मनिर्भर राष्ट्र ही अपने राष्ट्र को सर्वाेपरि बना सकता है- महापौर

आत्मनिर्भर राष्ट्र ही अपने राष्ट्र को सर्वाेपरि बना सकता है- महापौर

राष्ट्रीय अस्मिता के लिए अवश्यक है महिला सशक्तिकरण:- श्रीमती संगीता तिवारी
स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वाधान में सागर के तिली वार्ड के दादा द्वार में निशुल्क सिलाई, कढ़ाई तथा ब्युटीपार्लर प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ करते हुए माननीय महापौर श्रीमती संगीता सुषील तिवारी ने कहा राष्ट्रीय अस्मिता के लिए महिला सशक्तिकरण अवश्यक है । इस अवसर पर सर्वप्रथम दीप प्रज्जवलन एवं केन्द्र के उपकरणों का पूजन महापौर द्वारा किया गया। तदोपरान्त स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के संस्थापक कुलपति डॉ. अनिल तिवारी ने विषय का औचित्य रखते हुए कहा की हम चाहते है कि हमारी मातृशक्ति आत्मनिर्भर हो और स्वावलंबी बने। कोई भी परिवार राष्ट्र तब तक सशक्त नही हो सकता जब तक महिलायें स्वयं सशक्त ना हो। सामाज को जगाने के लिए महिलाओं को जागृत होना जरूरी है, इसी से राष्ट्र का सर्वांगीण विकास होगा। हम छोटे-छोटे कार्य करके ही अपने परिवार की पूर्ति कर सकते है। आपने कहा पहले हम खुद सिलाई, कढ़ाई सीखे और फिर ओरांे को सिखायें अपनी अवश्यकता को पूर्ण करते हुए दूसरों की भी अवश्यकता को पूर्ण करें। स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर आपके इस प्रशिक्षण में सदैव साथ रहेगा।
मुख्य अतिथि महापौर जी ने कहा भारतीय दर्शन के अनुसार हम देखते हैं कि स्त्री-पुरूष समप्रधान है इस मूल तथ्य को कभी नही भूलना चाहिए। वैदिक काल से हम देख रहे है कि देव मंदिर हो या राजभवन जहां तक पुरूष जा सकता है महिला वहां तक पहुंच सकती है इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण गुरू वशिष्ठ और अरूणधति है स्त्री और पुरूष रथ और सार्थी के समान है। इस समरसता के लिए आवश्यक है कि हम स्वालम्बी बने और अपने परिवार के साथ समाज तथा राष्ट्र की उन्नति में हम अपना योगदान कर सकंे। आत्मनिर्भर सागर की संयोजक डॉ. प्रतिभा तिवारी का यह प्रशिक्षण अभियान महिला सशक्तिकरण को चरितार्थ करेगा। स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए नगर निगम सागर सदैव सहयोग करेगा इसका में अश्वासन देती हूँ। साथ ही जो बहने प्रशिक्षण लेने आ रही है वो पूर्ण परिश्रम के साथ अपने प्रशिक्षण को पूरा करें ऐसी मेरी शुभकामनाएँ हैं। आत्मनिर्भर सागर की संयोजक डॉ. प्रतिभा तिवारी जी ने कहा- आत्मनिर्भर राष्ट्र ही अपने राष्ट्र को सर्वाेपरि बना सकता है क्योंकि जो राष्ट्र आत्मनिर्भर होता है, अपने पैरों पर खड़ा होता है। आत्म निर्भरता का अर्थ यह नहीं है कि हम चीन के सामान या अन्य किसी देश के समान का आयात बंद कर दें। ऐसा नहीं है कि हम उनका इंपोर्ट बंद कर दंे। इसका मतलब है कि हमारा खुद का सामान इतना सस्ता और अच्छा होगा कि विदेश का सामान छोड़कर लोग स्वयं जो स्वदेशी सामान है उसको खरीदें क्योंकि कहा गया है कि जबरदस्ती कराया गया काम कुछ वर्ष लेकिन स्वेच्छा से किया गया काम उम्र भर चलता है। वहीं अपने आप में सबसे अच्छा होता है। प्रशिक्षण में अपना पूर्ण सहयोग देने वाले पार्षद तिली वार्ड श्री मनोज चौरसिया ने कहा में इस पवित्र कार्य योजना में सदैव तन-मन धन से अपना सहयोग दूंगा यदि स्थान की कमी पड़ती है तो भी में भरसक प्रयास करूंगा की किसी भी प्रकार की बाधा ना आए।इस  अवसर पर श्री एल. पी. साहू, कार्यक्रम संयोजक श्री अनिल सेन, श्री मनमोहन साहू, श्री अनिल चौरसिया, डॉ. सुनिता दीक्षित, डॉ शैलबाला बैरागी, श्रीमती ज्योति गौतम, श्रीमती सुमन तिवारी, उपस्थित रहे। कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ।

https://www.youtube.com/c/BharatbhvhTV

⇑ वीडियो समाचारों से जुड़ने के लिए कृपया हमारे चैनल को सबस्क्राईब करें और हमारे लघु प्रयास को अपना विराट सहयोग प्रदान करें , धन्यवाद।

 

Share this...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *