80 बसंत पार कर चुके डॉक्टर रावत आज भी सजाते हैं सरगम की महफिल

80 बसंत पार कर चुके डॉक्टर रावत आज भी सजाते हैं सरगम की महफिल

80 बसंत पार कर चुके डॉक्टर रावत आज भी सजाते हैं सरगम की महफिल उनका संदेश : खुश रहना है तो वर्तमान में जियो भूत-भविष्य को छोड़ो

संवाददाताl सागर डॉ सुरेश चंद्र रावत! जी हां- यह वह नाम है; जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है। बुंदेलखंड की धरती सागर में जन्मे डॉ सुरेश चंद्र रावत की बात चाहे समाजसेवा की हो या धार्मिक; राजनीतिक; सांस्कृतिक कार्यक्रम की सभी में हमेशा इनका योगदान रहता है। 80 बसंत पार कर चुके डॉक्टर रावत के कंठ में शायद सरस्वती विराजमान है। संगीत की तालीम लिए बिना डॉक्टर रावत आज भी रफी; मुकेश और नितिन मुकेश से कमतर नहीं। अपने गायन से सरगम की महफिल में तालियां बातों ने वाले पेशे से डॉक्टर रावत को चिकित्सा और गायन क्षेत्र में सीएम; डिप्टी सीएम से लेकर स्थानीय स्तर पर कई हस्तियों से अवार्ड मिल चुके हैं। जनता से सतत संवाद के कारण डॉक्टर रावत आज भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं। इतना ही नहीं साल 1990 में मारुति कंपनी ने सागर से ढाना (सागर से 20 किलोमीटर ) तक मारुति रेस का आयोजन किया था जिसमें डॉक्टर रावत ने पहला स्थान पाकर इनाम बटोरे थे। बात चाहे बुंदेलखंड की हो या देश-विदेश की सभी में उनके सशक्त हस्ताक्षर है । करीब 20 साल पहले इन्होंने अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और कैनेडी की उपस्थिति में “विश्व शांति” पर भाषण दिया था; जो विदेश की धरती पर सराहा गया था! इसके अलावा सागर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री स्वर्गीय विट्ठल भाई पटेल के नेतृत्व में मायानगरी मुंबई में भी इन्होंने अपनी दस्तक दी है। शम्मी कपूर; राज कपूर से लेकर 2000 के दशक तक के अभिनेता और अभिनेत्री से उनकी मुलाकात रही है। अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के साथ भी इन्होंने बुंदेलखंड के अनुभव साझा किए हैं। डॉ रावत मुंबई के आरके स्टूडियो में हमेशा जाया करते थे। हाल ही में डॉक्टर रावत को नेशनल इंटीग्रेटेड संगठन की ओर से सम्मानित किया गया है। एक साक्षात्कार में डॉक्टर रावत ने बताया हमारे समय में साधन संसाधन की कमी थी लेकिन प्रेम; सद्भाव और भाईचारे का बढ़ावा था। उन्होंने बताया हमारा परिवार करीब 150 साल से चिकित्सा सेवा में कार्यरत है । हम तीसरी पीढ़ी और हमारा बेटा डॉक्टर सुमित रावत चौथी पीढ़ी है; जो इस पेशे के माध्यम से जनता की सेवा कर रहे हैं। डॉ रावत बताते हैं मेरी कामयाबी में हमेशा मेरी धर्मपत्नी श्रीमती सावित्री देवी रावत ने हमसफर बनकर साथ दिया है। मेरी धर्मपत्नी भी एक अच्छी गायिका के रूप में जानी जाती है लेकिन कुछ समय से वह अस्वस्थ है।

  • बुंदेलखंड के राजनीतिक; धार्मिक; सामाजिक हर मंच पर मिलता है सम्मान

डॉ सुरेश चंद्र रावत को सागर ही नहीं बुंदेलखंड और प्रदेश के बड़े-बड़े मंच पर सम्मान से नवाजा जाता है। चाहे जनप्रतिनिधि हो या सरकारी अफसर सभी उनका सम्मान करते हैं। सागर की जानी-मानी रिदम आर्केस्ट्रा पार्टी से उनका नाता है और इसी से मंच के माध्यम से भी अपनी बेहतरीन गायकी प्रस्तुति से श्रोताओं की तालियां बटोरते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है इतनी उम्र पार करने के बाद भी जब भी सरगम की धुन निकलते हैं तो कला के कदरदान वाह…बाह… कह उठते हैं।

  • कर्तव्य और जिम्मेदारी से रहा हमेशा सीधा नाता

डॉ रावत केंट के सदर स्थित क्लीनिक पर निशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाकर जनता की सेवा करते हैं। इसके अलावा गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सहायता के लिए भी हमेशा तन-मन-धन से खड़े रहते हैं। कोरोना काल में उनकी सेवा आज भी लोगों को याद है। डॉ रावत नीमा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के अलावा तीन बार मध्यप्रदेश के अध्यक्ष चुने गए हैं। लघु उद्योग केंद्र के सेवानिवृत जनरल मैनेजर कृष्णकांत बक्शी जी द्वारा बनाई गई “मिशन संतोष क्रांति” संस्था से जुड़कर डॉ रावत प्रदेश में एक नए नवाचार करने की ललक दिल में रखते हैं। शहर में होने वाले कार्यक्रमों में वह हमेशा उनके पास आने वालों की आर्थिक मदद भी करते हैं।

  • कलह से बचाना है; सुकून से जीना है तो मोबाइल से दूर रहो

डॉ सुरेश चंद्र रावत का आज की पीढ़ी को संदेश है की मोबाइल से दूर रहे। आज पारिवारिक कलह की सबसे बड़ी वजह मोबाइल है। इसके अलावा शराब और सामाजिक बुराइयों से तौबा कर ले। तनाव से मुक्त रहो। हमेशा मुस्कुराते रहो। क्योंकि जो लोग भूत; भविष्य की चिंता करते हैं वह अपना वर्तमान खो देते हैं। 24 घंटे में से 24 मिनट ईश्वर के लिए जरूर निकालो क्योंकि वही अंतिम “सत्य” है।

  • 80 की उम्र में भी तंदुरुस्ती का राज

गौरतलब है डॉक्टर सुरेश चंद्र रावत एक शख्सियत है और उम्र के इस पड़ाव पर उनकी जो सोच और सेहत का राज है; वह लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है। सुबह 4:00 उठाना। योगा करना। 2 घंटे भगवान का स्मरण करना। हल्का भोजन लेना और भूत भविष्य की जनता को छोड़ वर्तमान में जीना यही इनकी इतनी उम्र में सेहत का राज है।

⇑ वीडियो समाचारों से जुड़ने के लिए  कृपया हमारे चैनल को सबस्क्राईब करें , धन्यवाद।

Share this...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *