डॉ सर हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय का तीसवाँ दीक्षांत समारोह संपन्न

डॉ सर हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय का तीसवाँ दीक्षांत समारोह संपन्न

संवाददाता सागर
डॉ हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालयए सागर के 30वें दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में किया गयाण् दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भारत सरकार अन्नपूर्णा देवी थीं विशिष्ट अतिथि प्रख्यात कलाकार और नई दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने ऑनलाइन माध्यम से दीक्षांत समारोह को संबोधित किया तथा मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव ने वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोण् नीलिमा गुप्ता ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो् बलवंतराय शांतिलाल जानी ने की अतिथियों द्वारा डॉ गौर और ज्ञान की देवी सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

 

राष्ट्र के प्रति समर्पण में है पदक और उपाधि की सार्थकता. कुलाधिपति प्रो जानी

समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति प्रो बलवंतराय शांतिलाल जानी ने कहा कि दीक्षान्त समारोह में उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थी ज्ञान ऋषि डॉ गौर के सच्चे वारिस हैं आज राष्ट्र को अपने मेधा और प्रज्ञा सम्पन्न युवा शक्ति की आवश्यकता है सभी विद्यार्थी राष्ट्रप्रेम को सर्वाेच्च स्थान देते हुए परम वैभवशाली भारत के निर्माण में संलग्न होंए ऐसी मेरी कामना है ।  प्रो जानी ने डॉ गौर के विकट जीवन संघर्षों को याद करते हुए बताया कि डॉ गौर ने ज्ञान को मनुष्य के उन्नति का मूल और भाषा को साधन मानते हुए अपने द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय में भारतीय भाषाओं के अध्ययन.अध्यापन के केंद्र की शुरुआत की भाषाएँ भारतीय सामाजिक भिन्नता को एकता के एक साझे सूत्र में बांधती हैं और भारतीय भाषाओं में सम्पूर्ण भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतिनिधित्त्व करती हैं डॉ गौर ने विदेशी धरती पर शिक्षा जरूर प्राप्त की लेकिन उनकी चिंतन प्रक्रिया की दृष्टि पूर्णतः भारतीय थी इसीलिये मैं कहता हूँ कि डॉ गौर भारतीय स्वत्वबोध के अग्रगण्य नायक थे।

मानव समाज की प्रगति में विश्वविद्यालयों का अहम योगदान. अन्नपूर्णा देवी

समारोह की मुख्य अतिथि केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भारत सरकार अन्नपूर्णा देवी ने दीक्षांत भाषण देते हुए कहा कि आज मानव सभ्यता अपने जिस पड़ाव पर है खासकर हम इसके पिछले दो तीन सौर सालों की प्रगति को देखें तो हमें विश्वविद्यालयों का अहम योगदान दिखाई देता है इन वर्षों में कलाए साहित्य ज्ञान और राजनीति से लेकर अर्थशास्त्र दर्शन और शासन के क्षेत्र में मानवता को जितना भी ज्ञान प्राप्त हुआ है जितने भी दर्शन और सिद्धांत मिले हैं वह सभी प्रायः विश्वविद्यालय से ही सम्बद्ध रहे हैं इसीलिये भारत सरकार शिक्षा के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की कार्ययोजना पर गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को प्रत्येक वर्गए समाज के बच्चों के लिए समावेशी और सुलभ बताया विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह आपकी खुशकिस्मती है कि आप ड हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय जैसे महत्त्वपूर्ण संस्थान में अध्ययन किया है ऐसे में आपको डॉ गौर अपने परिवार अपने विश्वविद्यालय अपने शिक्षकों और ईश्वर के प्रति हमेशा कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए और आने वाले समय में अपनी सम्पूर्ण क्षमता और सामर्थ्य के साथ अपने समाज को वापस लौटाने का प्रयास करना चाहिए उन्होंने सभी पदक और डिग्री से अलंकृत होने वाले विद्यार्थियों को निरंतर प्रगति और गौरवशाली भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रेषित किया।

विश्वविद्यालय के विद्यार्थी ज्ञानए सद्भावना और मनुष्यता के राजदूत बनें. कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय की प्रगति यात्रा को विस्तारपूर्वक बताया उन्होंने कहा कि डॉ गौर के संकल्पों और आदर्शों पर चलकर यह विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक गतिविधियों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है विज्ञान और समाज विज्ञान के शिक्षकों को कई शोध परियोजनाएं अनुदान प्रदान करने वाली संस्थाओं द्वारा स्वीकृत की गईं हैं शिक्षकों एवं शोधार्थियों ने कई अवार्ड हासिल किये हैं यूजीसी की परियोजना के तहत विश्वविद्यालय में स्किल हब की शुरुआत की गई है प्लेसमेंट सेल और स्टार्ट अप योजनाओं के तहत विद्यार्थियों को उनकी प्रतिभा और क्षमता का उपयोग करने का अवसर प्रदान किया जा रहा है पिछले दिनों देश के कई विश्वविद्यालयों और उत्कृष्ट संस्थाओं से हुए शैक्षणिक समझौतों का भी उन्होंने जिक्र किया उन्होंने पदक और डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामना देते हुए कहा कि डॉ गौर के पदचिन्हों पर चलकर हमारे विद्यार्थी संस्थान और देश का नाम रोशन करें।

डॉ गौर की सुरम्य बगिया में ज्ञान प्राप्त करना गौरव की बात. मनोज तिवारी

विशिष्ट अतिथि प्रख्यात लोक कलाकार और दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने ऑनलाइन माध्यम से समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय जैसे सुन्दर प्राकृतिक एवं ज्ञान से समृद्ध परिवेश में अध्ययन करना किसी भी विद्यार्थी के लिए सौभाग्य की बात हैण् हमारी भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में जितने भी श्रेष्ठ गुरुकुल हुआ करते थे उनके लिए किसी प्रकार का प्राकृतिक परिवेश अनिवार्य थाण् उन्होंने कहा कि दीक्षांत का अर्थ शिक्षा का अंत नहीं बल्कि शिक्षा के उपरान्त जीवन जगत की जिम्मेदारी से है। इसलिए मैं आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों से कहना चाहता हूँ कि वास्तविक शिक्षा का अर्थ जीवन जीने का विशिष्ट भाव का पालन है जो शिक्षा हमारे मन राष्ट्र को सर्वाेपरि रखने का संकल्प जगाती होए वही शिक्षा वरेण्य है।

विश्वविद्यालय से है हम सबका आत्मीय लगाव. गोपाल भार्गव
विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माणए कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि हम सबका छात्र जीवन डॉ गौर विश्वविद्यालय में बीता है इसलिए मेरा आत्मीय लगाव है मेरी इस विश्वविद्यालय से जुडी कई स्मृतियाँ हैं उन्होंने कहा कि पदक और डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अपने जीवन में आगे बढ़ें और अपने क्षेत्र और राष्ट्र की सेवा में संलग्न होने का संकल्प लेकर कार्य करना आरम्भ करें डॉ गौर के सपनों को साकार करने के लिए हम सबका कर्तव्य है कि हम सभी तन मन धन से सहयोग कर देश को एक नई दिशा दें और ऊंचाई पर पहुंचाएंण् उन्होंने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

विश्वविद्यालय ध्वज के साथ हुआ दीक्षांत शोभायात्रा का आगमन
समारोह में विश्वविद्यालय ध्वज के साथ दीक्षांत शोभायात्रा का स्वर्ण जयन्ती सभागार में आगमन हुआण् विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो बलवंत शांतिलाल जानी कुलपति प्रोण् नीलिमा गुप्ता मुख्य अतिथि एवं विश्वविद्यालय कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद् के माननीय सदस्य इस शोभायात्रा में सम्मिलित हुएण् शोभायात्रा में कुलसचिव संतोष सोहगौरा ध्वजवाहक रहे।

11 अध्ययनशालाओं के यूजीए पीजी और पी.एचडी के विद्यार्थियों को मिली उपाधि एवं मेडल

दीक्षांत समारोह में शामिल सभी 11 अध्ययनशालाओं के यूजीए पीजी और पी.एचडी के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई इसके अतिरिक्त पंजीकृत विद्यार्थियों को उनकी अनुपस्थिति में भी डिग्री प्रदान की गईण् विभिन पाठ्यक्रमों में सर्वाेच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि ने मेडल भी प्रदान कियाण् समारोह में समस्त विद्यार्थियों ने बुन्देली पारंपरिक वेश.भूषा में उपस्थित रहकर उपाधियाँ प्राप्त कीं।

गौर समाधि पर पुष्पांजलिए नवनिर्मित सरस्वती कन्या छात्रावास का हुआ लोकार्पण
दीक्षांत समारोह के आरम्भ होने से पूर्व गणमान्य अतिथियों ने गौर समाधि पर पुष्पांजलि दी इसके बाद सभी अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में विश्वविद्यालय के नवनिर्मित सरस्वती कन्या छात्रावास का शिलापट्ट के अनावरण के साथ लोकार्पण कार्यक्रम संपन्न हुआदीक्षांत समारोह के पूरे आयोजन में विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स और एन एस एस के स्वयंसेवकों ने भी अभूतपूर्व सहयोग कियाण् कार्यक्रम के दौरान एनसीसी और एन एस एस के विद्यार्थी विभिन्न स्थानों पर मौजूद रहकर अनुशासन एवं सहयोग तत्पर दिखे विश्वविद्यालय के प्रोक्टोरियल बोर्ड एवं सुरक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी सुरक्षा एवं अनुशासन में सहयोग प्रदान किया जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी आयोजन में सहयोग किया मुख्य समन्वयक प्रो नवीन कानगो वरिष्ठ शिक्षक प्रो आर के त्रिवेद ,डॉ राकेश सोनी सहित सभी समन्वयकों एवं उनकी टीम ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना पूरा सहयोग प्रदान किया।

दीक्षांत समारोह का संचालन डॉ आशुतोष ने किया और उपाधि प्रदान किये जाने की समस्त कार्रवाई कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने संपन्न कराई उन्होंने सभी अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन भी कियाण् सम्पूर्ण कार्यक्रम का लाइव प्रसारण विश्वविद्यालय के ईएमआरसी सागर के यूट्यूब चौनल से किया गया। कार्यक्रम में सागर नगर विधायक शैलेन्द्र जैन, गौरव सिरोठिया, वीनू राणा, डॉ प्रदीप पाठक, डॉ जी एस चौबे, श्रीमती लता वानखेड़े, डॉ वन्दना गुप्ता, डॉ प्रदीप चौहान, डॉ ज्योति चौहान, सुनील देव, बृजमोहन सिंह सहित विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकगण, सेवारत शिक्षक, अधिकारी, जिला प्रशासन के विभिन्न पदाधिकारी, विद्यार्थीए प्रबुद्ध नागरिकगण, सम्माननीय जनप्रतिधि एवं मीडियाकर्मी बंधु उपस्थित रहे।

 

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