हालांकि नरेंद्र मोदी की मेहनत सत्ता की सुख-सुविधाओं के साथ है। फिर भी वे सन् 2014 से अपनी उंगली पर भाजपा-संघ और भक्त हिंदुओं का
Category: कलमदार
दुनिया का तीसरे महायुद्ध की दिशा में बढ़ना शुरू….!
अक्टूबर 2022 मानव इतिहास में यादगार महीना होगा। खासकर यह सप्ताह। इसलिए क्योंकि बीजिंग में शी जिनफिंग के उस तीसरे कार्यकाल पर ठप्पा लग रहा
क्रिकेट : पराजय का परिहास और हम…
टी-20 खेलों में भारत को इंग्लैंड से मिली पराजय कोई ऐसी बड़ी ऐतिहासिक घटना नहीं है जिसका शोक मनाया जाए। दुर्भाग्य ये है कि हमारी
नोट को नोट ही रहने दो,नया नाम न दो…
नोटबंदी की सालगिरह हजारों लोगों को एक टीस देकर गुजर गयी, लेकिन न काला धन बाहर निकला,न नकली नोटों की बाढ़ रुकी। नोटों का रंग
राजनीतिनामा : लाभार्थियों को लामबंद कर रही भाजपा
भोपाल। मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस जिस तरह से एक साल पहले ही अपनी कूटनैतिक विसात
अनैतिक विज्ञापनों के अलम्बरदार…
भारतीय जन मानस के जितने भी आदर्श पुरुष हैं उनमें से अपवादों को छोड़कर अधिकांश ने पापी पेट के लिए नैतिकता और अनैतिक का भेद
नोटों पर फोटो को लेकर प्रलाप
राजनीति की पिच पर टिके रहने के लिए हमारे नेता क्या ठठकर्म नहीं करते? अफसर से मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल से लेकर विद्वान बाम्हन सुब्रमण्यम
क्या राजनेताओं की नजर में हिंदू समाज मूर्ख है !
समझ में नहीं आता इस प्रश्न की प्रासंगिकता सनातनी परंपरा में आज के युग से पहले कितनी बार रही होगी या 21 वीं सदी में
ऋषि सुनाक पर फूहड़ बहस
ब्रिटेन में ऋषि सुनाक के प्रधानमंत्री बनने पर भारत में बधाइयों का तांता लगना चाहिए था लेकिन अफसोस है कि हमारे नेताओं के बीच फूहड़
हमारी संस्कृति और छप्पन का अजीबोगरीब आंकड़ा
भारत में सब कुछ अलग होता है। आंकड़े भी।दो आंकड़े तो जग जाहिर हैं। एक छत्तीस का और दूसरा छप्पन का। छप्पन का आंकड़ा स्वाभाविक