भोपाल। अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के उम्मीदवार शशि थरूर आज पीसीसी कार्यालय पहुंचकर कांग्रेसियों की थाह लेंगे। बुधवार को मल्लिकार्जुन खड़गे आकर चले गए हैं। देश के अन्य राज्यों की तरह ही प्रदेश की स्थिति है। जहां खड़गे के लिए कांग्रेस पदाधिकारी इंतजार में खड़े रहते हैं वहीं थरूर जहां भी जा रहे हैं कांग्रेस पदाधिकारी मिलने से बचते हैं।
दरअसल, अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव प्रचार पूरे देश में चल रहा है। इसी के तहत बुधवार को जहां अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार मलिकार्जुन खडगे राजधानी भोपाल आए थे और प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधियों से मुलाकात की। हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह खुलकर सामने नहीं आये लेकिन उनके समर्थक सक्रिय रहे और अच्छा खासा माहौल खड़गे के पक्ष में बन गया है। माना यही जा रहा है कि 50 या 100 वोट ही अधिकतम थरूर को मिल सकती है।
आज थरूर के दौरे पर कांग्रेस नेतृत्व की निगाहें भी रहेंगे। खासकर राष्ट्रपति के चुनाव में जिस तरह से विधायकों ने क्रास वोटिंग की है। उसके बाद यह खटका बन गया है कि ऐसा ना हो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में भी पार्टी किसी भी तरह विभाजित दिखें। वैसे तो देश के अन्य राज्यों में भी थरूर को समर्थन नहीं मिल रहा है। शायद इसी कारण थरूर असहज महसूस कर रहे हैं और उन्होंने यह नाराजगी भी व्यक्त की है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ प्रदेश अध्यक्ष व उस राज्य के अन्य अन्य वरिष्ठ नेता उनसे मिलते हैं लेकिन जब मैं जाता हूं तो अधिकांश कांग्रेस के प्रतिनिधियों बड़े नेता मिलने से कतराते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि वे पार्टी में बदलाव के लिए लड़ रहे हैं इसलिए यह बात लाजमी है कि वर्तमान में ऊंचे पदों पर आराम फरमा रहे लोग उनका साथ क्यों देंगे जबकि उनका एजेंडा ही पार्टी में जड़ मूल से परिवर्तन का है।