केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री पटेल ने ग्राम रूरावन में आयोजित भोज में पत्तलें उठाकर दिया सामाजिक समरसता का संदेश
केन्द्रीय मंत्री ने समाज की माते मुखिया का शाल श्रीफल से सम्मान किया
सामाजिक समरसता कुटुम्बकम परिवार तैयार किये जायेगें – केन्द्रीय मंत्री श्री पटेल
कुरीतियों और सामाजिक बुराईयों को दूर करने में लोग आगे आएं
केन्द्रीय खाद्य प्रासंस्करण एवं जलशक्ति राज्य मंत्री श्री प्रहलाद पटेल जनपद पंचायत शाहगढ़ के ग्राम रूरावन में समरसता भोज में शामिल हुए। इसमें सभी वर्गो के लोगों ने एक साथ बैठक भोजन किया। केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री पटेल ने भोज में शामिल लोगों की पत्तलें उठाई। श्री पटेल ने समाज के माते-मुखियांजनों का शाल श्रीफल से सम्मान किया। उन्होंने कहा कि छुआ-छूत और भेद-भाव जैसी सामाजिक बुराईयों भाषण देने से दूर नहीं होगी। इसके लिए जमीनी स्तर पर कार्य करना होगा। उन्होंने बताया कि समाज में समरसता लाने के लिए सामाजिक समरसता कुटुम्बकम तैयार किये जायेंगे। ऐसे एक हजार कुटुम्बकम का निर्माण किया जाएगा। जिनके जरिये सामाजिक समरसता बनाएं रखने का कार्य किया जाएगा। समरसता कुटुम्बकम में लोग बिना किसी भेद भाव के सुख दुख में शामिल होंगे। उन्होंने कहा यदि हम किसी को अपना परिवार माने तो उसके हर सुख-दुख में बराबरी के भागीदार बनें, उनकी मदद करें।
इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री हरबंश सिंह राठौर, श्री भानु राणा, नगर निगम अध्यक्ष श्री वृंदावन अहिरवार, श्री कमलेश बघेल, श्री नरेंद्र अहिरवार, श्री मनीष यादव, श्री श्याम सुदंर तिवारी, श्री सुधीर यादव, श्री लक्ष्मण सिंह, श्री सर्वजीत सिंह, श्रीमति तृप्तिबाबू सिंह, श्री जाहर सिंह, श्री महेंद्र जैन, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी, अनुविभागीय अधिकारी श्री प्रकाश नायक, उपायुक्त श्री आर.के. श्रोती, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रतिष्ठा जैन, श्री अशफाक खान, श्री मनोज राय, श्री पंकज वाधवानी सहित अन्य जनप्रतिनिधि समाज जन एवं अधिकारी मौजूद थे।
समरसता भोज के शुभारंभ में राज्य मंत्री श्री पटेल द्वारा संत रविदास, पं. दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. भीमराव अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले आदि महापुरूषों के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।
कार्यक्रम में श्री पटेल ने कहा कि सामाजिक बुराईयों के प्रति हमें संकल्पबध होकर कार्य करना होगा। हम एक अच्छा समाज तभी बना पाएंगे जब किसी प्रकार का भेद भाव या छुआ-छूत नहीं हो। उन्होंने डॉ. अम्बेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि जिन स्थानों से डॉ. अम्बेडकर जुडें थे, उन धरोहरों को सरकार द्वारा सहेजा गया है। उन्होंने संत रविदास को याद करते हुए कहा कि उनकी शिक्षाएं आज हमारा मार्ग प्रशस्त करती हैं। सामाजिक समता के अग्रदूत महात्मा ज्योतिबा फुले के बारे में कहा कि आज से लगभग 200 साल पहले उन्होंने छुआ-छूत की बुराई को समझा और सामाजिक भेद भाव मिटाने के लिए संघर्ष किया। स्त्री शिक्षा के लिए विद्यालय खोले। उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले देश की पहली महिला शिक्षक बनी और महिलाओं के लिए शिक्षा के द्वार खोले जिससे वे आगे बढ़ सकें।
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