मनुष्य मूलतः सामंती मानसिकता की संरचना है। इसीलिए उसे हर वक्त हुक्म बजा लाने वाला कोई न कोई फरमावरदार चाहिए। पहले ये भूमिका गरीब, आर्थिक,
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मनुष्य मूलतः सामंती मानसिकता की संरचना है। इसीलिए उसे हर वक्त हुक्म बजा लाने वाला कोई न कोई फरमावरदार चाहिए। पहले ये भूमिका गरीब, आर्थिक,