सागर गौरव दिवस में फ्रंट फुट पर खेली भार्गव -भूपेंद्र की जोड़ी

सागर गौरव दिवस में फ्रंट फुट पर खेली भार्गव -भूपेंद्र की जोड़ी

बीेते महीने भर से सागर जिले की राजनीति में भाजपा संगठन और वरिष्ठ नेताओं की गुटबाजी की चर्चा जोरों पर रही है और जारी भी है । पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और वर्तमान मंत्री गोविंद सिंह राजपूत खुलकर एक दूसरे पर राजनैतिक छीटाकशी और बयानबाजी कर रहे है और इसकी आंच न सिर्फ जिला बल्कि प्रदेश भाजपा संगठन तक जा पहुंची है। बात करें बीते दिन की तो सागर में दो बड़े आयोजन चर्चाओं में रहे पहला कार्यक्रम सागर गौरव दिवस जिसके आयोजन को लेकर अनियमितता अधिक चर्चाओं में रही चाहे वह तारीख को लेकर हो या फिर प्रचार प्रसार में जिले के वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी का सारे आयोजन में भाजपा के एक गुट की प्राथमिकता और गुटबाजी अलग नजर आयी। तो दूसरा आयोजन जिले में क्षत्रिय समाज के युवा सम्मेलन का था जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का आगमन हुआ । गौरतलब है की बीते दिनो जिले में क्षत्रिय समाज के संगठन को लेकर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह की दावेदारी चर्चाओं में रही थी लेकिन इस बड़े आयोजन के साथ क्षत्रिय समाज पर मंत्री भूपेंद्र सिंह गुट का दावा मजबूत हुआ है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा सागर गौरव दिवस के अवसर पर लाखा बंजारा झील सौंदर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण एवं विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया लेकिन सबसे अधिक रोचक पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह की अंदाज ए बयानी थी । सागर में जब जब मुख्यमंत्री मोहन यादव का कार्यक्रम हुआ है हर बार
 इन दोनो नेताओं की उपेक्षा चर्चाओं में रही है और खुद गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह ने भी इसे अनमने मन से स्वीकार किया है  लेकिन इस बार मंच से दोनो ने जिस प्रकार का भाषण दिया उसमें कहीं निराशा नहीं थी बल्कि खुलकर पलटवार किया गया और हर बार जो दर्द बाद में छलकता था इस बार खुले मंच से सांझा किया गया  पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सागर के विकास को भाजपा के शासनकाल से जोड़ते हुए कांग्रेस के शासनकाल को जमकर कोसा उन्होने कहा कि कांग्रेस ने सागर के विकास के कभी कुछ नहीं किया और यह बात मे प्रमाणिकता के साथ कह सकता हूं । सिंह ने कहा कि सागर का जो विकास हुआ वह भाजपा के शासन काल में हुआ और इसमें र्स्माट सिटी का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है उन्होन कहा कि मुझे श्रेय लेने या अपना नाम फोटो लगवाने की होड़ नहीं है लेकिन नगरीय विकास मंत्री होते हुए मैने सागर के विकास को सर्वोपरी रखा । संभवतः यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री के सामने दो वरिष्ठ नेताओं ने न सिर्फ नाराजगी जाहिर की बल्कि अपनी उपयोगिता और सहभागिता की बतलाई । इस बीच उन्होने कमलनाथ की 15 महीने की सरकार में भ्रष्टाचार की बात भी कही ।
            पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिहं के भाषण के बाद बारी पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव की थी उम्मीद थी कि जिस प्रकार भूपेंद्र सिंह ने तल्खी दिखलाई उसके बाद भार्गव माहौल को कुछ ठंडा रखेंगे लेकिन भार्गव ने अपने भाषण की शुरूआत की एक लाईन में ही सागर जिले में चल रही राजनैतिक गुटबाजी पर जोरदार प्रहार किया और जनता की तरफ इशारा करते हुए कहा कि “शेर बूढा तो नहीं हो गया- अभी 10 -15 साल और चलना है” । भार्गव ने एक दिन पहले भी सागर गौरव दिवस पर नाम और फोटो की राजनीति को आड़े हांथो लेते हुए इसे ओछापन बताया था । मंच से भार्गव ने आज के सागर और चार दशक पहले सागर के विकास और छोटी मांगो को लेकर किये गये आंदोलन और संघर्ष  की याद दिलाई और भाजपा शासन आने के बाद किस प्रकार जिले में बड़े विकास कार्यो को हरी झंडी मिली उसे भी गिनाया । सबसे महत्वपूर्ण उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से सागर संभाग की जनता के लिये चिकित्सा संबधी परेशानियों को दूर करने के लिये सागर में गहन चिकित्सा इकाइयों को प्रारंभ करने की मांग की और जनता से हांथ उठवाकर अपनी मांगों का समर्थन भी लिया । मुख्यमंत्री मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका था जिसमें इन दोनो वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर न सिर्फ अपनी राजनैतिक नजरअंदाजी को बयान किया है बल्कि यह संदेश भी दिया है कि आगे से इसे गंभीरता से लिया जायेगा।
अभिषेक तिवारी

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