अपनी स्मृतियों को सहेजना मनुष्य का नैसर्गिक स्वभाव: प्रो. नीलिमा गुप्ता
हम सभी मनुष्यों का नैसर्गिक स्वभाव है कि हमें अपनी मधुर स्मृतियों को सहेजकर रखते हैं फिर एक अवस्था के बाद उनमें अपना अतीत खोजते हैं । यह बात विश्वविद्यालय के ई. एम. एम. आर. सी. द्वारा रंगनाथन भवन में आयोजित दो दिवसीय फोटोग्राफी वर्कशॉप के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कुलगुरु प्रो.नीलिमा गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि मोबाइल क्रांति आने के बाद अब प्रत्येक हाथ में कैमरा है किंतु उसकी बारिकियां, गहराईयां , तकनीकी ज्ञान जब तक नहीं होगा तब तक आप कुशल फोटोग्राफर नहीं बन सकते। इस तरह की वर्कशॉप आपके भीतर छिपी प्रतिभा को परिष्कृत करने में काफी सहायक होती हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को फोटोग्राफी के क्षेत्र में भी करियर की असीम संभावनाएं छिपी हुई हैं, इसके अनेक आयाम हैं। ई एम एम आर सी के निदेशक डाॅ. पंकज तिवारी ने कहा कि फोटोग्राफी के सैद्धांतिक, प्रायोगिक और तकनीकी तीनों ही पक्षों के बारे में विशेषज्ञों से मार्गदर्शन हेतु ही इस वर्कशॉप की योजना तैयार की गई है। इस दौर में जो कैमरे की एडवांस टेक्नोलॉजी आ रही है , उसकी संपूर्ण यांत्रिकी को समझें बगैर हम फोटोग्राफी में दक्ष नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा कि एक फोटोग्राफर को अपने मिशन पर जाने के पूर्व अपने कैमरे की क्षमता उसके मेन्युअल का विधिवत अध्ययन कर लेना चाहिए। विविध क्षेत्रों की फोटोग्राफी के लिए अलग-अलग कैटेगरी के कैमरे उपलब्ध हैं उन्हीं से रुबरु कराने इस वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर निकोन कंपनी के राहुल महेश्वरी ने समूह बना कर प्रतिभागियों को कैमरे के तथा लैंस के कई प्रयोग करबाए इसके अतिरिक्त पॉवर प्वाइंट के माध्यम से फोटोग्राफी के विभिन्न आयामों से परिचित कराया। साथ ही श्री शुभम पाण्डे ने फोटोग्राफी से संबंधित गिंबल मोबाइल उपकरण 360 और एक्शन कमरों के लाइव डेमो प्रस्तुत किए इस वर्कशॉप में करीब पचास प्रतिभागियों ने उत्साह से भागीदारी की। संचालन के के यादव ने किया। श्री देवेंद्र पाराशर ने आरंभ में वर्कशाप की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुख्य रूप से वरिष्ठ फोटोग्राफर श्री गोविंद सरवैया, डाॅ. संजीव सराफ, डाॅ. आशीष द्विवेदी, डा अश्विनि सागर और नगर के अनेक फोटोग्राफर और ईएमआरसी टीम के सभी कर्मचारी.. उपस्थित थे।
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