मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने 12 मामलों में संज्ञान लेकर जवाब मांगा

 मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने 12 मामलों में संज्ञान लेकर जवाब मांगा

” 12 मामलो में संज्ञान 

   मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने विगत दिवसों के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के ” 12 मामलों में ” संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।

तेज रफ्तार वाहन ने महिला को रौंदा, महिला की हुई मौत

भोपाल शहर के बिलखिरिया क्षेत्र में हिट एंड रन मामले में एक तेज रफ्तार वाहन की टक्‍कर से एक स्‍कूटर सवार महिला की मृत्यु होने की घटना सामने आई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्‍टर, भोपाल से मामले की जांच कराकर दुर्घटना हिट एंड रन की होना पाये जाने पर मृतक के उत्‍तराधिकारियों को शासन की योजना/नियमानुसार देय आर्थिक मुआवजा राशि के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।

 

दोस्‍तों के साथ मिलकर युवती ने क्रिकेटर को बंधक बनाकर की मारपीटमोबाइल भी छीना

            भोपाल शहर के ऐशबाग इलाके से एक क्रिकेटर को उसकी महिला मित्र ने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर बंधक बनाकर कई घंटो तक मारपीट करने एवं शहर में जबरन घुमाने का मामला सामने आया है। साथ ही महिला मित्र ने क्रिकेटर का फोन भी छीन लिया। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्‍नरभोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्‍ताह में मांगा है।

 

जादू-टोने के शक में मां-बेटी और गर्भस्थ शिशु की हत्या

            उमरिया जिले के इंदवार थाना क्षेत्र में गर्भस्थ शिशु सहित एक नवविवाहिता और डेढ़ वर्षीय बच्‍ची की मृत्‍यु होने की घटना सामने आई है।  मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने जादू-टोने के शक में पहले उनकी बेटी को मारा फिर उसकी बच्ची के साथ कुएं में फेंक दिया। इस कारण मां-बेटी और गर्भस्थ शिशु की मृत्‍यु हो गई। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षकउमरिया से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्‍ताह में मांगा है।

 

स्मार्ट टॉयलेट में लगे ताले, आस पास लगा गंदगी का अंबार

            जबलपुर जिले के प्रमुख मार्गों एवं चौराहों के आसपास बनाये गये स्‍मार्ट टॉयलेट (जनसुविधा केंद्र) में ताले लगे होने का मामला सामने आया है। स्पार्ट टॉयलेट के बंद होने के कारण आसपास जगह-जगह पर गंदगी होने से आम नागरिकों को परेशान होना पड़ रहा है एवं टॉयलेट में ताला लगे होने के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्‍त, नगर निगम, जबलपुर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्‍ताह में मांगा है।

 

लकवाग्रस्त बुजुर्ग से जनपद कर्मी ने अवैध तरीके से वसूले 12 हजार रूपये

            जबलपुर जिले के कुंडम जनपद के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी द्वारा एक लकवाग्रस्त बुजुर्ग को उसकी वृद्धावस्‍था पेंशन एवं प्रधानमंत्री आवास के लिये बुजुर्ग से 17 हजार रूपये की मांग करने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लकवाग्रस्त बुजुर्ग ने जनपद में उसकी वृद्धावस्‍था पेंशन एवं पीएम आवास के लिये आवेदन दिया था। जनपद कर्मचारी ने काम करवा देने के बदले बुजुर्ग से रुपये की मांग करने लगा। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्‍टर, जबलपुर से मामले की जांच कराकर पीड़ित वृद्ध की पेंशन एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के संबंध में की गई कार्यवाही तथा विभाग के कर्मचारी के संबंध में  की गई शिकायत पर कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।

 

साहब, गरीब बच्‍चों की आंगनवाड़ी को बख्श दो

            जबलपुर जिले ग्राम पंचायत सालीवाडा के नीमखेड़ा गाँव में संचालित आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले मासूम बच्चे ग्राम पंचायत के कारनामे देखकर हैरान हो रहे हैं। ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने आंगनबाड़ी के बाजू से बहने वाली नाली को ऐसा सुधारा कि पूरा पानी आंगनबाड़ी के अंदर जाने लगा है। हैरानी की बात तो यह है कि आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने भी ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों को इस बात की जानकारी दी, परंतु उन्होंने इस तरफ ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी। हालत यह है कि आंगनबाड़ी के गेट पर गंदगी और पानी के कारण यहाँ आने वाले मासूम बच्चे फिसल कर गिर रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्‍टर एवं महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जबलपुर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्‍ताह में मांगा है।

  

मृत्‍यु प्रमाण-पत्र के लिये महीनों से चक्कर काट रहे परिजन

            जबलपुर जिले के मानसरोवर कॉलोनी, खरेमाई मंदिर कटरा अधारताल निवासी एक महिला को अपने पति की मेडिकल कॉलेज अस्‍पताल में इलाज के दौरान मृत्‍यु होने के बाद पति के मृत्‍यु प्रमाण पत्र के लिये विगत छह माह से भटकना एवं परेशान होना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मजदूर लक्ष्‍मी अपना काम छोड़कर अपने दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ मेडिकल कॉलेज अस्पताल के विगत छह माह से चक्कर काटना पड़ रहा है। लेकिन उसे अब तक अपने पति का मृत्‍यु प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने डीन, मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जबलपुर एवं अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज अस्पताल जबलपुर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्‍ताह में मांगा है।

 

अनाथ बच्‍चों को नहीं मिल रही सहायता राशि

            जबलपुर जिले में शासन की योजना अनुसार माता-पिता विहीन अनाथ बच्‍चों को 4000 रूपये की सहायता राशि बच्चों के खाते में नहीं पहुंचे का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के अंतर्गत अनाथ बच्‍चों को मिलने वाली 4000-4000 रूपये की सहायता राशि शासन द्वारा भेजी जाने के बावजूद संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अब तक अनाथ बच्‍चों के खाते में राशि नहीं पहुंचाई गई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने प्रमुख सचिवमहिला एवं बाल विकास विभागमंत्रालयभोपाल से मामले की जांच कराकर योजना अनुसार लाभार्थी अनाथ बच्‍चों को आवश्यक राशि/सुविधाएं मिलने में हो रहे विलम्‍ब तथा शीघ्र इनकी उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।

 

हर तरफ दलदल, घर से बाहर निकलना भी हुआ दुश्‍वार

            जबलपुर जिले के लमती क्षेत्र में मुख्य सड़क ही दलदल में तब्दील हो गई है। वाहन चलाना तो दूर लोग कीचड़ और पानी के कारण अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे। वे पगडंडी पर चलने को मजबूर हैं। हालात देखकर लोगों की जुबान से यही निकल रहा है कि क्या सच में हम शहर में रह रहे हैं। यहाँ के हालात तो गाँवों से भी बदतर हैं। वार्ड की अधिकांश सड़कें जर्जर हैं। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्‍टर एवं आयुक्‍त, निगम, जबलपुर से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।

 

तीन माह से बंद पड़ा ट्रांसफार्मर

            जबलपुर जिले के सिलौड़ी क्षेत्र के नेगई में किसानों एवं ग्रामीणों के लिये लगे ट्रांसफार्मर के विगत तीन माह से बंद पड़े होने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र में लगे ट्रांसफार्मर के खराब होने से बिजली सप्लाई नहीं होने के कारण वहां के किसान अपने खेत में सिंचाई नहीं कर पा रहे है, जिससे धान सूखने लग गई है। ट्रांसफार्मर के खराब होने की शिकायत किसानों एवं ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों से की है, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कार्यपालन यंत्रीम०प्र० पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण क० लि० जबलपुर से मामले की जांच कराकर प्रश्नगत ट्रांसफार्मर कब से बंद हैउसे ठीक करने या बदलने की कार्यवाही में विलंब क्यों हो रहा हैतथा समस्या का समाधान सुनिश्चित कराये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्‍ताह में मांगा है।

 

महीनों से नहीं है बिजलीसड़क भी नसीब नहीं

            पन्‍ना जिले के ग्राम पंचायत मुड़वारी में ग्रामीणों के लिये बिजली एवं सड़क नहीं होने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गांव में लोगों के लिये आवाजाही करने के लिये पर्याप्त सड़क सुविधा नहीं होने से उन्‍हें कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और साथ ही बिजली नहीं होने से रात के समय अंधेरे के सांय में जीवन व्यापन करना पड़ रहा है। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्‍टरपन्‍ना से मामले की जांच कराकर पीड़ित पक्ष के रहवासी क्षेत्र में बिजली एवं सड़क की समस्या के निराकरण के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।

 

नल जल योजना का मटमैला पानी पीकर बीमार हो रहे लोगजिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

            दमोह जिले के जबेरा नगर में जल जीवन मिशन द्वारा संचालित नल जल योजना का पानी विगत एक सप्ताह से मटमैला एवं पीला आ रहा है, जिसे पीकर लोग बीमार होने लगे हैं किंतु जिम्मेदार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं जिससे लोगों में रोस व्याप्त है। वहीं दूसरी ओर जबेरा नगर में अधिकांश घर ऐसे हैं, जहां नल जल योजना के कनेक्शन तो हैं किंतु उनमें पानी नहीं आ रहा है। जिसकी शिकायत लोगों द्वारा, अनेकों बार करने के बावजूद आज तक कोई सुधार कार्य नहीं किया गया जिससे पता चलता है कि नल जल योजना का संचालन और व्यवस्था कितनी लचर एवं लापरवाही पूर्ण है और इस लचर व्यवस्था का खामियाजा नगरवासी भुगत रहे हैं। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्‍टर दमोह से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्‍ताह में मांगा है।

 

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