मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय सदस्य श्री राजीव कुमार टंडन ने चार मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के जेपी अस्पताल की पैथोलाॅजी एवं महिला वार्ड में पानी की किल्लत एवं बार-बार सप्लाई बाधित होने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक जेपी अस्पताल में पानी सप्लाई बार-बार बाधित होने के कारण अस्पताल के स्टाॅफ एवं भर्ती होने वाले मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। मामला महिलाओं के पोस्ट आॅपरेटिव वार्ड का है। यहां रात में पानी सप्लाई बाधित हुई थी। न तो पीने का पानी था और न ही शौचालयों में पानी आ रहा था। रात में पानी आना बंद हुआ तो भर्ती मरीजों को भारी परेशानी हुई। सबसे ज्यादा दिक्कत तो सुबह हुई, जब गंभीर मरीजों को पैदल चलकर सुलभ काॅम्प्लेक्स तक जाना पड़ा। मामले में आयोग ने सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल, भोपाल से जवाब-तलब किया है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सागर जिले के देवरी में पुलिस प्रताड़ना के चलते एक युवक द्वारा फांसी लगाने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना के मुताबिक सागर जिले के देवरी थाना पुलिस द्वारा मृतक नरेन्द्र उर्फ हल्ले प्रजापति को थाने में बुलाकर धमकी दी गई थी कि तुम शटर के अंदर चोरी जैसी वारदात में शामिल हो, तुम्हें जेल भिजवाकर छोडेंगे। मृतक नरेन्द्र को रात्रि में परिजनों की उपस्थिति में छोड़ा गया और कहा गया कि मनीष दुबे को कल सुबह ढ़ूढ़कर थाने ले आओ नही ंतो तुम्हारे विरूद्ध मामला दर्जकर कार्यवाही करेंगे। पता चला कि नरेन्द्र ने फोरलाइन सड़क मीरा ढ़ाबा के सामने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, सागर से जवाब-तलब किया है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इंदौर शहर की डीएवीवी यूनिवर्सिटी के गल्र्स हाॅस्टल में गंदा पानी पीने से छात्राओं की तबीयत बिगड़ने संबंधी मामले में संज्ञान लिया है। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के पं. रमाबाई गल्र्स हाॅस्टल में बीते सोमवार को कुछ छात्राओं की अचानक तबीयत बिगड़ गई। छात्राओं ने गंदा पानी पीने से बीमार होने के गंभीर आरोप लगाये। मामले में आयोग ने रजिस्ट्रार, देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी, इंदौर से जवाब मांगा है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जबलपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं (108 एंबुलेंस) मे काम करने वाली महिलाएं सीनियर के अभद्र व्यवहार एवं कमेंट से परेशान होने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक जबलपुर जिले में शासन द्वारा इमरजेंसी सेवाओं के लिये चलाई जा रही 108 वाहन में सेवाएं दे रही महिलाकर्मी अपने सीनियर द्वारा अभद्र कमेंट करने से काफी दिनों से परेशान है। महिलाकर्मी ने वरिष्ठ अधिकारियों को यह बात बताई, पर कुछ नहीं हुआ। महिलाकर्मी ने पुलिस की शरण ली, किंतु वहां भी उसे न्याय नहीं मिला। पीड़ित महिलाकर्मी का कहना है कि उसकी पेमेंट भी रोक दी जाती है और उसकी ड्यूटी का स्थान भी हर समय बदला जाता है। मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जबलपुर से जवाब-तलब किया है।
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