हमारा इतिहास : मुख्यमंत्री उमा भारती

हमारा इतिहास : मुख्यमंत्री उमा भारती

मुख्यमंत्री उमा भारती चुनाव परिणाम के तत्काल बाद उमा भारती निवृत्तमान मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मिलने “सीएम हाउस” पहुँचीं। वहां वे आधे घंटे रहीं और एक-दूसरे से माफी मांगी। चुनाव के समय जो वातावरण था उसकी कटुता भुलाने में दोनों नेताओं को मात्र तीस मिनट का समय लगा। इसके पहले जब उमा भारती को विधायक दल का नेता चुना जा रहा था, तब बैठक में सनसनी फैल गई। उमा भारती ने खड़े हो कर कहा कि कोई और विधायक मुख्यमंत्री के लिए दूसरा नाम प्रस्तावित करना चाहे तो वे उसका सहयोग करेंगी। कुल मिलाकर वे यह बताना चाहती थीं कि उनके नाम का कोई विरोध नहीं है और यह सरकार उनकी है।

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उसके बाद लाल परेड मैदान पर आठ दिसम्बर 2003, सोमवार को उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके तेरह साल पहले पाँच मार्च, 1990 को सुन्दरलाल पटवा की शपथ भी इसी स्थान पर हुई थी। उमा भारती के साथ बाबूलाल गौर, गौरीशंकर शेजवार, कैलाश चावला, राघवजी, ढाल सिंह बिसेन, गोपाल भार्गव, कैलाश विजयवर्गीय, चन्द्रभान सिंह, नरेन्द्र सिंह तोमर, हरनाम सिंह राठौर, रमाकांत तिवारी एवं ओमप्रकाश धुर्वे ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। इसके अलावा पाँच राज्यमंत्री मीना सिंह, अलका जैन अनूप मिश्रा, बद्रीलाल यादव एवं जगदीश मुवेल बने । उमा भारती ने अपने पास गृह अलावा नौ अन्य विभाग रखे।

वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनैतिक विश्लेषक
श्री दीपक तिवारी कि किताब “राजनीतिनामा मध्यप्रदेश” ( भाजपा युग ) से साभार ।

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