खुशनसीब हैं गोस्वामी तुलसीदास जो सोलहवीं शताब्दी में पैदा होकर मर-खप गये।वे यदि इस दौर में पैदा होते तो उन्हें जान क वाले पड़ जाते।
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अब लीजिए काशी में क्वेटो के मजे
माघ में जब सूर्य मकर राशि पर जाते हैं तब सब लोग तीर्थराज प्रयाग को आते हैं। देवता, दैत्य, किन्नर और मनुष्यों के समूह सब
जोशीमठ की जान को खतरा
भारत में हिमालय की गोद में बसे जोशीमठ की जान को खतरा है। जोशीमठ क्या पूरे उत्तराखंड की जान खतरे में है। जोशीमठ की जान
निवेशकों के लिए ‘ रेडकार्पेट ‘ बिछाता मप्र
औद्योगिक विकास की दृष्टि से देश में 7 वें नंबर पर खड़े मप्र में प्रवासी भारतीयों से पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए मप्र की
अंग्रेजी गुड़क रही अब नीचे
भारत से अंग्रेजों को विदा हुए तो 75 वर्ष हो गए लेकिन भारत के भद्रलोक पर आज भी अंग्रेजी सवार है। देश का राज-काज, संसद
शब्दों के दुश्मन हम या इमोजी ?
दुनिया की तमाम भाषाओं और उनकी लिपियों को तैयार करने में हजारों वर्ष लगे हैं, लेकिन हमारी अक्लमंदी हमारी इस पुरानी विरासत की दुश्मन बनती
सबके हुक्म की गुलाम है एलेक्सा
मनुष्य मूलतः सामंती मानसिकता की संरचना है। इसीलिए उसे हर वक्त हुक्म बजा लाने वाला कोई न कोई फरमावरदार चाहिए। पहले ये भूमिका गरीब, आर्थिक,
कलयुग में थोड़ा सा भजन भगवान के दर्शन करा देता है -रसराज दास जी महाराज
संत की कृपा से सभी दोष मिट जाते है : रसराज दास जी महाराज सागर। पुलिस लेने कालोनी सागर में चल रही संगीतमय भागवत कथा
समीक्षा और शुभेच्छा का संधिकाल
नया साल भी दूसरे तीज -त्यौहरों की ही तरह बाजार की मुठ्ठी में है। नया साल जश्न से ज्यादा गये साल की सफलताओं, असफलताओं की
दमोह में 300 लोगो की सनातन धर्म में घर वापसी
बागेश्वर सरकार ने दमोह में 300 लोगों को वापिस सतानती बनाया। दमोह में रविवार को रामकथा में शामिल होने आए इन लोगों ने हिंदू धर्म