मातृ शक्तियों ने आंवला वृक्ष का पूजन कर गिनाये फायदे

मातृ शक्तियों ने आंवला वृक्ष का पूजन कर गिनाये फायदे

आंवला नवमी के अत्यंत पावन पर्व पर भा.शि.मं महिला प्रकल्प सागर की मातृ शक्तियों ने आंवला वृक्ष का पूजन किया और सुलोचना मंडल की संयोजिका श्रीमती शशि दीक्षित के सौजन्य से “आंवला नवमी का महत्वपूर्ण” विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई इस अवसर पर इंदु जया चौधरी जी भाजपा नेत्री ने अपनी गरिमामई उपस्थिति दर्ज कराई और इस विषय पर अपने विचार व्यक्त किए उन्होंने कहा भारत देश आयुर्वेद का जनक है आयुर्वेद मे आँवला को अमृत माना गया है, हिंदू सनातन संस्कृति में हमें जिस किसी वनस्पति व जीव से कुछ भी लाभ प्राप्त होता है तब हम उसका आभार पर्व व पूजन से करते हैं आँवला वृक्ष में साक्षात विष्णु भगवान का वास होता है इनकी छाया के नीचे बैठ कर भोजन बनाना व ग्रहण करना हमें प्रकृति का आदर करना सिखाता है। कविता लारिया जी ने कहा कि केवल कार्तिक माह में ही जल में आंवला डालकर शिवजी का अभिषेक किया जाता है धन धान से परिपूर्ण इस माह का अत्यधिक महत्व है कार्तिक मास हमारे मन में खुशहाली लेकर आता है ।शशि दीक्षित ने कहा आंवले में तुलसी और बेल दोनों का गुण एक साथ विद्यमान है, सर्वप्रथम मां लक्ष्मी ने इस वृक्ष की पूजा करके भगवान शिव और विष्णु भगवान दोनों को प्रसन्न किया था ,तभी से यह दिन त्यौहार मनाया जाता है ।पुष्प लता पांडे ने कहा कि आंवला नवमी को ही भगवान विष्णु ने कुष्माण्डक दैत्य को मारा था। इस दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने कंस वध से पहले तीन वन की परिक्रमा की थी। आज भी लोग अक्षय नवमी पर मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा करते हैं। संतान प्राप्ति के लिए इस नवमी पर पूजा अर्चना का विशेष महत्व है।

मंजू मिश्रा जी ने कहा कार्तिक मास , शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी का त्यौहार मनाया जाता है इसेअक्षय नवमी भी कहा जाता है ,इस दिन पूजा से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। श्रीमती सुधा पांडे ने कहा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु एवं शिवजी का निवास होता है । इस दिन इस वृक्ष के नीचे बैठने और भोजन करने से रोगों का नाश होता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन किया गया पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है। सावित्री तिवारी ने कहा कि आज के दिन आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाना चाहिए तत्पश्चात ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए उसके बाद स्वयं भोजन करना चाहिए इससे अत्यधिक पूर्ण फल की प्राप्ति होती है श्रीमती रूपा राज ने कहा आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करते समय यदि आंवले का पत्ता थाली में गिर जाता है इसे अत्यधिक शुभ माना जाता है ।श्रीमती रंजना चौरसिया जी ने कहा आंवला नवमी के दिन पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, दिव्या मेहता जी ने कहा आज के दिन क्या हुआ दान अक्षय रहता है धन संपत्ति में वृद्धि होती है अन्न दान का विशेष महत्व है आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है आंवला रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है और विशेष शक्ति प्रदान करता है इस अवसर पर उपस्थित शेष सभी मातृशक्तियों ने भजन गाकर अपने भाव प्रकट किए ।कार्यक्रम अत्यधिक सफल रहा अंत में शशि दीक्षित ने सबका आभार माना।

 

संवाददाता सागर

Share this...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *