भारत के प्रमुख हिंदी दैनिक अखबार भास्कर में पिछले 26 वर्षो से निरंतर प्रकाशित होने वाले लोकप्रिय एवं मनभावन कालम परदे के पीछे के रचनाकार जयप्रकाश चोकसे का आज निधन हो गया उन्होने पिछले सप्ताह ही अपने कालम की आखिरी किस्त लिखते हुए पाठको को अपने अंतिम संदेश के रूप में अपनी शारीरिक विवशता जतलाई थी और अब तक मिलने वाले प्रेम का धन्यवाद किया था । चोकसे का कालम यूं तो फिल्मी दुनिया पर आधारित कालम था जो पूरे फिल्म जगत की विविधता को अपने आप में समेटे हुआ लगता था पुराने जमाने फिल्म अभिनेता लेखक गायक और लगभग हर पहलू पर उनका ज्ञान और उसके पीछे की छुपी अनसुनी कहानियां पाठको को प्रतिदिन उनके कालम का इंतजार करने पर विवश कर देता था इन सबके साथ साथ सिनेमा को समाज के साथ जोड़कर उसमें आने वाले परिर्वतनो पर श्री चोकसे की पैनी नजर और दार्शनिक अंदाज उनके हर लेख में नजर आती थी और अपने पाठको को रोज एक नई सीख और जीवन के प्रति एक नया नजरिया प्रदान करती थी । श्री चोकसे ने अपने लेख की अंतिम किस्त में 26 वर्षो से निरंतर जारी अपने ज्ञान और अनुभव की अनोखी लेख यात्रा को विराम देने पर अपने दर्शको से माफी मांगते हुए उम्मीद जताई थी कि यदि विचार की बिजली कौधी तो फिर रूबरू हो सकते है यह विदा है अलविदा नहीं लेकिन यह लिखने के पांच दिन बाद ही उन्होने हम सबको अलविदा कह दिया ।