मानव कल्याण और जीव दया के लिए आचार्य श्री से प्राप्त हुए अमृत वचनों को अक्षरश: आत्म सात कर निरंतर कार्य करूंगा:– शैलेंद्र जैन आचार्य
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मानव कल्याण और जीव दया के लिए आचार्य श्री से प्राप्त हुए अमृत वचनों को अक्षरश: आत्म सात कर निरंतर कार्य करूंगा:– शैलेंद्र जैन आचार्य