मध्यप्रदेश राजनीतिनामा : नए साल में किसका संकल्प होगा साकार

मध्यप्रदेश राजनीतिनामा : नए साल में किसका संकल्प होगा साकार

चाहे कैलेंडर वर्ष हो चाहे प्रतिपदा से शुरू होने वाला नया बरसो और चाहे दीपावली के बाद शुरू होने वाली साल हो प्राया आम आदमी नए साल में नए संकल्प लेता है लेकिन यह चुनावी साल शुरू हो चुका है और दलों ने प्रदेश में सरकार बनाने के प्लान बनाए हैं और संकल्प ही ले रहे हैं। सत्तारूढ़ दल भाजपा ने हारी हुई सीटों को जीतने का प्लान बनाया है तो कांग्रेश ने नया साल नई सरकार का अभियान शुरू कर दिया है। दरअसल कितने भी अपराध बढ़ जाए कितने ही निराश हो जाए हताश हो जाएं लेकिन सामान्य मानव स्वभाव यही है कि वह है किसी ना किसी बहाने से उम्मीद तलाश पर रहता है और विशेष अवसरों पर संकल्प लेता है यह बात और है कि कुछ महीनों के बाद संकल्प अधिकांश लोग भूल जाते हैं और फिर पुराने ढर्रे पर आ जाते हैं जैसे कि किसी को यदि नशा करने की आदत लग जाए तो वह इन अवसरों पर संकल्प लेता है लेकिन कुछ दिन बाद अपने पुराने रवैए पर आ जाता है।  यदि सभी लोग अपने संकल्पों पर कायम रहे तो फिर व्यवहार जीवन की अधिकांश समस्याओं का हल स्वयं ही हो जाएगा। और शायद ऐसा ही हाल राजनीतिक दलों का है जिस तरह से प्रस्ताव पारित होते हैं यदि उस पर संकल्पित होकर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जुट जाएं तो फिर सरकार बनाने का सपना भी पूरा हो सकता है।बहरहाल प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव अभूतपूर्व होने जा रहे हैं दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस सरकार बनाने के लिए नए साल में नए सिरे से संकल्पित होते हुए देखे हैं सत्तारूढ़ दल भाजपा 2018 के विधानसभा चुनाव से लेकर इस बार किसी के ओवरकॉन्फिडेंस में नहीं रहना चाहते और इस बार उसका प्लान पिछले चुनाव में हारी हुई विधानसभा सीटों पर जीतने का है 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 121 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था 109 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी बाद में उपचुनाव जीतने के बाद भाजपा के पास 127 सीटें हो गई कांग्रेश तब 114 सीटों पर जीती थी और अब उसके पास 96 सीट बची है भाजपा के पास लगभग 50 सीटें ऐसी हैं जो हर हाल में पार्टी जीत जाएगी अभी पार्टी 103 सीटों को लेकर विशेष तौर पर अभियान शुरू कर रही है जिसमें जातीय समीकरण क्षेत्रीय उम्मीदवार और उन सीटों की गुटबाजी को समय से पहले समाप्त किया जा सके नेताओं के बीच आपस में समन्वय बनाया जाएगा।

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वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने नए साल में नया साल नई सरकार का अभियान शुरू किया है जिसमें 1 जनवरी को ब्लॉक से लेकर राजधानी भोपाल तक सड़क पर कांग्रेस ने अपना संकल्प दोहराया राजधानी भोपाल में रोशनपुरा चौराहे से मिंटो हॉल गांधी प्रतिमा तक पैदल मार्च किया पूरे प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 1 जनवरी को संकल्प दिवस के रूप में कांग्रेसमें मनाया जिलों में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता जिला कांग्रेस कार्यालय से गांधी पृथ्वी हाथ में तिरंगा लेकर पैदल मार्च करते दिखे इस दौरान कमलनाथ सरकार की 15 माह के कार्यकाल में हुए कामों का लेखा-जोखा भी जनता के सामने रखा साथ ही भाजपा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को जन विरोधी बताकर जनता के बीच नए संकल्प लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने साल के पहले दिन कुछ संकल्पों के साथ जनता से वादे किए उन्होंने कहा कि इस वर्ष कांग्रेश भ्रष्टाचार मुक्त बेरोजगार मुक्त अपराध मुक्त महंगाई मुक्त माफिया मुक्त और कुशासन मुक्त प्रदेश का निर्माण करने का कांग्रेसका संकल्प है कांग्रेस की सरकार आते ही किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा खाद एवं बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की कराई जाएगी। कुल मिलाकर प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस में चुनावी वर्ष 2023 के पहले दिन ही अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं और सरकार बनाने के लिए कुछ दावों और वादों के साथ संकल्प भी लिए है भाजपा ने जहां हारी हुई सीटों को जीतने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है वहीं कांग्रेस ने सीधे तौर पर नया साल नई सरकार का नारा दिया है यह वक्त ही बताएगा कि कौन सा दल अपने संकल्पों को पूरा करने के लिए दृढ़ता से मैदान में डटा हुआ है और कौन धीरे-धीरे संकल्पों मैं विकल्प तलाशते हुए आगे बढ़ता है।

 देवदत्त दुबे

वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनैतिक विश्लेषक मध्यप्रदेश 

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