राजधानी भोपाल में बुधवार को राज्य स्तरीय सरपंचों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सौगातो की झड़ी लगा दी इससे पंचायत तो सशक्त होगी ही सरपंचों को भी साधने की कोशिश माना जा रहा है त्रिस्तरीय पंचायती राज में सरपंच को महत्वपूर्ण कड़ी माना जाता है और सरपंच को साधने से ग्राम स्तर पर सकारात्मक माहौल बनाने में मदद मिलती है दरअसल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियां तेज हो गई है और सत्तारूढ़ दल भाजपा प्रत्येक पक्ष को मजबूत करने में जुटी है इसी कड़ी में गांव को मजबूत करने के लिए सरपंचों का राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण महासम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें सरपंचों की बहुत दिनों से चली आ रही अधिकांश मांगों को पूरा कर दिया गया सरपंचों का मानदेय पहले से करीब ढाई गुना बढ़ा दिया गया इसी तरह ग्राम पंचायतों में काम कराने के अधिकार भी बढ़ा दिए गए हैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरपंचों से अपील की है कि वे आंख नाक कान बने तो बहुत बहुत कुछ सुधारा जा सकता है रोजगार सहायक और सचिव के पदों को जल्दी भरने का आश्वासन भी दिया गया है ।
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बहरहाल लंबे अरसे बाद प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज के चुनाव हुए थे और तब से सरपंच लगातार अपनी मांगों को उठा रहे थे शायद इसी कारण राज्य स्तरीय सम्मेलन के बहाने प्रदेश भर के सरपंचों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधा संवाद किया और जो जो महत्वपूर्ण मांगे सरपंचों की थी उन्हें पूरा किया गया प्रदेश में 23000 से ज्यादा ग्राम पंचायत हैं और ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाने एवं सरपंचों को अधिकार मिलने से सकारात्मक वातावरण बनाने में पार्टी को मदद मिलेगी जिस तरह के हालात पिछले दिनों से हैं पंचायतों को आर्थिक अभाव से गुजरना पड़ रहा है ऐसे में इस सम्मेलन के माध्यम से कितनी स्थिति पंचायतों की सुधरेगी यह तो वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल सरपंचों को उम्मीद बढ़ गई है कि आने वाले दिन अच्छे होंगे। सम्मेलन की बात की जाए तो ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने भी संबोधित किया और कोरोना काल में हुए काम एवं समाचारों के माध्यम से लोगों को रोजगार और विकास के लिए संसाधन उपलब्ध कराने की प्रशंसा की और इसमें उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए काम करते रहने के लिए प्रेरित किया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्थानीय सतत विकास लक्ष्य को लेकर कहा कि वैश्विक विकास की थीम गरीबी मुक्त और आजीविका उन्नत पंचायत स्वस्थ पंचायत वाला है, तहसील पंचायत जनपद पंचायत स्वस्थ और हरित पंचायत, आधारभूत संरचना वाली पंचायत, सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत, सुशासन वाली पंचायत और महिला हितेषी पंचायत के आधार पर पंचायत विकसित होगी तो प्रदेश और देश वैश्विक स्तर पर और भी मजबूत होगा।
देवदत्त दुबे
वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनैतिक विश्लेषक मध्यप्रदेश
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