देवरी विधानसभा से कांग्रेस विधयक हर्ष यादव ने मध्यप्रदेश की शिवराज सर्कार पर आरोप लगते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार जो अपने आप को किसान हितैशी सरकार बताती है, उसने फिर किसानों के साथ छल कर, अपने मित्र व्यापारियों को लाभ पहुॅचाने का काम किया है। जिससे प्रदेश का किसान बेहद दुखी व अपने—आप ठगा हुआ महसूस कर रहा है। आप सभी को विदित होगा कि ग्रीष्मकालीन मूॅंग की फसल को तैयार हुए कितना समय निकल चुका है, वर्तमान में किसान अपने खेतों में खरीफ सीजन की बोयनी कर चुका है। खरीफ सीजन की बोयनी के लिए किसान को खाद—बीज सहित अन्य होने वाले खर्चो को के लिए पूॅंजी की आवश्यकता होती है। खरीफ सीजन की फसलों(लहसुन, प्याज, चना, गेहूॅं) का सही दाम न मिलने से किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। किसान कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है, जिससे उभरने के लिए ग्रीष्मकाल में मूॅंग की बोयनी कर, रवि सीजन के खर्चो की पूर्ति करता है। किन्तु किसान विरोधी सरकार ने मूॅंग की फसल तैयार होने के दो माह बाद खरीदी करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में किस किसान के पास मूॅंग रखी है, जो समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी। यह केबल व्यापारियों को लाभ पहुॅचाने के लिए सरकार की नीति है, किसानों के नाम पर खुली लूट है, जिसमें किसानों के नाम पर व्यापारियों को लाभ पहुॅचाने का काम किया जाएगा। सरकार यदि सही किसान हितैशी सरकार होती तो किसानों को दो माह पहले के बाजार मूल्य के आधार पर मूॅंग की भावान्तर राशि किसानों के बैंक खातों में उपलब्ध कराती। मध्यप्रदेश सरकार को यदि किसानों प्रति अपनी संबेदनाए व्यक्त करना ही है, तो किसानों की ग्रीष्मकालीन मूॅंग फसल का सही दाम व भावान्तर की राशि उपलब्ध करावें।
संवाददाता देवरीकला- संतोष विश्वकर्मा