मंत्री भूपेन्द्र सिंह सपत्नीक कलश व श्रीमद्भागवत जी को सिर पर लेकर पहुंचे कथा स्थल
दो किलोमीटर लम्बी कलश यात्रा पर श्रृद्धालुओं ने जगह-जगह फूल बरसाये
खुरई। यहां के गुलाबरा बगीचा में पूज्य संत श्री कमल किशोर नागर जी की प्रभावी वाणी में श्रीमद् भागवत कथा का वाचन समारोह पूर्वक आरंभ हो गया। मुख्य यजमान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सरोज सिंह ने व्यासपीठ पर विराजमान पूज्य संत श्री नागर जी तथा श्री मद्भागवत जी की पूजा अर्चना की। तत्पश्चात कथा का आरंभ हुआ। मुख्य यजमान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने सपत्नीक कलशयात्रा के साथ कथास्थल पहुंच कर विधि विधान से पूजन संस्कार कर कलश स्थापना की। कलश यात्रा के साथ शिरोधार्य करके कथास्थल पर लाई गईं श्रीमद् भागवत जी को कथावाचक पूज्य संत श्री कमल किशोर नागर जी की व्यास गद्दी के समक्ष विराजमान करके पूजा अर्चना की गई। मंच पर ही श्री लड्डू गोपाल जी की प्रतिमा विराजित की गई। संत श्री कमल किशोर नागर जी ने पंडाल में उपस्थित हजारों कथा श्रावकों के मध्य मुख्य यजमान मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने आज इतनी बड़ी संख्या में मुझे मेरे बिछड़े हुए श्रीमद्भागवत कथा के प्रेमी जनों से मिलाया है। उन्होंने कहा कि मंत्री भूपेंद्र सिंह जी ने धर्म, आध्यात्म में भी अपना पुण्य कमाया है। यजमान दंपति ने निमित्त बन कर बहुत सुंदर वातावरण में कथा का आयोजन किया है। संत श्री नागर जी ने मंत्री श्री सिंह को आशीर्वाद देते हुए कहा कि मेरा रोम रोम आपको शुभकामनाएं दे रहा है कि आप इसी तरह जनता की सेवा निरंतर करते रहें।
पूज्य संत श्री नागर जी ने प्रथम दिवस श्रीमद् भागवत कथा में कहा कि भजन करो और इन भोगों को ईश्वर के नाम से नष्ट करो, ये सब जो किया हमने सब काट दिया। हम निर्दोष हो गये, अब हम आगे का रास्ता देखते है कैसा है। हमें सुधरने के दो रास्ते है। उनमें कौन सा पसंद करते हो वक्ता से सुधरने को तैयार हो कि वक्त से, सुधार का काम वक्ता का होता हैं। वक्ता सुधार के कुछ सूत्र सुनाता है, कथा सुनाता है, समझाता है। तो अपनी क्या इच्छा है, वक्ता से सुधरना है कि, वक्त से। संत श्री ने कहा कि, यदि वक्ता से सुधर जाते हैं तो ये बहुत अच्छी सोच है आपकी क्योंकि वक्ता से सुधार ये तो उनका वो वक्त आयेगा ही नहीं जिससे मुसीबत पड़ेगी। सब ध्यान रखना वक्ता से जो न सुधरे उनको वक्त ने सुधार दिया और वक्त और वक्ता दोनो में क्या अंतर है। वक्ता ठोकर खाने के पहले सुधार देता है। और वक्त ठोकर खाने के बाद सुधारता है। वक्त बड़े-बड़े साम्राज्य की नींव हिला देता है। वक्त बहुत निर्दयी और कठोर होता हैं।
कथावाचन के प्रथम दिन किला मैदान स्थित डोहेला कुंड से कलशपूजन कर श्रीमती सरोज सिंह के नेतृत्व में हजारों महिला श्रद्धालुओं ने भव्य कलशयात्रा निकाली जो नगर के मुख्य मार्गों से होती हुई गुलाबरा बगीचा स्थित कथास्थल पहुंची। श्रीमद् भागवत कथा के आरंभ हेतु कथा आयोजन के मुख्य यजमान नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती सरोज सिंह ने किला मैदान स्थित डोहेला कुंड पर पावन कलश भर कर कलश पूजन किया। श्रीमती सिंह ने किला मैदान पर एकत्रित हजारों महिला श्रद्धालुओं को संबोधित कर कलश यात्रा का आरंभ किला मैदान से कथा स्थल भैरव बाबा मंदिर गुलाबराम बगीचा की ओर प्रस्थान किया।नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह यहां आयोजित परमपूज्य संत श्री कमल किशोर जी नागर की श्रीमद्भागवत कथा आयोजन के प्रसंग में निकाली गई भव्य कलशयात्रा का परसा चौराहे पर स्वागत कर यात्रा में शामिल हुए। कथा आयोजन के मुख्य यजमान मंत्री श्री सिंह ने सपत्नीक कलश व श्रीमद्भागवत जी को सिर पर लेकर कलश यात्रा में कथास्थल गुलाबरा बगीचा की ओर रवाना हुए। यह सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा आयोजन 15 दिसंबर तक चलेगा। आज प्रथम दिवस कथा श्रावकों में हेमचंद्र बजाज, रामनिवास माहेश्वरी, नेवी जैन, रंजोर सिंह बुंदेला शाहगढ़ सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए।
संवाददाता, खुरई ,सागर- मध्यप्रदेश