संत शिरोमणि रविदास के बताए मार्ग पर चलना ही मध्यप्रदेश सरकार का ध्येय – मुख्यमंत्री श्री चौहान
सागर के बड़तूमा में 100 करोड़ की लागत से बनेगा संत रविदास का भव्य मंदिर
अजा. के विद्यार्थियों की छात्रवृति की आयसीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख होगी,
11 वीं में जाने पर अजा बेटियों को साईकिल के लिए 3990 रू. मिलेगे
अजा. के युवा उद्यमियों के लिए 20 प्रतिशत भू-खण्ड आरक्षित किये जायेगे अजा वर्ग को काशी की तीर्थ यात्रा कराई जायेगी
सागर में संत शिरोमणि रविदास जयंती पर संत रविदास महाकुंभ का आयोजन
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सागर में संत शिरोमणि रविदास की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित संत रविदास महाकुंभ के आयोजन में सागर जिले के बड़तूमा में 100 करोड़ की लागत से संत रविदास का भव्य मंदिर बनने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास के बताये मार्ग पर चलना ही मध्यप्रदेश सरकार का मुख्य ध्येय है। श्री चौहान आज सागर में सैकड़ो संतो की गरिमामय और संत रविदास के अनुयायियों की उपस्थिति में आयोजित भव्य समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सत्यानारायण जटिया, लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, नगरीय विकास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, सांसद श्री वी.डी. शर्मा, सांसद श्री राजबहादुर सिंह, विधायक सर्वश्री प्रदीप लारिया, शैलेन्द्र जैन, चौ. मुकेश चतुर्वेदी, हरिशंकर खटीक, पी.एल. तंतुवाय, महेश राय, महापौर श्रीमती संगीता तिवारी, पूर्व मंत्री श्री लाल सिंह आर्य एवं श्री नारायण कबीरपंथी, नगर निगम अध्यक्ष श्री वृंदावन अहिरवार, अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष श्री कैलाश जाटव, सर्वश्री सावन सोनकर, गौरव सिरोठिया, प्रदीप राजोरिया सहित अनेक विशिष्टजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश की धरती पर सागर जिले में संत रविदास जी का जो भव्य मंदिर बनेगा, उसमें उनकी शिक्षा और प्रेरक संदेश भी मंदिर की दीवारों में उकेरे जायेंगे। मंदिर निर्माण की प्रकिया आज से ही शुरू करने की उन्होंने घोषणा की। उन्होंने कहा प्रदेश कि हर गरीब और मध्यमवर्गीय बहन के खाते में सरकार एक हजार रू. प्रतिमाह जमा करायेगी। अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृति के लिए वार्षिक आय सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रू. किये जाने की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने की।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चे यदि विदेश में पढ़ते है तो सरकार उसकी भी अनुमति देगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि चूंकि संत रविदास का जन्म काशी में हुआ था, इसलिए अनुसूचित जाति वर्ग के लिए मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन यात्रा ट्रेन द्वारा कराई जायेगी। अनुसूचित जाति/जनजाति के जो युवा औद्यौगिक क्षेत्र में है और अपना उद्योग स्थापित करना चाहते है, तो उनके लिए 20 प्रतिशत भूमि सरकार आरक्षित करेगी। अनुसूचित जाति वर्ग के उद्यमियों के संगठन डीआईसीसी को एमएसएमई के क्लस्टर नीति के तहत एक क्लस्टर दिया जायेगा। मध्यप्रदेश सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को पेट्रोल पंप आंवटित होने पर छूट देकर भू-खण्ड आंवटित करेगी। इसी वर्ग के उद्यमी युवाओं के लिए उद्योग विभाग में एक नोडल अधिकारी सरकार नियुक्त करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में अब मैनहोल की सफाई इंसान के द्वारा नहीं बल्कि मशीन से करावाई जायेगी। भंडार क्रय नियमों में परिवर्तन करके अनुसूचित जाति वर्ग के उद्योगपतियों को सर्विस और ट्रेडिग सेंटर में भी छूट देंगे। अनुसूचित जाति वर्ग की जिन स्कूली बालिकाओं को अब तक साईकिल नहीं मिली है, उनको कक्षा 11 वीं में जाने पर 3900 रू. की राशि दी जायेगी। श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने सभी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन द्वारा अनुसूचित जाति समाज के लिए अब तक 14 हजार 300 करोड़ की राशि खर्च की है। पिछले ढाई साल में प्रधानमंत्री आवास योजना में 6.69 लाख अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को 5018 करोड़ 77 लाख रू. दिये गये है। स्वच्छ भारत मिशन में व्यक्तिगत शौचालय के लिए 12 लाख लोगों को 71 करोड़ तथा आजीविका मिशन की महिलाओं को 99.54 करोड़ रू. दिये गये है। इसी वर्ग के 1.55 लाख लोगों को प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 1295 करोड़ की राशि का वितरण किया जा चुका है। अनुसूचित जाति वर्ग की लगभग 7 लाख बेटियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिला है। पीएम मुद्रा योजना में 37 लाख से ज्यादा महिलाओं और पुरूषों को 5958 करोड़ दिए जा चुके है।
श्री चौहान ने कहा कि संत रविदास अदभुत और सबके संत थे। संत रविदास सामाजिक समरसता और सदभावना के भी संत थे। उनकी दृष्टि में ऐसा राज्य होना चाहिए जहां कोई भूखा न रहे, सभी को अन्न मिले। कोई छोटा बड़ा न हो, जात पांत न हो, सभी समान हो। स़्त्री, पुरूष में भेदभाव न हो। उनकी इसी सोच, चितंन और प्रेरणा के अनुरूप केन्द्र और मध्यप्रदेश सरकार कार्य कर रही है। मध्यप्रदेश सरकार की मंशा है कि महिलाओं को भी आर्थिक रूप से मजबूत और सशक्त होना चाहिए। क्योंकि महिलाएं ही परिवार की घुरी होती है, उनके हाथों में भी पैसे होना चाहिए।
स्ांत रविदास की कल्पना थी कि सभी को अन्न मिले, इसी के अनुरूप मध्यप्रदेश सरकार गरीबों को निःशुल्क अनाज उपलब्ध करा रही है। इसमें जिनके नाम छूट गये है, विकास यात्रा में उनके नाम भी जोडे़ जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षो से जो अनुसूचित जाति के गरीब भाई बहन जिस जमीन पर रह रहे है, उसका पटटा दिया जायेगा, उनको भू-स्वामी बनाया जायेगा। गांव ही नहीं शहरी क्षेत्र के लिए सरकार ने तय किया है कि मुख्यमंत्री आवासीय भू अधिकार योजना के तहत गरीब परिवारों को रहने के लिए भू-खण्ड दिया जायेगा। हाल में टीकमगढ़ में 10,800 भू-खण्ड देकर मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना की शुरूआत मध्यप्रदेश सरकार ने की है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान सागर में हुए हत्याकांड में धनप्रसाद अहिरवार का निधन हुआ था, 2020 में सरकार बनने पर उनकी विधवा श्रीमती पूजा अहिरवार को 8.25 लाख की आर्थिक सहायता दी गई।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के बेटे बेटियां को किसी भी शिक्षण संस्थान में प्रवेश होने पर उसकी फीस सरकार भरेगी। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी माध्यम से कराये जाने की ऐतिहासिक पहल भी मध्यप्रदेश सरकार ने की है। संत रविदास ने जो प्रेरक शिक्षा व संदेश दिया, उसे मध्यप्रदेश सरकार पूरा करेगी। इस अवसर पर उन्होंने उन्हें भेंट किये गये चांदी के मुकुट को वापिस सौपते हुए कहा कि जब लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का विवाह हो तो उन्हें बिछोई बनाकर भेंट की जाए। कार्यक्रम में श्री चौहान ने विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों को हितलाभ भी वितरित किये।
स्थानीय विधायक श्री प्रदीप लारिया ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि सागर में संत रविदास का यह चौथा महाकुंभ है। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार माना कि उनकी पहल पर शासन द्वारा संत रविदास की जयंती मनाई जा रही है। पूर्व मंत्री श्री लालसिंह आर्य ने कहां कि संत रविदास जी संतो में श्रेष्ठ संत थे। महाकुंभ में पहली बार संतों का सम्मान हो रहा है। महू में डॉ. अम्बडेकर का राष्ट्रीय स्मारक, महर्षि वाल्मिकी जयंती और संत रविदास महाकुंभ का श्रेय उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान को दिया। पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सत्यनारायण जटिया ने कहा कि संत रविदास उस युग के महान संत थे, जब मुगलों का शासन था। संत रविदास के आदर्शो, पर चलकर ही प्रदेश का कल्याण हो रहा है। उनकी दृष्टि में ऐसा राज्य होना चाहिए, जहां समरसता और समानता हो। सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि संतो के आर्शीवाद से मध्यप्रदेश सरकार गरीब और हर वर्ग का कल्याण कर रही है। सबका साथ सबका विकास के मूलमंत्र को अपनाकर श्री चौहान के नेतृत्व मे सरकार जनहित में निरतंर जुटी हुई है। समतामूलक समाज की जो कल्पना संत रविदास ने की थी, वह मध्यप्रदेश में फलीभूत हो रही है। उन्होंने सामाजिक समरसता से पूर्ण समाज का तो सपना देखा उसे भी मध्यप्रदेश सरकार चरितार्थ कर रही है।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंच पर मौजूद 200 संतो पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत व अभिवादन किया। श्री चौहान ने संत शिरोमणि रविदास जी का पूजन एवं आरती भी की। उन्होंने बंडा-शाहगढ़ जल प्रदाय योजना का भूमिपूजन कर शिलान्यास भी किया। इस योजना की लोगत 291 करोड़ 25 लाख रू. आयेगी। श्री चौहान ने सरपंचो को कलश भेंट कर कलश यात्रा का शुभारंभ किया। उन्होंने कन्या पूजन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की।
कार्यक्रम में कमिश्नर श्री मुकेश शुक्ला, प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक श्री प्रमोद वर्मा, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, पुलिस उपमहानिरीक्षक श्री तरूण नायक सहित निगम कमिश्नर श्री चन्द्रशेखर शुक्ला सहित राजस्व, पुलिस के अधिकारी मौजूद थे।
विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने संत रविदास महाकुंभ परिसर पहुंचने पर महिला स्व सहायता समूहों और जिला उद्योग केंद्र के उद्यमियों द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों जैसे बैकरी, जिम, फर्नीचर, झूला, कृषि यंत्रों आदि के स्टॉल का अवलोकन किया। साथ ही एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत खुरई में निर्मित कृषि यंत्रों के प्रदर्शन के लिए लगाई गई स्टॉल का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व सहायता समूहों की महिलाओं और उद्यमियों से चर्चा भी की।
मुख्यमंत्री द्वारा संत रविदास के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन
संत शिरोमणि रविदास जयंती के अवसर पर आयोजित संत समागम महाकुंभ में संत रविदास के जीवन दर्शन पर लगाई गई प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उद्घाटन कर अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदर्शनी में संत रविदास जी के प्रेरक उपदेशों को पढ़ा एवं जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदर्शनी स्थल पर संत रविदास की प्रतिमा की सराहना की एवं प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार श्री प्रवीण विश्वकर्मा को गले लगाकर बधाई दी। प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर बुंदेलखंड के प्रसिद्ध वाद्य यंत्रों रमतूला सहित अन्य वाद्य यंत्रों द्वारा अपनी कला का प्रदर्शन किया गया।