सागर।शांभवी क्रिएटिव फाउंडेशन दिल्ली और श्यामलम सागर के संयुक्त तत्वाधान में गजल एल्बम जुस्तजू का विमोचन किया गया। नगर के इतिहास में पहली बार किसी ग़ज़ल एलबम के विमोचन और उस पर चर्चा का यह सर्वथा प्रथम अवसर था।
इस एलबम की 6 गजलों को शहर के जाने-माने चिकित्सक डॉ मनीष झा ने लिखा है और इसे संगीत बद्ध कर इसका गायन किया है देश के मशहूर गायक कलाकार बृजेश मिश्रा दिल्ली ने। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे संगीतज्ञ अरुण पलनीटकर जी ने बताया की प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती ।बृजेश जी का गायन हृदय को छू जाता है ।गायन में सुर का महत्व है। बनारस घराने का देश में नाम है ,बृजेश जी बनारस घराने से संबंधित है ।गजल, साहित्य का संगीत स्वरूप है ।गजल में सुर संगीत का साथ जोड़ने से वह व्यापक हो जाती है ।साहित्य संगीत का असर समाज पर सकारात्मक रूप से पड़ता है ।
इस बीच कार्यक्रम के लेखक और गायक से प्रश्न उत्तर सत्र का आयोजन किया गया जिसमें संगीत संयोजक और गायक बृजेश मिश्रा ने शास्त्रीय संगीत, भजन,ठुमरी,पर अपने अनुभव साझा किए ।दर्शकों की डिमांड पर उन्होंने जॉन एलिया की एक ग़ज़ल को स्बवरबद्ध कर गाकर सुनाया। एल्बम के लेखक डॉक्टर मनीष झा जी ने गजल लेखन से जुड़े रोचक किस्से साझा किए। इसके अलावा इन गजलों के निर्माण में वालमंड प्रोडक्शन की भूमिका श्री हंसराज के अप्रत्यक्ष सहयोग से रही। वीडियो प्रोडक्शन मैनेजर सिद्धार्थ शंकर शुक्ला ने एल्बम की प्रमुख गजलों की शॉर्ट वीडियो क्लिप का प्रदर्शन किया। जिन्हें सुनकर पूरा हॉल संगीतमय हो गया।मंच संचालन शुभम उपाध्याय और अमित मिश्रा ने किया ।आभार रमाकांत मिश्रा ने माना।अतिथियों का स्वागत एवम अभिनंदन पत्र वाचन श्रीमति नम्रता पिंपलापुरे,हरि शुक्ला, संतोष पाठक, और कपिल बैसाखिया ने किया ।अतिथियों को स्मृति चिन्ह श्यामलम अध्यक्ष उमाकांत मिश्र और शांभवी क्रिएटिव फाउंडेशन की अध्यक्ष शांभवी शुक्ला मिश्रा ने भेंट किए।
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