उमा भारती और भाजपा के प्रचार को गति देने के लिए अक्टूबर 2003 के महीने में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई महिला मोर्चा के कार्यक्रम में भोपाल आए। उस कार्यक्रम में राजगढ़ जिले की एक महिला को प्रधानमंत्री से मंच पर मिलवाया गया यह वही महिला थी जिसे 1994 में निर्वस्त्र करके उनके गांव छुवडलिया में घुमाया गया था। कांग्रेश ने इस विषय को खूब उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री ने एक निरीह और गरीब महिला की पहचान सार्वजनिक करके उसका राजनैतिक हितों के लिए शोषण किया है। इसके पहले भाजपा ने उस महिला और राजगढ़ के पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा के संयुक्त खाते में एक लाख रुपए जमा करवा दिए कहते हैं कि यह रुपए उसे लालच देने के लिए दिए गए थे।
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प्रधानमंत्री के नाम को घसीटने देने का जवाब भाजपा ने राष्ट्रपति के नाम पर हुए एक विवाद से दिया चुनाव के ठीक 1 महीने पहले दिग्विजय सरकार ने राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के कुछ होर्डिंग प्रदेश भर में लगवाए जिसमें मध्य प्रदेश में हुए शिक्षा एवं स्वास्थ्य की कुछ उपलब्धियां लिखी थी इस होर्डिंग पर कलाम की बहुत बड़ी फोटो थी और राष्ट्रपति का वक्तव्य ” आने वाली पीढ़ियां हमें इसलिए कतई याद नहीं करेंगे कि हमने कितने मंदिर, मस्जिद ,गुरुद्वारे और गिरजाघर बनवाएं बल्कि वे हमें तभी याद रखेंगे जब हम उन्हें स्वस्थ और खुशहाल भारत सौंपेंगे “ इस विज्ञापन को लेकर भाजपा ने सीधे हमला बोलने की वजाय कोर्ट के माध्यम से रोक लगा दी। इन होर्डिंग पर हाईकोर्ट ने आपत्ति की जिसके बाद यह हटा दिए गए । कोर्ट का कहना था कि इतने बड़े संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का नाम किसी प्रदेश की ब्रांडेड के लिए के लिए नहीं किया जा सकता।
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