कलमदार – देवदत्त दुबे
मध्यप्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों प्रमुख राजनीतिक दल अपनी पूरी शक्ति के साथ चुनावी मैदान में होंगे जहाँ भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का खासा दखल इन चुनावों में होगा वहीँ कांग्रेस की ओर से प्रशांत किशोर कमलनाथ के चेहरे के साथ प्रमुख चुनावी रणनीतिकार हो सकते हैं । इसी सन्दर्भ में राजधानी भोपाल से वरिष्ठ पत्रकार देवदत्त दुबे का आलेख ।
प्रदेश में होने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कमल के फूल का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस की ओर से कमलनाथ अगुवाई कर रहे हैं और इस बार उन्हें देश के जाने माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का साथ मिल गया है जो इस मुकाबले को और अधिक दिलचस्प बनाने वाला है। कांग्रेश की चुनावाी तैयारियों को देखते हुए भाजपा ने अपनी तैयारियों का एक्सीलेटर दबा दिया है दरअसल देश का हृदय प्रदेश कहा जाने वाला मध्य प्रदेश इस समय देश के दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो गया है यही कारण है कि इस समय से पूर्व 2023 के आम चुनाव की तैयारियां बूथ स्तर पर पहुंच गई है अब तक भा जा पा जमीनी जमावट करने में माहिर मानी जाती रही है लेकिन प्रदेश में 2017 के बाद कांग्रेसी भी बूथ पर फोकस करने लगी है छिंदवाड़ा की तरह पूरे प्रदेश में चुनावी समीकरणों को साधने के लिए कमलनाथ विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों का सहारा भी ले रहे हैं।
मंगलवार को दिल्ली में सोनिया गांधी के निवास पर हुई बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक के साथ चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी थे इस बैठक में कमलनाथ ने 2023 का प्लान दिखाया जिसमें उन्होंने प्रदेश की राजनीति को लेकर अब तक जो सर्वे कराए हैं रिपोर्ट भी सबके सामने रखी जिसके आधार पर प्रशांत किशोर ने मध्य प्रदेश के लिए चुनावी तैयारियां करने का भरोसा भी जताया और उम्मीद जाहिर की मध्य प्रदेश की जो परिस्थितियां है उसमें कांग्रेस की संभावनाएं बेहतर हो सकती हैं ।कमलनाथ ने जिस तरह से राष्ट्रीय नेतृत्व को विश्वास में लेकर अरुण यादव और अजय सिंह को कदमताल करने के लिए सहमत कर लिया है उसी तरह प्रशांत किशोर को प्रदेश की रणनीति बनाने में अधिकतम समय देने की भी बना ली है आगामी दिनों में कांग्रेसी की चुनावी तैयारियों कीं झलक देखने को मिलेगी कमलनाथ ने पार्टी के विधायकों को अपनी सर्वे रिपोर्ट से अवगत करा दिया है जिसके लिए रिपोर्ट अनुकूल नहीं थी उन्हें सख्त हिदायत देते हुए 6 महीने में अपना परफॉर्मेंस सुधारने की मिंयाद दी है ।
प्रदेश में हांथ आयी सत्ता गवाने के बाद जिस प्रकार कांग्रेसी आने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटे हैं उसे देखते हुए भाजपा ने भी अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उन योजनाओं का मेकअप करके नए सिरे से लागू करना शुरू कर दिया है जिसका चुनावी फायदा भाजपा को मिलता आया है इसी कड़ी में मंगलवार को तीर्थ दर्शन योजना को पूरे उत्साह के साथ प्रारंभ किया राजधानी भोपाल से पहली ट्रेन काशी विश्वनाथ के लिए रवाना की गई जिसमें मंत्री ठाकुर भी तीर्थ यात्रियों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष रवाना होने से पहले योजना के महत्व को बताया एवं दूसरी बार जब यह योजना शुरू हुई उसमें और कुछ जो सुधार हुए हैं उनको भी तीर्थ यात्रियों को समझाया यही नहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भोपाल दौरे को भी चमकदार बनाने के लिए शिवराज सिंह चौहान और विष्णु दत्त शर्मा ने नीति बनाई इसके लिए आयोजित समिति बनाने और अलग.अलग जिम्मेदारियां नेताओं को सौंपने पर चर्चा हुई 22 अप्रैल को हर समितियों के सम्मेलन में आदिवासियों को कुछ विशेष सौगाते भी दी जाएंगी इस आयोजन के बहाने भाजपा यह संदेश देगी कि प्रदेश के साथ.साथ राष्ट्रीय नेतृत्व की नजर में प्रदेश के 2023 के होने वाले चुनाव पर लगातार नजर रहेगी क्योंकि दो हजार अट्ठारह की तरह कोई भी चूक पार्टी नहीं करना चाहती है कुल मिलाकर प्रदेश में 2023 की विधानसभा के आम चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस को जहां प्रशांत किशोर का साथ मिला वहीं भाजपा की ओर से भाजपा के चांणक्य कहे जाने वाले अमित शाह विशेष नजर रखेंगे।