मध्यप्रदेश में चुनावी विसात संगठन और सत्ता के साथ साथ प्रशासनिक दृष्टि से भी तैयार की जा रही है अधिकारियों के ताबड़तोड़ तबादले किए जा रहे हैं माना जा रहा है इस फेरबदल से फिजा बदलने की कोशिश की जा रही है क्योंकि चुनावी वर्ष और लंबे समय से पदों पर जमे अफसरों को बदलना जरूरी हो गया था। हालांकि इसके बावजूद भी बहुत अफसर ऐसे हैं जिन्हें अब तक मैदानी पोस्टिंग नहीं मिल पा रही है दरअसल प्रदेश में लंबे समय से प्रशासनिक अधिकारियों के फेरबदल का मामला चल रहा था क्योंकि विधानसभा चुनाव को देखते हुए जमीनी जमावट करने के लिए फेरबदल करना जरूरी था जिसमें मंत्रियों की पसंद के अधिकारी रखे जाना और जिलों में जहां पर अफसरों और नेताओं के बीच पटरी नहीं बैठ रही उन्हें भी बदलना जरूरी था .
2 दिन से एक ही जगह पर 2 या 3 साल से जमे अफसरों को हटाया जा रहा है पहले दिन 14 आईएएस अफसरों को बदलाव और दूसरे दिन फिर 27 अधिकारियों के तबादले किए गए प्रमुख सचिव स्तर पर काम के आधार पर फेरबदल माना जा रहा है कुछ अनुभवी अफसरों को उनके पुराने विभागों में भेजा गया है । मसलन पंचायत और ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण का प्रमुख सचिव बनाया गया है . इसके पहले उमराव इसकी जिम्मेवारी संभाल चुके हैं और उस दौरान बहुत कुछ सुधार किए थे इसी तरह नीरज मंडलोई को लोक निर्माण विभाग से हटाकर नगरीय प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है वही पीएचई विभाग में जल जीवन मिशन में बेहतर काम करने वाले श्रीवास्तव को पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अपर मुख्य सचिव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है बाहर हाल इंदौर ,सीहोरा ,उमरिया, सिंगरौली ,धार, आगर ,मालवा ,कटनी ,छिंदवाड़ा ,सीधी ,देवास ,मुरैना, नरसिंहपुर ,बुरहानपुर के कलेक्टर बदल दिए गए हैं । छिंदवाड़ा कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को जबलपुर की जिम्मेदारी दी गई है कलेक्टर बुरहानपुर को सीहोर कलेक्टर बनाया गया है प्रियंक मिश्रा कलेक्टर का कलेक्टर बनाया गया है शेष कलेक्टर को मंत्रालय में पदस्थ किया गया है . कुल मिलाकर प्रशासनिक कसावट लाने की दृष्टि से व्यापक प्रशासनिक फेरबदल किया गया है इसी माह सेवानिवृत्त हो रहे मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की जगह अनुराग जैन के मुख्य सचिव बनाने की पूरी तैयारी हो चुकी है।
देवदत्त दुबे
वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनैतिक विश्लेषक मध्यप्रदेश