उमा भारती का पूरे चुनाव अभियान में एक स्थाई डायलॉग होता था “आप सत्ता परिवर्तन करें हम व्यवस्था परिवर्तन करेंगे” उमा भारती ने जिस रथ पर अपनी संकल्प यात्रा आरंभ की वह वातानुकूलित वाहन पहले नरेंद्र मोदी की गुजरात में की गई गौरव यात्रा में उपयोग हो चुका था हालांकि यात्रा के पहले कुछ चरण उमा भारती ने महाराष्ट्र के गोपीनाथ मुंडे द्वारा उपलब्ध कराए गए रथ पर संपन्न किए लेकिन वह वाहन मध्यप्रदेश की तब की बेहद जर्जर सड़कों के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया चंबल क्षेत्र में तो रथ टकराकर क्षतिग्रस्त भी हो गया रथ बदलने का कारण यह भी था कि नरेंद्र मोदी वाले रथ का उपयोग कर पहले पंजाब में प्रकाश बदल ने चुनाव जीता था ।
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प्रदेश के प्रभारी अरुण जेटली का मानना था कि रथ का गौरवशाली इतिहास मध्यप्रदेश में उपयोगी रहेगा जिस पर चढ़कर पंजाब और गुजरात में सरकारें बनी उसी रथ का उपयोग अंततः उमा भारती ने किया रथ के अलावा चुनावी रणनीति बनाने के लिए एक वार रूम बनाया गया नाम दिया गया जावली . महाराष्ट्र में उस जगह का नाम जावली है जहां शिवाजी ने औरंगजेब के सेनापति अफजल खान को धोखे से मारा था तब के विभाग प्रचारक अनिल दवे के नेतृत्व में जावली की टीम दिग्विजय सिंह से निपटने के लिए प्रतिदिन की रणनीति बनाती थी। जावली वार रूम में अतुल जैन, शैलेंद्र शर्मा ,भारत भूषण, सत्यजीत चतुर्वेदी, दिलीप सूर्यवंशी ,विजेश लुणावत एवं गुजरात के जीतू मेहता थे यह टीम राज्य एवं केंद्रीय नेतृत्व के बीच समन्वय का काम भी करती थी।
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