डॉ. गौर का शिक्षा प्रदान करने का सपना निरंतर जारी है- डॉ. वीरेंद्र कुमार
विश्वविद्यालय के एलुमनी अनमोल खजाने की तरह हैं- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापना दिवस के अवसर पर मेगा अलुमनी का आयोजन किया गया. इस आयोजन के उदघाटन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री माननीय डॉ वीरेंद्र कुमार जी थे, कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने की. इस अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सागर नगर की महापौर संगीता तिवारी, वरिष्ठ समाजसेवी सुशील तिवारी, बंडा विधानसभा के विधायक तरवर सिंह लोधी, सागर नगर विधायक शैलेन्द्र जैन विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए. दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. एलुमनी एसोशियेशन के अध्यक्ष प्रो. के एस पित्रे ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि इस तरह के मिलन का यह प्रयास अगले वर्ष और व्यापक स्तर पर किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने अलुमनी की संख्या बढाए जाने की जरूरत को रेखांकित किया. अलुमनी एसोशियेशन के सचिव प्रो. जी एल पुणतांबेकर ने कहा कि मीट के माध्यम से संपर्क एवम संबंध बढ़ते है। विभिन्न पदों एवं क्षेत्र के लोग एक साथ बराबरी से एलुमिनी के रूप उपस्थित हैं।
डॉ. गौर का शिक्षा प्रदान करने का सपना निरंतर जारी है- डॉ. वीरेंद्र कुमार
मुख्य अतिथि डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि यह आयोजन एलुमिनी विद्यार्थियों एवं सदस्यों का संगम है। उन्होंने अपने गुरुजनों से एवं विश्वविद्यालय से मिली सीख की यादें ताजा की और कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र विविध क्षेत्रों में स्थापित हैं। डॉ गौर का शिक्षा प्रदान करने का जीवन का लक्ष्य निरंतरता के साथ जारी है। उन्होंने कहा कि डॉ गौर वृक्ष रोपित करके गए हैं, जो वट वृक्ष की भांति अपनी छाया हर तरफ फैला रहा है। हमें उनसे सीखना चाहिए कि कैसे हम समाज को कुछ देकर उसका ऋण चुकाने का प्रयास कर सकते हैं। अपनी स्मृतियों को ताजा करते हुए उन्होंने बताया कि इमरजेंसी के दौरान दीक्षांत समारोह हुआ था और उसके बाद लंबे समय तक दीक्षांत समारोह नहीं हुआ। उनके स्वयं के प्रयास से विवि के अगले दीक्षांत समारोह में माननीय राष्ट्रपति स्वयं उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र की तरह, एलुमिनी के नाते उपस्थित विद्वतजनों को वे सुनना चाहते है। इस आयोजन की शुरुआत के लिए सभी को बधाई दी एवं कहा कि यह शून्य से शुरुआत हुई है जो शिखर तक जाएगी। उन्होंने कहा कि हम इस संकल्प के साथ जाएँ कि अगली एलुमिनी मीट और अधिक सफल हो। उन्होंने कहा कि हम सभी अपने पदों एवं क्षेत्र में रहते हुए विश्वविद्यालय के लिए जो योगदान हो वो करने का संकल्प लें। अपनी क्षमता के अनुसार मैं डॉ गौर को भारतरत्न दिलाने के लिए प्रयास करूंगा।
विश्वविद्यालय के एलुमनी अनमोल खजाने की तरह हैं- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता
अध्यक्षीय वक्तव्य में कुलपति नीलिमा गुप्ता ने उपस्थित सभी एलुमिनी का स्वागत करते हुए कहा कि इस विवि को 75 साल हो चुके हैं. विश्वविद्यालय के अलुमनी की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। विश्वविद्यालय को अपने सभी एलुमनी के लिए गर्व है। उन्होंने कहा कि डॉ गौर के सपने के कारण ही हम सभी को आज एलुमिनी होने का भी सौभाग्य मिला है । गौर साहब के योगदान को नमन करते हुए अब हम सभी इसके उन्नयन के लिए प्रयास करें। सागर को गौर सिटी बनायें। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के वचन ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के अनुरूप इस शहर को बनाने का लक्ष्य रखे। इस शहर में वह सब हो जो इसको मिनी स्विट्जरलैंड बनाए। उन्होंने कहा कि एल्युमिनी एक छाते की तरह रहते हैं जो हर मौसम में विवि को बचा कर रखते हैं। उन्होंने कहा कि किसी संस्था के एलुमनी एक नायाब हीरे की तरह होते हैं. हमारी कोशिश हो कि हम एक संपन्न एसोसिएशन बना सकें और अगले वर्ष साप्ताहिक आयोजन के लिए प्रयास करें. विशिष्ट अतिथि सुशील तिवारी ने कहा कि डॉ गौर के प्रेरणादायी किस्से सुनते हुए हमने यहाँ पढ़ाई की है। अपने जीवन में अभिव्यक्ति, शिक्षा, मर्यादा, संस्कार और अनुशासन अपने कार्य में आज जो भी प्रदर्शन कर रहे हैं, जो कुछ भी सीखा है, वो विश्वविद्यालय की देन है। हम सभी विवि के छात्र भावनात्मक रूप से आज भी विवि से जुड़े हुए हैं। हमारे पास विवि से जुड़ी अनगिनत यादें है एवं इसकी उन्नति के लिए छात्र जीवन से हमेशा आगे रहे और आगे भी रहेंगे। देश की राजनीति में सागर विवि के छात्र अपना योगदान दे रहे हैं जो गर्व की बात है। उन्होंने कुलपति को इस आयोजन के लिए ह्रदय से साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत रत्न से गौर साहब का गौरव बढ़ने के साथ-साथ सभी एलुमिनी एवं सागर का गौरव भी बढ़ेगा। विशिष्ट अतिथि गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि इस गौरव और अतीत के पन्ने पलटने वाले कार्यक्रम जो पूर्व छात्रों के मिलने का पहला प्रयास है एक स्वागत योग्य पहल है। यह कार्यक्रम आगे जाकर हम सभी के सामूहिक प्रयासों से और सफल होगा। उन्होंने कहा कि ‘आईने वहीं रहते हैं, चेहरे बदल जाते हैं. सभी को अपने पुराने साथियों से मिलने की ललक रहती है। विवि के सभी एल्युमिनी अगर मिल जाएँ तो संख्या बहुत अधिक है जो इस प्रांगण में समा नहीं पायेगी। उन्होंने कहा कि मंच पर बोलने से ज्यादा मिल कर बात करने में ज्यादा अच्छा संवाद होगा। सभी आज के दिन अपने पुराने दिनों को याद करते हुए गुजारें एवं फिर से अपने युवावस्था के दिन को जीवंत करें। उन्होंने इस मीट के लिए कुलपति एवं समस्त टीम का आभार माना एवं इस आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि डॉ गौर को भारत रत्न दिलाने के लिए जब आवश्यकता हो तब वे उपस्थित रहेंगे।
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