सत्ता से दूरी और कैडर की कमजोरी के बाद भी सक्रियता

सत्ता से दूरी और कैडर की कमजोरी के बाद भी सक्रियता

प्रदेश में कांग्रेस दो दशक से सत्ता से दूर है केंद्र में भी एक दशक से दूर है। इस दौरान कांग्रेस का कैडर भी कमजोर हो गया है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस एक बार फिर सक्रिय है और सरकार के खिलाफ लगातार मुद्दे उठा रही है। दरअसल, कांग्रेस के बारे में कहा जाता है कि जिस भी प्रदेश में कांग्रेस 10 वर्ष सत्ता से बाहर रही फिर वहां वापसी नहीं कर पाई लेकिन प्रदेश में 2018 में कांग्रेस ने 15 वर्षों के बाद सत्ता में वापसी की। भले ही सरकार डेढ़ वर्ष में गिर गई हो लेकिन कांग्रेसियों को एक उम्मीद बन गई है कि वह आगे भी प्रदेश में सत्ता में आ सकती है। अन्यथा जिस तरह से 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की करारी हार हुई है और 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी 29 लोकसभा स सीटे हारने के बाद कांग्रेस हासिये पर चली जाती लेकिन उम्मीद पर दुनिया कायम है और कांग्रेस इसी उम्मीद में नए नेतृत्व के साथ सक्रिय हो गई है। 2018 के पहले तक कांग्रेस मुक्त प्रदेश का नारा बुलंद करने वाली भाजपा भी अब यह नारा नहीं लगा रही है। बहरहाल, कांग्रेस के युवा प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ लगातार सक्रिय है और जहां भी उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं वे बयान भी जारी करते हैं और घटनास्थल पर पहुंचते भी है। उन्होंने जो युवक कांग्रेस और महिला कांग्रेस को भी सक्रिय किया हुआ है। पहले महीनों में कांग्रेस के कोई कार्यक्रम बनते थे। अब हर दिन कोई ना कोई कार्यक्रम कांग्रेस कर रही है लेकिन इसके बावजूद 9 महीनों में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री राज क्ल जी जीतू पटवारी प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाए हैं। पार्टी के अंदर गला काट गुटबाजी है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार के बीच भी तालमेल नहीं है कांग्रेस के क्षत्रप नेताओं का सहयोग भी जीतू पटवारी को नहीं मिल रहा है। जिससे भाजपा के खिलाफ आक्रामकता केवल वही दिखाई देती है जहां प्रदेश अध्यक्ष जाते हैं। बाकी पूरे प्रदेश में कैडर की कमजोरी से कांग्रेस जूझ रही है ।

कांग्रेस नेता यह हकीकत जानते हैं कि उनका मुकाबला प्रदेश में उस भाजपा से है जिसका संगठन बंदेल प्रदेश में पूरे देश में सबसे मजबूत माना जाता है संघ भी राष्ट्रीय मुद्दों पर भाजपा को ताकत देता रहता है। भाजपा जहां प्रदेश में सदस्यता अभियान के माध्यम से लगभग डेढ़ करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। प्रदेश में 15000 हारे हुए बूथों को मजबूत करने अभियान चलाए  पार्टी के दिग्गज नेता विधायक सांसद मंत्री बूथ स्तर पर सदस्यता अभियान के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया है जिलों में पदाधिकारी भर्मित है कि आगे वही रहेंगे या कोई नया अध्यक्ष बनेगा इसके आगे ब्लॉक और बूथ स्तर पर पार्टी की स्थिति समझी जा सकती है। कुल मिलाकर प्रदेश में कांग्रेस जहां सरकार के खिलाफ सक्रियता बनाए हुए हैं। वहीं पार्टी के अंदर कदर की कमजोरी से पार्टी की सक्रियता केवल तात्कालिक होती है। आगे पाठ पीछे सपाट की स्थिति से कांग्रेस जब तक आगे नहीं बढ़ेगी उसकी सक्रियता हवा हवाई ही साबित होगी।

■ देवदत्त दुबे 

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