डॉ हरिसिंह गौर की प्रतिमा को उखाड़ कर कचरे के ढेर में फेंकना पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र की जनभावनाओं का अपमान, प्रतिमा को तत्काल सम्मान पूर्वक पुराने स्थान पर स्थापित करें – त्रिलोकीनाथ कटारे
मूर्ति हटाने के मामले में भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी बेहद शर्मनाक
सागर/ बुंदेली माटी के सपूत, महान दानवीर और बुंदेलखंड की जन आस्थाओं के प्रतीक डॉ हरिसिंह गौर की प्रतिमा को उखाड़ कर कचरे के ढेर में फेंकना न केवल डॉ गोर का अपमान है बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र की जन भावनाओं का भी अपमान है। प्रशासन को चाहिए कि वह डॉ गौर की प्रतिमा को तत्काल सम्मान पूर्वक सिविल लाइन चौराहे के पुराने स्थान पर स्थापित करें। यह मांग सागर विश्वविद्यालय छात्र महासंघ के पूर्व अध्यक्ष तथा नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष रहे त्रिलोकीनाथ कटारे व जिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रेखा चौधरी ने की है। उन्होंने इस मामले में भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी को बेहद शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि सागर समेत बुंदेलखंड क्षेत्र को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने वाले सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ हरिसिंह गौर को भारत रत्न देने की वकालत करने वाले भाजपा के तथाकथित नेता और जनप्रतिनिधि डॉ गौर के इस अपमान पर आश्चर्यजनक रूप से मौन है। इससे साफ जाहिर होता है कि उनकी ही साथ गांठ से अब सागर से डॉ गौर का नाम खत्म करने की साजिश शुरू कर दी गई है और आने वाले समय में विश्वविद्यालय का नाम भी बदलकर भाजपा के किसी नेता के नाम पर कर दिया जाएगा। विश्वविद्यालय छात्र महासंघ के पूर्व अध्यक्ष त्रिलोकी नाथ कटारे ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन कांग्रेस सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचोरी द्वारा 21 साल पहले सिविल लाइन चौराहे पर जन सहयोग से स्थापित डॉ हरिसिंह गौर की मूर्ति का अनावरण और लोकार्पण किया गया था। लेकिन भाजपा की ही सरकार में यातायात की सुविधा के नाम पर रोटरी को तोड़कर गुपचुप ढंग से रातों-रात डॉ गौर की मूर्ति को वहां हटाकर कचरे के देर में फेंक दिया गया। प्रशासन द्वारा डॉ गौर के साथ किया गया इतना बड़ा घोर अपमान सागर की जनता किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगी और डॉ गौर की प्रतिष्ठा व सम्मान की रक्षा के लिए उग्र जन आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी। पूर्व छात्र महासंघ अध्यक्ष त्रिलोकी नाथ कटारे तथा डॉ गौर की मूर्ति स्थापना समिति के अध्यक्ष अवधेश तोमर ने प्रशासन को आगाह किया है कि डॉ गौर की प्रतिमा को तत्काल पुराने स्थान पर सम्मान पूर्वक स्थापित करें अन्यथा जन आंदोलन का सामना करने के लिए तैयार रहे।
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