मध्य प्रदेश सरकार जहां एक और शासकीय योजनाओं के लाभ पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए संकल्प यात्रा निकाल कर मोके पर ही हितग्राही को योजनाओं से लाभान्वित कर रही है वही दूसरी और प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों मे वर्षो से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के विभाग स्तर से आदेश प्रसारित हुए 3 माह बीत जाने के पश्चात भी कर्मचारियों के स्थाईकर्मी के आदेश महाविद्यालय प्रचार्यो द्वारा जारी नही किये जा रहे हैं। क्या है मामला मामला उच्च शिक्षा विभाग का है जहां प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों मे विगत कई वर्षो से जनभागीदारी निधि से गैर शैक्षणिक कार्यों मे कार्यरत कर्मचारियों द्वारा स्वयं को स्थाईकर्मी बनाये जाने की एकमात्र मांग लम्बे अर्से से की जा रही थी। जिस पर पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव नें संज्ञान लेते हुए 27 जुलाई 2023 को उच्च शिक्षा विभाग को कर्मचारियों को स्थाईकर्मी करने हेतु नोटशीट भी लिखी थी। जिस पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विधानसभा चुनाव के पूर्व 5 अक्टूबर 2023 को ही कर्मचारियों को स्थाईकर्मी करने हेतु आदेश प्रसारित कर दिए गए थे। जिसका उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भी लगातार गूगल मीट व अन्य माध्यमों से मप्र के महाविद्यालयों के प्राचार्य की ऑनलाइन बैठक मे निर्देश देते हुए विभाग द्वारा जारी आदेश के पालन हेतु सभी प्राचार्य को निर्देशित किया गया लेकिन महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशा के ठीक विपरित कार्य कर उक्त आदेशों की ऐसी व्याख्या कर रहे है जिससे जनभागीदारी कर्मचारी लाभान्वित न हो सके और कर्मचारियों को शासन की स्थाईकर्मी योजना से वंचित कर आदेश प्रसारित नही कर रहे है। ऐसे मे प्रदेश के महाविद्यालयों मे कार्यरत जनभागीदारी कर्मचारियों द्वारा पूर्व मे भी 15 दिसंबर को मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय मे आये मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को ज्ञापन सौपा गया था और मांग की गयी थी की जनभागीदारी कर्मचारियों के स्थाईकर्मी के आदेश महाविद्यालय प्राचार्यो से जारी करवाने का कष्ट करे लेकिन ज्ञापन सोपे जाने के एक माह बाद भी आज तक कर्मचारियों के आदेश महाविद्यालय प्राचार्यो द्वारा जारी नही किये जा रहे है जिससे प्रदेश के जनभागीदारी कर्मचारियों मे आक्रोश व्याप्त है।
⇑ वीडियो समाचारों से जुड़ने के लिए कृपया हमारे चैनल को सबस्क्राईब करें और हमारे लघु प्रयास को अपना विराट सहयोग प्रदान करें , धन्यवाद।