मध्यप्रदेश राजनीतिनामा : आदिवासियों पर ही फोकस…

मध्यप्रदेश राजनीतिनामा : आदिवासियों पर ही फोकस…

प्रदेश की राजनीति का पूरा फोकस आदिवासियों पर ही केंद्रित हो गया है बातें कहीं की भी हो घूम फिर कर आदिवासियों पर ही आ जाती है  .भाजपा का राष्ट्रीय और प्रदेशिक नेतृत्व लंबे समय से आदिवासियों को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है वहीं अब कांग्रेश भारत  जोड़ो यात्रा के माध्यम से आदिवासी जोड़ो अभियान चलाए हुए हैं . दरअसल प्रदेश में लगभग 22 प्रतिशत आदिवासी मतदाता हैं 47 सीटें इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं और लगभग 80 सीटों पर आदिवासी मतदाता जीत हार तय करने की भूमिका में है और प्रदेश का चुनावी इतिहास भी बताता है कि जहां आदिवासी रहा है उसी की सरकार बनी बीच में आदिवासी वर्ग में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बाद में जयस  संगठन के माध्यम से अपनी ताकत दिखाने की कोशिश भी की लेकिन वह सफल नहीं हुई ।

अब दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस आदिवासियों को अपनी ओर करने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं आगामी दिनों में दो बड़े कार्यक्रम देश में होने जा रहे हैं जिसमें दोनों दल अपनी अपनी ताकत इस वर्ग के बीच दिखाएंगे बहरहाल भाजापा जहां 15 नवंबर को शहडोल में आदिवासियों का जमावड़ा कर रहे हैं प्रदेश स्तरीय इस कार्यक्रम में भाजपा के भाजपा के सभी बड़े नेता उपस्थित रहेंगे आदिवासी क्षेत्रों में रैलियां भी निकाली जाएंगी इसके पहले भी भाजपा भोपाल ,जबलपुर में आदिवासी वर्ग के बड़े कार्यक्रम और बड़ी घोषणा कर चुकी है अब कांग्रेसी भी भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से आदिवासी पर को जोड़ने का जतन कर रही है पार्टी के रणनीतिकारों ने भारत जोड़ो यात्रा की रणनीति कुछ इस तरह से बनाई है जिसमें आदिवासी वर्ग को विशेष रूप से जोड़ा जा सके युवाओं और महिलाओं को भी भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लेने के लिए तैयार किया जा रहा है आदिवासी वर्ग में रखने वाले कांग्रेसी नेताओं विधायकों को विशेष रूप से इसकी जिम्मेवारी सौंपी गई है भारत जोड़ो यात्रा बुरहानपुर से मध्यप्रदेश में में प्रवेश करेगी आदिवासी वर्ग स्वागत में सबसे बड़ा तैयार किया जा रहा है यात्रा बुरहानपुर से शुरू होकर खंडवा, खरगोन ,इंदौर, उज्जैन ,आगर मालवा जिले से होती हुई राजस्थान में प्रवेश करेगी उज्जैन में बड़ी सभा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भारी संख्या में आदिवासी वर्ग को आमंत्रित किया जाएगा इस तरह की तैयारी चल रही है ऐसा लग रहा है जैसे कांग्रेसमें भारत यात्रा को आदिवासी जोड़ो यात्रा में बदल देना चाह रही है 2018 में 45 में से 31 सीटें भाजपा के हाथ से निकल गई थी और अब बजाजपा इस वर्ग को को जोड़ने का जतन कर रही है और कांग्रेस यात्रा का पूरा फोकस आदिवासी वर्ग बनाकर 2018 जैसे परिणाम लाने के लिए प्रयास कर रही है कुल मिलाकर प्रदेश में आदिवासी वर्ग को अपनी तरफ करने के लिए दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं इसके लिए भाजपा की तरफ से लगातार चल रहे प्रयासों का जवाब कांग्रेश भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से देना चाहती है।

आलेख – देवदत्त दुबे

वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनैतिक विश्लेषक मध्यप्रदेश 

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