भोपाल। 22 को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा आएंगे भोपाल और एक बड़ी बैठक लेंगे जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। भाजपा नेताओं की राष्ट्रीय स्तर पर व्यस्तता के चलते 19 जुलाई को होने वाली कोर ग्रुप की बैठक अब 22 जुलाई को होगी जिसमें विभिन्न समितियों के माध्यम से कामों का बंटवारा किया जाएगा जिसकी समीक्षा 30 जुलाई को गृहमंत्री अमित शाह करेंगे।दरअसल प्रदेश में अमित शाह के दौरे के बाद भाजपा में सक्रियता बढ़ी चुनाव के प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव एवं सह प्रभारी अश्वनी वैष्णव लगातार बैठकें की चुनाव अभियान समिति के नवनियुक्त संयोजक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने दी तेजी से कदम बढ़ाए और विभिन्न समितियों के गठन की तैयारी की और समिति बन जाने के बाद समिति क्या-क्या काम कितने समय सीमा में करेगी उसके लिए क्या संसाधनों की जरूरत पड़ेगी इसकी भी समीक्षा की आज होने वाली कोर ग्रुप की बैठक में इन समितियों को फाइनल किया जाता जिलों के प्रभारी नियुक्त किए जाते लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय मंत्रियों की व्यस्तता पर मंगलवार की शाम को एनडीए की बैठक के चलते केंद्रीय मंत्री भोपाल नहीं आ पा रहे हैं।इस कारण यह बैठक अब 22 जुलाई को होने वाली है और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के पहले इस बैठक को किया जाना है जिससे 30 जुलाई को शाह के सामने पूरी तस्वीर रखी जा सके संभावना यह भी जताई जा रही है।
बहरहाल प्रदेश में मिशन 2023 को फतह करने के लिए भाजपा और कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं दोनों ही दल संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने और एक एक सीट को जीतने की रणनीति बना रहे हैं विपक्षी दल कांग्रेश सबसे पहले उन 66 सीटों पर प्रत्याशी तय करने जा रही है जहां भाजपा 4 या 5 बार से ज्यादा समय से जीत रही है जबकि भाजपा में इस बार ताश के पत्ते की तरह प्रत्याशियों को फैटा जाएगा और किसी का भी टिकट काटने में कोई संकोच नहीं किया जाएगा यदि उसकी जीतने की संभावनाओं पर थोड़ी भी शंका है क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में 13 मंत्री चुनाव हार गए थेIजिसके कारण पार्टी सरकार से बाहर हो गई थी इस बार पार्टी किसी भी प्रकार के मुगालते में नहीं रहना चाहते और हर कदम फूंक फूंक कर रख रही है यहां तक की विभिन्न समितियों को बनाने में भी सावधानी बरती जा रही है इन समितियों के माध्यम से जहां असंतुष्ट और उपेक्षित कार्यकर्ताओं को नेताओं को संतुष्ट किया जाएगा वही जातीय और क्षेत्रीय संतुलन भी बनाने की कोशिश की जाएगी
कुल मिलाकर भाजपा और कांग्रेस जिस तरह से विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी कर रही है उससे प्रदेश के इतिहास के अभूतपूर्व चुनाव होने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है बूथ की मजबूती के साथ साथ सोशल मीडिया की मजबूती पर विशेष फोकस किया जा रहा है जिससे कि कहीं किसी भी प्रकार की बात को पहुंचाने में आसानी हो सके माना जा रहा है कि 22 जुलाई से अब तेजी से फैसले होंगे।
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