किसान आंदोलन के दौरान चर्चा में आये कुख्यात लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में बड़ी खबर सामने आई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है। इसी के साथ कोर्ट ने आशीष मिश्रा को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा. पीड़ित पक्ष की दलीलों को नजरअंदाज किया गया है
गौरतलब है कि पिछले साल 3 अक्टूबर को किसानों का एक समूह भाजपा के नेता केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था तभी लखीमपुर खीरी में एक कार ने प्रदर्शन कर रहे 4 किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था। इससे गुस्साए किसानों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट.पीट कर मार डाला था।
उत्तपद्रशे चुनावों के पहले इस मुददे पर भयंकर माहौल बना इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा किए आशीष मिश्रा को जमानत देते समय इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष की दलीलों को नजरंदाज किया इसलिए हाईकोर्ट को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर फिर से विस्तार से सुनवाई करनी चाहिए। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा किए इस मामले में पहले जिस जज ने सुनवाई की थी वह दोबारा सुनवाई नहीं करेंगे उनके स्थान पर दूसरे न्यायाधीश होंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दी थी जिसके बाद वह 18 फरवरी को जेल से बाहर आ गए थे। सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को नए सिरे से सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट को वापस भेज दिया है।
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