मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने तेरह मामलों में संज्ञान लिया

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने तेरह मामलों में संज्ञान लिया

 मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने तेरह मामलों में संज्ञान लिया है। आयोग के माननीय सदस्य  मनोहर ममतानी ने संज्ञान लेकर संबंधित विभागाधिकारियों से समय-सीमा में जवाब मांगा है।
पहला मामला भोपाल जिले का है। जिले के नजीराबाद स्थित ग्राम खैरखेड़ा निवासी दो सगे भाईयों की गांव के पंचायती तालाब में डूबने से मौत हो गई। दोनों भाई खेत सो घर जाने का कहकर निकले और रास्ते में तालाब में नहाने पहुंच गये। शाम को जब वह घर पर नहीं मिले तो परिजनों ने तलाश की। तालाब किनारे रखे कपड़े देख पानी में तलाश की तो तालाब में दोनों के शव मिल गये। मामले में आयोग ने कलेक्टर, भोपाल से एक माह में जवाब मांगा है। आयोग ने कलेक्टर से यह भी कहा है कि मृतक के उत्तराधिकारियों को शासन के नियमानुसार दी जा सकने वाली मुआवजा राशि के संबंध में कार्यवाही एवं तालाब पर सुरक्षा हेतु किये गये उपाय के संबंध में एक माह में प्रतिवेदन दें।

दूसरा मामला भोपाल का ही है। भोपाल शहर के 
हमीदिया जैसे प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट का दूषित पानी खुले में बह रहा है। यह संक्रमण का बड़ा कारण बन सकता है और मरीज के साथ-साथ उनके स्वजनों की जान पर बन सकती है। एक दैनिक अखबार द्वारा बीते शुक्रवार को की गई पड़ताल में यह हकीकत पता चली है। यह हालत तब है जब राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा मंत्री से लेकर भोपाल संभागायुक्त बार-बार अस्पताल का दौरा कर रहे है। इसके बावजूद भी कमियों को दुरूस्त नहीं किया गया। इसके अलावा मरीज व उनके परिजनों के लिये आरओ से लेकर वाटर कूलर तक लगाया गया था लेकिन वह भी बंद होकर कबाड़ हो गये हैं। मामले में आयोग ने कमिश्नर भोपाल एवं हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक से 15 दिन में जवाब मांगा है।

तीसरा मामला भी भोपाल का है। भोपाल शहर के पिपलानी में 
एक 14 साल की छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला आया है। टीआई ने बताया है कि आरोपी ने पीड़िता को उसके घर के सामने से अगवाकर उसे सुनसान स्थान पर ले जाकर घटना को अंजाम दिया। पीड़िता के तीन माह बाद जब तबीयत बिगड़ी तो परिजनों ने उसे डाक्टर को दिखाया तो पता चला कि पीड़िता गर्भवती है। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। आयोग ने पुलिस कमिश्नर से यह भी कहा है कि 01. पीड़ित बालिका के गर्भवती होने से उसे गर्भपात करवाये जा सकने की सम्भावना के संबंध में बालिका और उसके संरक्षक के साथ विचार-विमर्श कराकर युक्तियुक्त कार्यवाही करने का प्रतिवेदन भेजें। 02. यदि गर्भपात संभव न हो, तो पीड़ित बालिका एवं उसकी होने वाली संतान की देखभाल व संरक्षण की अन्य शासकीय योजना का लाभ आदि के संबंध में भी प्रतिवेदन एक माह में भेजें।

चौथा मामला इंदौर का है। इंदौर शहर के द्वारिकापुरी थानाक्षेत्र में
 गुंडों ने एक दलित बुजुर्ग महिला के प्लाट पर जबरन कब्जा कर लिया और महिला के साथ मारपीट की घटना को भी अंजाम दिया। मारपीट में पुलिसकर्मी भी शामिल थे, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्यवाही की है। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, इंदौर से प्रकरण की जांच कराकर 15 दिन में जवाब मांगा है।

पांचवां मामला सीहोर जिले का है। यहां एक पिता ने कलेक्टर सीहोर से 
शिकायत की है कि जिला जेल सीहोर में बंद उसके बेटे को जेल में शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। ग्राम भादाखेड़ा निवासी श्री गोकलदास वर्मा ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसका बेटा राजकुमार चोरी के केस में जेल में बंद है। जब वे अपने बेटे से मिलने जेल गये तो उन्होंने बेटे के शरीर पर गहरे जख्म देखे। उसके साथ मारपीट हुई है। यह जानकर उनका पूरा परिवार सदमें में है। मामले में आयोग ने महानिदेशक, जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं, जेल मुख्यालय से 15 दिन में जवाब मांगा है। साथ ही यह भी कहा है कि बंदी राजकुमार का डाक्टरी परीक्षण कराकर उसकी रिपोर्ट भी अपने जवाब के साथ ही भेजें।

छठवां मामला ग्वालियर जिले का है। ग्वालियर जिले के 
भितरवार में पार्वती नदी के दियादाह घाट पर दो युवतियों के शव मिले। बीते 12 नवंबर को दोनों युवतियां घर से लापता हो गयी थी। परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन नहीं मिली, तो पुलिस में सूचना दी। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया। दोनों दो दिन पहले घर से लापता हुई थी। बीते सोमवार को उनके शव नदी में पड़े मिले। पुलिस मौके पर पहुंची और फाॅरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। टीम आने के बाद ही शवों को पानी से बाहर निकाला गया। मामले में संज्ञान लेकर आयोग ने पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर से एक माह में जवाब मांगा है।

सातवां मामला उज्जैन जिले का है। उज्जैन जिले के सिजावता गांव के एक युवक दिलीप राव को उसके गांव के ही दो भाईयों अर्जुन और गणेश ने माता मंदिर की तलवार चोरी का आरोप लगाते हुये खेत में बोरिंग मशीन के तारों से बांधकर लटका दिया और जमकर मारपीट करने के मामले में पुलिस अधीक्षक, उज्जैन से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। आयोग ने एसपी से यह भी कहा है कि गांव छोडकर गये पीड़ित युवक दिलीप और उसके परिवार की सुरक्षा और उन्हें उनके गांव सिजावता में ही रहने की व्यवस्था करायें और गांव से पलायन इस प्रकार से न हो सके यह भी सुनिश्चित करें।


आठवां मामला भी उज्जैन जिले का ही है। उज्जैन शहर के
 प्रशांति काॅलेज कैंपस में चल रहे एनसीसी कैंप में खाना खाने के बाद गुरूवार देररात 116 बच्चे बीमार हो गये। उन्हें उल्टी-दस्त, सिरदर्द व पेट दर्द, चक्कर व घबराहट तथा कुछ बच्चों को बुखार आने लगा। एक बच्चा बेहोश हो गया था। बीते शुक्रवार सुबह सूचना मिलने पर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। बच्चों की जांच कर इलाज किया। एसपी ने बताया है कि दूषित भोजन करने की वजह से विद्यार्थियों को बदहजमी हुई है। मामले में आयोग ने कलेक्टर उज्जैन से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

नौवां मामला रायसेन जिले का है। जिले के उदयपुरा थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम केतोघन के
 पास नर्मदा नदी में नहाते समय चार दोस्तों में से दो युवक गहरे पानी में जाने से डूब गये हैं। विदिशा के सिंधी कालोनी निवासी चेतन व राजकुमार चैरसिया अंशुल नेमा, महेंद्र अहिरवार व प्रथम तोमर के साथ नर्मदा नदी के केतोघान घाट पहुंचे थे। चेतन व राजकुमार नर्मदा नदी में नहाते समय पानी में डूब गये, अंशुल व महेन्द्र नदी से सुरक्षित बाहर निकल आए हैं। मामले में कलेक्टर, रायसेन से एक माह में जवाब मांगा है। आयोग ने कलेक्टर से यह भी कहा है कि मृतक के उत्तराधिकारियों को शासन के नियमानुसार दी जा सकने वाली मुआवजा राशि के संबंध में कार्यवाही कर एक माह में प्रतिवेदन दें।

दसवां मामला शिवपुरी जिले का है। जिले के बदरवास थाना क्षेत्र के रेजा घाट पर 
रेत माफियाओं और उनके गुर्गो ने बदरवास तहसीलदार प्रदीप भार्गव के साथ मारपीट करते हुये पथराव कर दिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर लिया है। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, शिवपुरी 15 दिन में जवाब मांगा है।

ग्यारहवां मामला सागर जिले का है। सागर जिले 
के शासकीय गल्र्स एक्सीलेंस काॅलेज की एक छात्रा ने लड़कों की छेड़कानी व प्रताड़ना के चलते दो दिन पूर्व अपने गांव सुरखी थाना क्षेत्र के ग्राम घाना में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने परिजनों के बयान व सुसाइड नोट के आधार पर दो नामजद आरोपियों के विरूद्ध मामला दर्ज कर लिया है। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, सागर से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

बारहवां मामला सिंगरौली जिले का है। सिंगरौली जिले के
 मोरवा थाना क्षेत्रांतर्गत खिरवा गांव में उस समय हड़कम्प का माहौल निर्मित हो गया, जब एक महिला अपने दो मासूम बच्चों के साथ घर से 100 मीटर दूरी पर स्थित कुएं में पैर फिसलने के कारण गिर गयी। मां तो कुएं में लगे एंगल से लटक गयी, किन्तु दोनों मासूम बच्चे कुएं के गहरे पानी में डूब गये और उनकी मौत हो गई। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, सिंगरौली से एक माह में जवाब मांगा है। आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से यह भी कहा है कि दोनों मृतकों के संबंध में उनके उत्तराधिकारियों को शासन के नियमानुसार दी जा सकने वाली मुआवजा राशि के संबंध में कार्यवाही कर एक माह में प्रतिवेदन दें।

तेरहवां मामला रायसेन जिले का है। जिले के सांची नगर 
का सरकारी अस्पताल आठ की जगह 30 बिस्तर का होने के बाद भी यहां व्यवस्थाएं नहीं सुधरी हैं। अस्पताल में जहां देखो वहां सिर्फ गंदगी नजर आती है। मरीजों को डाक्टरों का इंतजार करने पर मजबूर होना पड़ता है। मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही घंटों लाईन में खड़े रहना पड़ता है। अस्पताल के स्टेªक्चर  भी धूल खाते कबाड़ बन रहे हैं। पेयजल स्थल भी साफ-सफाई की बाट जोह रहा है। शौचालय तो गंदगी से अटे पड़े दिखाई दे रहे है। अस्पताल प्रशासन के लोग चुप्पी साधे बैठे हैं। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रायसेन से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
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