22 दिन बाद नाले में मिला कंकाल,आयोग ने पुलिस कमिश्नर भोपाल से मांगा जवाब

22 दिन बाद नाले में मिला कंकाल,आयोग ने पुलिस कमिश्नर भोपाल से मांगा जवाब

छह मामलों में संज्ञान

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय सदस्य राजीव कुमार टण्डन ने छह मामलों में संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।

1 – लापता युवक का 22 दिन बाद नाले में मिला कंकाल, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

आयोग ने पुलिस कमिश्नर भोपाल से मांगा जवाब

भोपाल के बिलखिरिया थानाक्षेत्र स्थित
 हरीपुर गांव से 22 दिन पहले रहस्यमय तरीके से लापता हुये युवक का कंकाल बीते गुरूवार की दोपहर घोड़ापछाड़ डैम के पास एक खेत के नाले में मिला। मृतक के परिजनों ने उसकी हत्या की आशंका जाहिर की है। पुलिस का कहना है कि शव पुराना होने के कारण कंकाल बन गया है। उसका कुछ हिस्सा जानवरों ने भी खाया है। परिजनों ने 12 अक्टूबर की रात बिलखिरिया थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से जवाब मांगा है।

जननी वाहन पहुंचने में हुई देरी, प्रसूता और बच्चे की मौत

2 – आयोग ने कलेक्टर एवं सीएमएचओ बालाघाट से मांगा जवाब
 
जननी वाहन समय पर नहीं पहुंचा, जिससे घर पर ही प्रसव कराना पड़ा। महिला ने जुड़वा (बालक व बालिका) को जन्म दिया। इसके बाद प्रसूता व नवजात बालक की मृत्यु हो गई। नवजात बालिका की हालत गंभीर बन हुई है। मामला बालाघाट जिले मलाजखंड थानाक्षेत्र ग्राम छिंदीटोला का है। छिंदीटोला निवासी महेश मड़ावी ने बताया कि उसकी पत्नी शशिकला को प्रसव पीड़ा होने पर बीते शुक्रवार की शाम अस्पताल ले जाने के लिये जननी 108 वाहन संचालक को फोन लगाया। फोन पर बताया गया कि वाहन दूसरे मरीज को लेकर गया है, इसलिये देर से आयेगा। इसी दौरान महिला की पीड़ा बढ़ गई और घर पर ही प्रसव कराया गया। बीएमओ बिरसा का कहना है कि जननी एक्सप्रेस वाहन के देरी से पहुंचने के प्रकरण की जांच कर कार्यवाही की जायेगी। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बालाघाट से जवाब मांगा है।

3 – प्राचार्य एवं शिक्षकों द्वारा अपमानित छात्र ने आत्महत्या कर ली

आयोग न एसपी ग्वालियर से मांगा जवाब
स्कूल के वाॅशरूम में पटाखे जलाने के आरोप पर प्राचार्य एवं शिक्षकों द्वारा अपमानित कक्षा 12वीं  में पढ़ रहे एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। हालांकि यह अभी तक सिद्ध नहीं हो पाया है कि स्कूल में पटाखे किसने जलाये थे। मामला ग्वालियर के विवेकानन्द हाॅयर सेकेण्डरी स्कूल का है। घटना तीन नवम्बर की है। लंच टाईम के बाद किसी ने स्कूल के वाॅशरूम में पटाखे फोड़ दिये। बिना जांच पड़ताल के प्राचार्य एवं शिक्षकों द्वारा कक्षा 12वीं में पढ़ रहे छात्र महेन्द्र उर्फ रोहित कुशवाह को इस तथाकथित कृत्य के लिये अपमानित किया गया। इससे आहत एवं अवसादग्रस्त होकर छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर से जवाब मांगा है।

4 – लोन की किश्त के लिये बैंकवालो ने धमकाया, किसान ने पिया जहर

आयोग ने एसपी छिंदवाड़ा से मांगा जवाब

छिंदवाड़ा में एक
 किसान ने जहर पीकर जान दे दी। उसने बैंक से कर्ज लिया था। परिवार का आरोप है कि बैंकवालों ने उसके घर आकर कर्ज जमा करने के लिये उस पर भारी दबाव बनाया था। वे कह रहे थे कि कानूनी कार्यवाही करेंगे। छिंदवाड़ा जिले के मोहखेड़ ब्लाॅक के राजेगांव निवासी किसान रामदत्त चैधरी (55 साल) इस घटना से टूट गया। उसने बीते दो नवम्बर को सुसाईड कर लिया। बैंकवालों का कहना है कि मृतक का क्लेम आना बाकी था। जो भी क्लेम आता, वो फसल के नुकसान में मर्ज हो जाता। रामदत्त ने सुसाईड क्यों किया, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक, छिंदवाड़ा से जवाब मांगा है।

5 – एंबुलेंस गांव नहीं आई, खाट पर ले गए महिला को

आयोग ने कलेक्टर डिंडोरी से मांगा जवाब
प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती को एम्बुलेसं तक पहुंचाने के लिए परिजनों को खाट का सहारा लेना पड़ा। वाक्या डिंडोरी जिले के बरोदी ग्राम पंचायत का है। बीते शुक्रवार को सविता बाई को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने जननी एक्सप्रेस को सम्पर्क किया, लेकिन एम्बुलेंस चालक ने वाहन सड़क पर खड़ाकर मरीज को यहां लाने को कहा। परिजनों ने आग्रह किया कि वाहन घर तक ले चलो, लेकिन वह नहीं माना। महिला की तबीयत बिगड़ती देख परिजन उसे खाट पर लिटाकर डेढ़ किलोमीटर तक पैदल चले। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, डिंडोरी से जवाब मांगा है।

6 – हाॅस्टल से पांच किमी दूर हर दिन पैदल स्कूल जाती हैं 200 छात्राएं

आयोग ने कलेक्टर बड़वानी से मांगा जवाब

बड़वानी विधानसभा क्षेत्र के
 एक गांव में छात्राओं के चार हाॅस्टल बने हैं, तो इससे करीब चार से पांच किमी दूर दूसरे गांव में स्कूल है। हर दिन इस हाॅस्टल करीब 200 छात्राओं को पथरीले रास्तों और मौसम की खुली मार झेलते हुये स्कूल पहुंचने का यह सफर पूरा करना पड़ता है। मामला बड़वानी जिले के पाटी विकासखण्ड पटेल फलिया बूंदी का है। छात्राओं का स्कूल पटेल फलिया से चार किमी दूर आंवली में है, तो हाॅस्टल बूंदी में है। जिसके चलते छात्राओं को पांच किमी का सफर तय करना पड़ता है। छात्राओं की इस परेशानी को देखते हुये हाॅस्टल अधीक्षिका से लेकर गांव के सरपंच तक ने वरिष्ठ अफसरों और जनप्रतिनिधियों को आवेदन देकर सुविधा की मांग की है। लेकिन अफसोस कि छात्राओं की समस्या का समाधान अबतक नहीं हुआ। हाॅस्टल अधीक्षिका का कहना है कि बारिश के दिनों में उक्त मार्ग सफर के काबिल भी नहीं रहता है, पर करें तो क्या करें, कहीं भी हमारी सुनवाई नहीं हो रही है। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, बड़वानी से जवाब मांगा है।

समाचार शाखा ,भोपाल, मध्यप्रदेश 
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