गोपाल जी केवल राजनेता नहीं सामाजिक समरसता के विकास पुरुष – मुख्यमंत्री

गोपाल जी केवल राजनेता नहीं सामाजिक समरसता के विकास पुरुष – मुख्यमंत्री

मंत्री गोपाल भार्गव की पहल पर 2100 कन्याओं का विवाह सामाजिक समरसता का महायज्ञ  – मुख्यमंत्री श्री चौहान
21 हजार गरीब कन्याओं के विवाह का श्री गोपाल भार्गव का महा-संकल्प हुआ पूरा

गढ़ाकोटा में आयोजित कन्या विवाह निकाह योजना के अंतर्गत पधारे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कई महत्वपूर्ण घोषणा की जिनमेकोविड सक्रमंण के दौरान माता-पिता की मृत्यु होने से अनाथ बच्चों के लिए 4000 रूपये की पेंशन योजना के दायरे में अब ऐसे अन्य अनाथ बच्चों को भी शामिल किया जायेगा, जिनके माता पिता नहीं है। लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव की मांग पर श्री शिवराज सिंह चौहान ने शाहपुर में डिग्री कालेज स्वीकृत करने की घोषणा भी की।  मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्री श्री गोपाल भार्गव की पहल पर गढ़ाकोटा में मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना के तहत आज हुए 2100 गरीब कन्याओं के विवाह को सामाजिक समरसता का महायज्ञ बताया। श्री चौहान सागर जिले के गढ़ाकोटा स्थित रहस मेला मैदान में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत 20 वें पुण्य विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में समारोह के आयोजक लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, सांसद श्री वी.डी. शर्मा, राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री विनोद गोटिया, खनिज निगम के उपाध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह मोकलपुर, विधायक सर्व श्री शैलेन्द्र जैन, धर्मेन्द्र सिंह लोधी, अजय टण्डन, पी.एल. तंतुवाय, जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री हीरा सिंह राजपूत, नगर निगम के अध्यक्ष श्री वृंदावन अहिरवार, पूर्व मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, श्रीमती ललिता यादव, नारायण कबीर पंथी, श्री अभिषेक भार्गव दीपू,  पूर्व विधायक श्री बृज बिहारी पटेरिया, भानु राणा, श्री गौरव सिरोठिया, श्रीमती लता वानखेडे़ श्रीमती संध्या भार्गव, शैलेष केशरवानी सहित जिले के विभिन्न नगरीय निकायों एवं स्थानीय निकायों के पदाधिकारी, पार्षद और अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।  बीसवें पुण्य विवाह समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती, नगरीय विकास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने भी पहुंचकर वर-वधु को आर्शीवाद दिया।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंत्री श्री भार्गव केवल राजनेता ही नहीं समाज सेवक और विकास पुरूष भी है। मध्यप्रदेश के विकास के लिए वे सदैव प्रयत्नशील रहते है। उन्होंने 21000 कन्याओं का विवाह कराकर समाज सेवा का जो इतिहास बनाया वह अनुकरणीय है। आज के पुण्य और विशाल विवाह समारोह में 2100 कन्याओं के हाथ पीले कर उन्होंने 21 हजार कन्याओं के विवाह कराने के अपने महा-संकल्प को पूरा किया है, जिसपर हम सभी को गर्व है। श्री भार्गव ने यह सिध्द किया कि राजनेता पेशा, नहीं समाज सेवा है। मुख्यमंत्री ने सामूहिक विवाह समारोह को सामाजिक सेवा का महाकुंभ भी बताया, जिसमें एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए। श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सभी बेटियां सुखी रहे। कोई भी माता-पिता अपनी बेटी के विवाह को लेकर परेशान नहीं हो। यही सरकार का भी संकल्प भी है। मध्यप्रदेश सरकार ने बेटियों के जन्म से लेकर पढ़ाई और फिर बाद में विवाह के लिए योजना लागू की है। अब महिलाओें के लिए लाड़ली बहना योजना शुरू की गई है, जिससे पात्र सभी महिलाओं के बैंक खाते में एक हजार रू. प्रतिमाह राशि डाली जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाड़ली बहना योजना को महिला कल्याण की सबसे बड़ी योजना बताया। बेटियों, बहनों और महिलाओं के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना मध्यप्रदेश सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। लाड़ली बहना योजना में शामिल होने के लिए महिलाओं को यहां वहां भटकने की जरूरत नहीं होगी, गांव, शहर के वार्डो में शिविर लगाकर आवेदन लिए जायेगें।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विवाह समारोह में शामिल हुए सभी नव दंपतियों को उनके सुखी, सफल जीवन के लिए शुभकामनाएं देते हुए अपना आशीर्वाद दिया। साथ ही यह भी कहा कि किसी भी तकलीफ में अकेला श्री गोपाल भार्गव ही नहीं, मामा शिवराज सिंह चौहान भी उनके साथ खड़ा रहेगा।  मुख्यमंत्री तथा अन्य अतिथियों ने नवदंपतियों पर पुष्प वर्षा कर उनका अभिवादन किया तथा प्रतीकात्मक स्वरूप कुछ दंपत्ति को उपहार सामग्री भेंट की। श्री चौहान ने सामूहिक विवाह के महायज्ञ को सफलता पूर्वक संपन्न करवाने के लिए श्री भार्गव का स्वागत-अभिनंदन भी किया।
समारोह में श्री गोपाल भार्गव ने बताया कि बीस साल पहले श्री चौहान और उन्होनें गरीब कन्याओं के विवाह संपन्न कराने की शुरूबात थी। पहले गरीबी के कारण लोग बेटियों की शादी के लिए घर, जेवर, गिरवी रख देते थे, मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उनके इस दर्द को समझा और मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना शुरू की, जो सबसे बड़ा पुण्य कार्य है। उन्होंने बताया कि 20 साल पहले मैंने छोटे रूप में इसकी शुरूआत की थी, जो अब विशाल स्वरूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की एक भी बेटी ऐसी नहीं होना चाहिए, जिसके हाथ पैसे के अभाव में पीले नहीं हो पा रहे है। उन्होंने परिणय सूत्र में बंधने वाली बेटियों से कहा कि जब तक गोपाल भार्गव जीवित है, धर्मपिता के रूप में वह आपके काम आयेगा। श्री भार्गव ने बताया कि उन्होंने अपने पुत्र अभिषेक भार्गव और पुत्री डा. अवंतिका भार्गव की शादी भी ऐसे ही सामूहिक विवाह समारोह में की थी, बाद में किसी बड़े होटल या फाईव स्टार होटल में रिसेप्शन नहीं दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को लोक कल्याण और सामाजिक समरसता की योजना बताया। श्री भार्गव के अनुसार आज जो विवाह संपन्न हुए उनमें 500 जोडे़ कुशवाहा समाज, 400 अहिरवार समाज, 150-150 कुर्मी और लोधी तथा 50 ब्राम्हाण समाज के तथा 50 मुस्लिम समाज के है। शेष अन्य वर्ग के है। सभी को 200-200 के समूह में विवाह वेदी पर बिठाकर विवाह संपन्न हुआ है। बड़ी संख्या में जो घराती-बराती नागरिक और अतिथि आएं है, उन्हें स्वादिष्ट बुंदेली व्यजंन कराया गया है। विवाह सूत्र में बंधने वाले नव दपतियों को योजनानुसार राशि और गृहस्थी की सामग्री भेंट की गई है। अब मध्यप्रदेश का कोई भी गरीब चाहेगा तो उनकी बेटी का विवाह वे संपन्न करायेंगे।  

इस अवसर पर सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कन्यादान को भारतीय संस्कृति में सबसे बड़ा दान बताया। श्री शर्मा ने कहा कि श्री गोपाल भार्गव ने 21 हजार गरीब कन्याओं का विवाह कराकर पुण्य और यश का कार्य किया है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि बीसवे विवाह समारोह में सभी धर्मो के बेटे-बेटियों का विवाह हुआ। ऐसे आयोजन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में होने चाहिए। प्रारंभ में श्री गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को स्मृति चिन्ह भेंट किया। श्री भार्गव और श्री अभिषेक भार्गव ने अन्य अतिथियों का स्वागत- अभिनदंन किया। मुख्यमंत्री ने श्री गोपाल भार्गव को इस पुनीत कार्य को संपन्न करवाने के लिए स्वागत कर उनका अभिनदंन भी किया। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत हुए इस भव्य समारोह में नवदंपतियों और उनके परिवार में भारी उत्साह देखा गया। नव दंपतियों को गृहस्थ जीवन के लिए जो सामग्री भेंट की गई, उसमें पलंग, गददा, चादर, तकिया, सिलाई मशीन, टेबिल, कुर्सियां, बैग, वस्त्र, प्रेशर कुकर, डिनर सेट, दीवाल घड़ी, पंखा, रजाई, स्टील टंकी गुंड व कसेड़ी,  स्मार्ट टीवी, मंगल सूत्र (स्वर्ण) चांदी आभूषण पायल, बिछड़ी, बेंदी आदि थे।

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