प्रदेश में विधानसभा के आम चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस संगठन में कसावट करने के लिए कसरत कर रही हैं। लगभग जिला अध्यक्ष बदले जाने को मजबूत बनाने के लिए उनकी सिफारिशें महत्वपूर्ण मानी जा रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ प्रायः कहते हैं कि कांग्रेस का मुकाबला भाजपा के संगठन से हैं और अब शायद वे कांग्रेस संगठन को मजबूती देने के लिए कसरत कर रहे हैं। पूरे संगठन को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं और चुनावी दृष्टि से जमावट कर रहे हैं। प्रदेश संगठन में मीडिया में प्रदेश कार्यालय में महत्वपूर्ण परिवर्तन करने के बाद अब करीब 20 जिलों में नए अध्यक्ष बनाए जा रहे हैं। इस संबंध में पार्टी हाईकमान से भी उनकी चर्चा हो चुकी है। जिन पुराने जिलाध्यक्ष को हटाया जा रहा है उन्हें भी कहीं ना कहीं जिम्मेदारी दी जाएगी। पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व भी इस विश्वास में है कि मध्य प्रदेश में 2023 में कांग्रेस की सरकार बनेगी। भारत जोड़ो यात्रा का मध्य प्रदेश में जिस तरह से स्वागत हुआ और समर्थन मिला उसके बाद राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया कि वह लिखकर देने को तैयार है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल जानते हैं कि यदि संगठन में जिला ब्लाक और बूथ स्तर पर कसावट नहीं की गई तो भाजपा के मजबूत संगठन से चुनाव के दौरान मुकाबला करना मुश्किल हो जाएगा और शायद यही कारण है कि कांग्रेस में अब संगठन दुरुस्ती के अंतिम दौर में है
संगठन में महत्वपूर्ण इकाई जिला अध्यक्ष होता है और पिछले कुछ दिनों की कसरत के बाद संगठन प्रभारियों की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश के लगभग 20 कांग्रेस जिला अध्यक्षों को बदले जाने की चर्चा है। इनमें कुछ जिलाध्यक्ष विधानसभा का चुनाव लड़ने के इच्छुक बताए जाते हैं। इस कारण उन्हें संगठन के काम से मुक्त कर अपने विधानसभा क्षेत्र में समय देने के लिए कहा जाएगा। पिछले दिनों यूथ कांग्रेस के पदाधिकारियों को भी बदला गया है। हालांकि हटाने की प्रक्रिया पर विवाद है युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया की शिकायत कमलनाथ के पास पहुंची है। यूथ कांग्रेस के पदाधिकारियों ने बिना नोटिस के कार्रवाई करने को लेकर मोर्चा खोल दिया है। विक्रांत भूरिया ने जिन 23 पदाधिकारियों को बर्खास्त किया था उनको निष्क्रिय बताया था। कुल मिलाकर भाजपा के मजबूत संगठन से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस अब संगठन को मजबूत करने के लिए हर तरह से कोशिश कर रही है। कांग्रेस में पहली बार टिकट वितरण की तरह कांग्रेस पदाधिकारियों को बनाने से पहले उनके बारे में फीडबैक लिया जा रहा है खास जिलाध्यक्ष के मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम जनता से भी राय ली जा रही है, लेकिन कुछ जिलों में महीनों से जिला अध्यक्ष के पद खाली हैं। इस प्रक्रिया के चलते इतनी देर हो रही है कि उन जिलों में संगठन निष्क्रिय पड़ा हुआ है। चुनावी वर्ष में जहां एक और भाजपा के लगातार कार्यक्रम बन गए हैं। जिसमें 24 जनवरी को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होगी और इसके बाद जिला मंडल और 29 जनवरी को बूथ स्तर पर बैठकर संपन्न हो जाएंगी जाहिर है। प्रदेश में 2023 का विधानसभा चुनाव प्रत्याशियों के साथ साथ संगठन के स्तर पर भी लड़ा जाएगा।
व्यक्तिगत विचार-आलेख-
श्री देवदत्त दुबे जी ,वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनैतिक विश्लेषक मध्यप्रदेश ।
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