उमा भारती ने जनवरी से अपने अघोषित चुनाव अभियान का आरंभ किया चुनावी साल की शुरुआत से ही सांप्रदायिकता का वातावरण बनने लगा। धार की
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हमारा इतिहास : मुख्यमंत्री काटजू का भोपाल में कोई परिचित न था
हमेशा विवादों में रहने वाले विख्यात विख्यात न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू कैलाश नाथ काटजू के प्रपौत्र है उस जमाने में जब कारों की कीमत मात्र दो-तीन
हमारा इतिहास : दिग्विजय ने कहा “मैनेजमेंट से जीते जाते हैं चुनाव”
इन सब घटनाओं के बावजूद दिग्विजय सिंह को चुनाव जीतने का पूरा भरोसा था वह कहते थे कि चुनाव मैनेजमेंट से जीते जाते हैं। मैनेजमेंट
हमारा इतिहास : दिग्विजय की पराजय…
दिग्विजय सिंह ने 1993 से लगातार 10 सालों तक मुख्यमंत्री रह कर मध्य प्रदेश की राजनीति में नया कीर्तिमान बनाया था। उनके पहले इतने लंबे
हमारा इतिहास : पहले 5 साल और काटजू
दिसंबर 1956 में जब रविशंकर शुक्ल का निधन हुआ तब मध्य प्रदेश को संभालने के लिए कई दावेदार सामने आने लगे द्वारका प्रसाद मिश्र उन
मध्य प्रदेश के मंत्री महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बने
मध्य प्रदेश के गठन को 2 महीने ही हुए थे कि रविशंकर शुक्ल नहीं रहे आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ-साथ वह
हमारा इतिहास : उस दिन दुखी हुए शुक्ल
अनुभवी मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल को यह सब प्रशासनिक कार्य मुश्किल नहीं थे। उस दिन शुक्ल कांग्रेस हाईकमान के बुलावे पर सन 1957 में होने वाले
हमारा इतिहास : साल भर स्टेशन पर पड़ी रही फाइलें
नागपुर, रीवा ,इंदौर और ग्वालियर से सरकारी रिकार्ड का भोपाल स्थानांतरण करना बहुत बड़ी चुनौती थी। ऐसा किया जाना आवश्यक भी था और समय पर
हमारा इतिहास : पटवारी बन गए डिप्टी कलेक्टर…
मध्यप्रदेश के पहले 5 साल बड़े चुनौतीपूर्ण थे चार अलग-अलग प्रदेश जब एक हुए तो सबकी अपनी अपनी संस्कृति और कार्यशैली थी। जहां रजवाड़े वाले
हमारा इतिहास : मध्यप्रदेश में भी बनना थी विधान परिषद्
जब मध्यप्रदेश की विधानसभा का गठन हो रहा था तब विधान परिषद बनना तय था किंतु घटनाक्रम कुछ ऐसा हुआ कि विधान परिषद नहीं बन