बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में देश के जाने माने फिल्म निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की आने वाली बहुप्रतीक्षित फिल्म ”द कश्मीर फाइल्स” को मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने और हिंदू समुदाय के सदस्यों को सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की आशंका के कथित आधार पर रिलीज से रोकने की मांग वाली एक जनहित याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि अनुपम खेर, पल्ल्वी जोशी और मिथुन चक्रवर्ती जैसे जाने माने अभिनेताओं के संजीदा अभिनय वाली विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म इस शुक्रवार 11 मार्च को रिलीज होने के लिए तैयार है। जो रिलीज़ के पहले ही सोशलमीडिया में सुर्ख़ियों में बानी हुई है चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ;सीबीएफसीद्ध द्वारा जारी सेंसर प्रमाणपत्र को चुनौती नहीं दी। एक प्रभावी वैकल्पिक उपाय की समाप्ति का नियम एक जनहित याचिका में भी लागू होता है जैसा कि निजी हित में शुरू किए गए मुकदमे के संबंध में होता है।
फिल्म 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों की हत्या पर आधारित है। जनहित याचिका उत्तर प्रदेश के इंतेज़ार हुसैन सईद द्वारा दायर की गई। इसमें कहा गया कि जैसा कि फिल्म के ट्रेलर में देखा गयाए ऐसे दृश्य हैं जो भारत के लोगोंए विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं और इसमें भड़काऊ दृश्यों का बहुत शक्तिशाली मिश्रण है जो देश में मौजूदा परिस्थितियों में सांप्रदायिक हिंसा का कारण बन सकते हैं। याचिका में यह भी तर्क दिया गया कि ट्रेलर में देखे गए संवाद नस्लीय और धार्मिक टिप्पणी हैं। साथ ही भेदभावपूर्णए मानहानिकारक और भारत के संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने उपर्युक्त सभी तर्कों को ख़ारिज करते हुए फिल्म कि रिलीज़ पर रोक लगाने से इंकार कर दिया ।