भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद साहब पर दिये गये आपत्तिजनक बयान के बाद देश की सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी ने एक अच्छी पहल करते हुए टीवी डिवेट में अपनी पार्टी का पक्ष रखने वाले अपने प्रवक्ताओं के नफरत फैलाने वाले बयानों पर न सिर्फ कार्रवाई की है, बल्कि एक बयान भी जारी किया है। भाजपा ने एक बयान जारी करके कहा है कि वह किसी भी धर्म या धार्मिक व्यक्ति के अपमान का समर्थन नहीं करती है। पार्टी ने कहा है कि भारत सभी धर्मों का सम्मान करने वाला देश है और भाजपा उस विचारधारा के खिलाफ हैए जो किसी भी धर्म का अपमान करता है।
भाजपा के महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आजादी के 75वें साल में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना लगातार मजबूत हो रही है। हमारी पहली प्राथमिकता अखंड भारत और विकास है। देश की एकता बनी रहे, इसलिए हम लगातार काम कर रहे हैं। पार्टी की ओर से जारी बयान में आगे कहा गया है. भारत के हजारों वर्षों के इतिहास में प्रत्येक धर्म फला.फूला है। भाजपा किसी भी धर्म के किसी भी धार्मिक व्यक्ति के अपमान की कड़ी निंदा करती है। पार्टी उस विचारधारा के सख्त खिलाफ है] जो किसी भी संप्रदाय या धर्म का अपमान करती है। बीजेपी ऐसी किसी विचारधारा का प्रचार नहीं करती।
गौरतलब है कि भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक बयान दिया था। हालांकि भाजपा की ओर से आधिकारिक तौर पर जारी बयान में किसी घटना या बयान का जिक्र नहीं है। लेकिन उसमें कहा गया है. भाजपा न ऐसे किसी विचार को मानती है और न ही उसे प्रोत्साहन देती है। बयान में कहा गया है. भारत की हजारों वर्षों की यात्रा में हर धर्म पुष्पित व पल्लवित हुआ है। भारतीय जनता पार्टी सर्व पंथ समभाव को मानती है। किसी भी धर्म के पूजनीयों का अपमान भाजपा स्वीकार नहीं करती। इसमें कहा गया है. आजादी के 75वें वर्ष में, इस अमृत काल में एक भारतए श्रेष्ठ भारत की भावना को निरंतर मजबूत करते हुएए हमें देश की एकताए अखंडता और देश के विकास को सर्वाेच्च प्राथमिकता देनी है।
हालाकि भाजपा द्धारा की गई इस कार्यवाही का भाजपा सर्मथको द्धारा विरोध भी दर्ज कराया जा रहा है सोशल मीडिया में भाजपा सर्मथक माने जाने वाले बड़े चेहरे और कार्यकर्ता नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल के निलंबन को गलता मान रहे है , जबकि बयान देने वाली नुपूर शर्मा और और उस बयान को रिट्वीट कर बढावा देने वाले नवीन जिंदल दोनो भाजपा नेताओं ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका मकसद किसी धर्म विशेष की भावनाओं को आहत करने का नहीे था।