पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मन ने भ्रष्टाचार के मांमले में एक बेमिशाल और कार्यवाही की है आम आदमी पार्टी सरकार के एक मंत्री भ्रष्टाचार के मामले में रंगे हाथ पकड़े गए हैं, जिसके बाद उनको बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त किए जाने के थोड़ी देर बाद ही उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया। पंजाब के स्वस्थ मंत्री का ठेकेदारों से एक फीसदी कमीशन मांगने का खुलासा होने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को कैबिनेट से बरखास्त कर दिया गया। बाद में पंजाब पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उनको गिरफ्तार कर लिया।मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विजय सिंगला को बरखास्त किए जाने की जानकारी देते हुए खुद कहा कि सिंगला स्वास्थ्य विभाग में हर काम और टेंडर के बदले एक फीसदी कमीशन मांग रहे थे। बताया जा रहा है कि कमीशन मांगने के बारे में जानकारी मिलने पर उनके खिलाफ एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था, जिसमें इस बात का सबूत भी मिल गए। गौरतलब है कि मार्च में सरकार बनने पर सिंगला ने जोर देकर कहा था कि विभाग में किसी तरह का भ्रष्टाचार बरदाश्त नहीं किया जाएगा। लेकिन उनके ही विभाग में भरस्टाचार की खबर मिलने पर पिछले लगभग एक महीने से मुख्यमंत्री की नजर स्वस्थ विभाग की कार्यशैली पर थी ।
बताया जा रहा है कि सिंगला के भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री भगवंत मान तक पहुंची थी। उन्होंने गुपचुप तरीके से इसकी जांच कराई। अफसरों से पूछताछ की, फिर मंत्री सिंगला को तलब किया गया। मुख्यमंत्री ने जब मंत्री को ऑडियो सुनकर पूंछा की इसमें किसकी आवाज है मुझे हाँ या ना में उत्तर चाहिए तो मंत्री ने गलती मान ली, जिसके बाद उन्हें बरखास्त किया गया। इस घटना पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री मान की तारीफ करते हुए कहा है कि उन्हें इस फैसले पर गर्व है। दूसरी ओर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे कमीशन का झगड़ा बता कर इसकी आलोचना की।
बहरहाल, गिरफ्तार किए जाने के बाद सिंगला से मोहाली में सीनियर अफसरों ने विस्तार से पूछताछ की। बाद में सिंगला को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 27 मई तक तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पंजाब का स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद विजय सिंगला ने 28 मार्च को कहा था कि वे भ्रष्टाचार बरदाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने करप्शन पर जीरो टॉलरेंस का दावा भी किया था। उस बयान के ठीक 57 दिन बाद 24 मई को वे भ्रष्टाचार के मामले में हटाए गए हैं और गिरफ्तार हुए हैं।