दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को क्या अब अपने संघर्ष के पुराने साथ्यिों की याद आ रही होगी यह सवाल इसलिये उठता है क्योकि कई दिनो से केजरीवाल जेल मे है उनके जेल जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने जिस तरह उग्र होकर विरोध प्रदर्शन किया था वह भी अब धीरे धीरे ठंडा पड़ता जा रहा है अधिकांश नेता लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त है आम आदमी पार्टी के एकमात्र लोकसभा सांसद सुशील कुमार रिंकू पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके है और जलंधर से चुनाव लड़ेंगे लेकिन अन्य राज्यसभा सांसद भी नदारद है जिनमें एनडी गुप्ता स्वाती मालीवाल राघव चडडा जैसे चर्चित चेहरे है जो इलाज के लिये विदेशो में है तो पंजाब से आम आमी पार्टी के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने भी केजरीवाल की गिरफतारी के विरोध में न तो कोई बयान दिया है न ही विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे है। इनकी जगह अगर पुराने राजनैतिक लोग केजरीवाल के साथ होते तो शायद आज संसद से सड़क तक प्रदर्शनो का दौर चल रहा होता।