डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में अब ई-रिसोर्स के रिमोट एक्सेस की सुविधा

डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में अब ई-रिसोर्स के रिमोट एक्सेस की सुविधा

विश्वविद्यालय में अब ई-रिसोर्स के रिमोट एक्सेस की सुविधा इन्फ्लिबिनेट के सहयोग से अब कहीं भी, कभी भी ई-रिसोर्स का कर सकेंगे उपयोग

सागर न्यूज़ डेस्क, मध्यप्रदेश 

डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के जवाहर लाल नेहरू पुस्तकालय के तत्त्वावधान में ई-रिसोर्स के ऑफ़ कैम्पस एक्सेस (रिमोट लॉग इन) वेबसाईट का अनावरण हुआ. मुख्य अतिथि इन्फ्लिबिनेट के निदेशक प्रो. जे पी सिंह जूरेल एवं कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की उपस्थिति में वेबसाईट का ऑनलाइन अनावरण किया गया. कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने स्वागत वक्तव्य देते हुए कहा कि आज के समय में डिजिटल रिसोर्स काफी महत्त्वपूर्ण हो गया है. वर्तमान कोरोना के दौर में ज्ञान के संसाधनों के उपयोग के पारंपरिक तरीके चुनौतीपूर्ण भरे हैं. डिजिटल युग में ई-रिसोर्स की उपलब्धता पढने-पढ़ाने में सहायक है. अभी तक विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में उपलब्ध ई-संसाधनों का उपयोग विश्वविद्यालय परिसर में ही आने पर हो पाता था लेकिन अब विद्यार्थी, शोधार्थी और शिक्षक कभी भी, कहीं से भी इन ऑनलाइन ज्ञान संसाधनों का उपयोग कर पायेंगे. यह विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने ज्ञान के आदान-प्रदान में सहायक इस सुविधा की शुरुआत के लिए सभी को शुभकामनाएं दीं.

मुख्य अतिथि प्रो. जूरेल ने कहा कि अभी तक ई-संसाधन सीमित क्षेत्र में ही होता था लेकिन अब यह विश्वविद्यालय भी एक ऐसी सुविधा अपने शिक्षकों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों को प्रदान कर रहा है. देश के चुनिंदा संस्थानों में ही इस तरह की सुविधा है. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जिसने इन्फ्लिबिनेट के सहयोग से इन्डियन एक्सेस मैनेजमेंट फेडरेशन की सदस्यता लेते हुए ई-संसाधनों के रिमोट एक्सेस की शुरुआत करने जा रहा है. इन्फ्लिबिनेट के वैज्ञानिक वी. राजा ने ई-रिसोर्स के पोर्टल के उपयोग के लिए तकनीकी पक्षों पर प्रकाश डाला और सभी प्रतिभागी शिक्षकों एवं शोधार्थियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया. कार्यक्रम का संचालन प्रभारी पुस्तकालयाध्यक्ष प्रो. यू. के. पाटिल ने किया. सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने कार्क्रम का तकनीकी समन्वयन किया और बताया कि ई-रिसोर्स के रिमोट एक्सेस के लिए यूजर-आईडी और पासवर्ड सभी को उपलब्ध करा दिया गया है. आभार कुलसचिव संतोष सोहगौरा ने व्यक्त किया. इस अवसर पर प्रो. पीपी सिंह, प्रो. हेरेल थॉमस, प्रो. ए. पी. मिश्रा, डॉ. पुष्पल घोष, डॉ. रणजीत रजक सही कई शिक्षक एवं शोधार्थी ऑनलाइन उपस्थित थे.

 2 समाजविज्ञान शिक्षण अधिगम केंद्र की कार्यप्रणाली को समझने के लिए दल ने किया अवलोकन

डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के समाजविज्ञान शिक्षण अधिगम केंद्र के उद्देश्यों, कार्यप्रणाली एवं गतिविधियों को जानने और समझने के लिए अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, सागर के प्रशिक्षु, एसोसिएट और मेंटर समूह के सदस्यों ने भ्रमण किया. केंद्र के अवलोकन के दौरान ने शिक्षण अधिगम केंद्र के समन्वयक डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि देश में कुल 25 टीएलसी स्थापित है, जिसमें सागर विश्वविद्यालय का टीएलसी, देश का एकमात्र शिक्षण अधिगम केंद्र है, जो समाजविज्ञान विषय में कार्य करने के लिए स्थापित किया गया है. यह विषयवस्तु, संदर्भ और कक्षा गतिविधियों में स्कूल और उच्च शिक्षा स्तर पर सामाजिक विज्ञान शिक्षकों को सशक्त बनाने का एक बहु-उद्देश्यीय केंद्र है । यह केंद्र मुख्य रूप से सामाजिक विज्ञान विषयों में सीखने-सिखाने के नवाचारी तरीकों को कक्षाओं में प्रभावी रूप से इस्तेमाल करने की पद्धति को विकसित करने के लिए कार्य कर रहा है । यह केंद्र सरकारी स्कूलों, सामुदायिक स्कूलों और समुदाय के बीच मौजूद अन्तराल को कम करने के लिए प्रयासरत है। सामाजिक परोपकार के अपने लक्ष्य के अंतर्गत इस केंद्र ने अभी हाल ही में कई बहुमूल्य पुस्तकें, शोध पत्रिकायें, भारतीय संस्कृति के ग्रन्थ. शिक्षा नीति के दस्तावेज़ और इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ ब्रिटानिका आदि प्राप्त किया है. टीएलसी के द्वारा अब तक 5000 से अधिक शिक्षकों, शोधार्थियों, टीचर्स ट्रेनर्स को प्रशिक्षण प्रदान कर चुका है. कई शिक्षा संस्थानों के साथ अकादमिक अनुबंध के साथ अकादमिक दक्षता उन्नयन कार्य किया जा रहा है. सामाजिक विज्ञान के लिए राष्ट्रीय स्तर के संसाधन केंद्र की स्थापना की गई है जिसमे भारत के सभी राज्यों से 10,000 से अधिक किताबें, शिक्षण सामग्री, स्कूल स्तर की पाठ्यपुस्तकों का संग्रह विद्यमान है. अवलोकन के दौरान अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के सौदीप्तो बंजा ने अपने सभी साथियों के परिचय कराया. इस दल में बिहार, उत्तरप्रदेश , महाराष्ट्र , केरल, आसाम, त्रिपुरा, राजस्थान आदि राज्यों के लोग थे.

3 आकाशवाणी कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को मिलेगा अवसर

डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत आकाशवाणी सागर के कार्यक्रमों में सहभागिता हेतु विश्वविद्यालय के नियमित छात्र/छात्राओं को अवसर प्रदान किया जा रहा है. वर्तमान के नियमित छात्र-छात्रा अपने आई-कार्ड/रजिस्ट्रेशन पत्र/फीस रसीद की फोटो कापी के साथ दिनांक 06 जनवरी 2022 तक संगीत विभाग में अपने आवेदन प्रेषित कर सकते हैं. 07 जनवरी 2022 को दोपहर 2 बजे से आजादी का अमृत महोत्सव विषय पर छात्र-छात्राओं से भाषण प्रस्तुति के माध्यम से उनका चयन किया जाएगा. ये छात्र-छात्राएं आकाशवाणी, सागर के कार्यक्रमों में अलग-अलग भूमिकाओं में सहभागिता कर सकेंगे.

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